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पहली बार भारतीय प्रधानमंत्री Narendra Modi को मिला ‘The Grand Commander’ सम्मान, जानिए क्यों?

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पहली बार भारतीय प्रधानमंत्री Narendra Modi को मिला 'The Grand Commander' सम्मान, जानिए क्यों?

मॉरीशस के प्रधानमंत्री नविनचंद्र रामगुलाम ने मंगलवार को घोषणा की कि प्रधानमंत्री Narendra Modi को देश के सर्वोच्च सम्मान से नवाजा जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी को ‘The Grand Commander of the Order of Star and Key of Indian Ocean’ से सम्मानित किया जाएगा। यह विशेष सम्मान पीएम मोदी को भारत और मॉरीशस के बीच संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान के लिए दिया जा रहा है। रामगुलाम ने यह भी कहा कि मोदी अब इस सम्मान से नवाजे जाने वाले पांचवे विदेशी नागरिक हैं और वह पहले भारतीय हैं जिन्हें यह सम्मान प्राप्त हो रहा है।

यह सम्मान पीएम मोदी को उनके मॉरीशस दौरे के दौरान दिया गया। प्रधानमंत्री मोदी वर्तमान में दो दिवसीय दौरे पर मॉरीशस में हैं और इस सम्मान की घोषणा उस समय की गई जब उन्होंने एक समुदाय कार्यक्रम को संबोधित किया। पीएम मोदी ने इस सम्मान के लिए मॉरीशस के लोगों का आभार व्यक्त किया और इसे दोनों देशों के बीच मजबूत दोस्ती का प्रतीक बताया।

पीएम मोदी को 21वीं अंतरराष्ट्रीय सम्मान

प्रधानमंत्री मोदी को यह सम्मान उनकी विदेश नीति और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में दी गई सफलताओं के लिए दिया गया है। यह पीएम मोदी का 21वां अंतरराष्ट्रीय सम्मान है, जिसे किसी अन्य देश द्वारा दिया गया है। पीएम मोदी को पहले भी विभिन्न देशों ने उनके नेतृत्व के लिए उच्चतम राष्ट्रीय सम्मान से नवाजा है। इसके साथ ही पीएम मोदी को दुनिया भर में सबसे लोकप्रिय नेताओं में से एक माना जाता है।

अन्य देशों द्वारा सम्मानित प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कई देशों ने उनके नेतृत्व और योगदान के लिए सम्मानित किया है। 2014 से लेकर अब तक 21 देशों ने उन्हें अपने सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा है। इनमें संयुक्त राष्ट्र द्वारा दिया गया ‘Champions of the Earth’ अवार्ड भी शामिल है, जो पर्यावरण के क्षेत्र में उनके नेतृत्व को मान्यता देता है।

पहली बार भारतीय प्रधानमंत्री को मिला 'The Grand Commander' सम्मान, जानिए क्यों?

इसके अलावा, पीएम मोदी को 2016 में अफगानिस्तान द्वारा ‘State Order of Ghazi Amir Amanullah Khan’, 2018 में फिलिस्तीन द्वारा ‘Grand Collar of the State of Palestine’, 2019 में संयुक्त अरब अमीरात द्वारा ‘Order of Zayed’, रूस द्वारा ‘Order of St. Andrew’ और मालदीव द्वारा ‘Order of the Distinguished Rule of Izzuddin’ जैसे सम्मान प्राप्त हुए हैं।

सिर्फ इतना ही नहीं, पीएम मोदी को 2019 में बहरीन द्वारा ‘King Hamad Order of the Renaissance’, 2020 में अमेरिका द्वारा ‘Legion of Merit’, 2021 में भूटान द्वारा ‘Order of the Dragon King’ और 2021 में फिजी और पापुआ न्यू गिनी द्वारा ‘Order of Fiji’ और ‘Order of Logohu’ से भी सम्मानित किया गया है।

पीएम मोदी की लोकप्रियता और अंतरराष्ट्रीय साख

प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता केवल भारत में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में बढ़ी है। उनका नेतृत्व विश्व स्तर पर सराहा गया है और विभिन्न देशों ने उनके काम और नेतृत्व के लिए उन्हें सम्मानित किया है। पीएम मोदी ने न केवल अपने देश में बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी भारत का सम्मान बढ़ाया है। उनकी कूटनीति और नेतृत्व ने भारत को एक मजबूत वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित किया है।

‘The Grand Commander of the Order of Star and Key of Indian Ocean’ का महत्व

मॉरीशस द्वारा दिया गया ‘The Grand Commander of the Order of Star and Key of Indian Ocean’ सम्मान एक ऐतिहासिक घटना है, क्योंकि यह पहली बार किसी भारतीय प्रधानमंत्री को इस सम्मान से नवाजा जा रहा है। यह सम्मान न केवल पीएम मोदी के नेतृत्व के लिए, बल्कि भारत और मॉरीशस के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए भी है। भारत और मॉरीशस के बीच गहरे ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और सामरिक संबंध हैं और पीएम मोदी के नेतृत्व में इन संबंधों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मॉरीशस द्वारा ‘The Grand Commander of the Order of Star and Key of Indian Ocean’ से सम्मानित करना एक महत्वपूर्ण कदम है जो भारत और मॉरीशस के बीच दोस्ती और सहयोग को और मजबूत करेगा। पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने न केवल वैश्विक स्तर पर अपनी उपस्थिति को मजबूत किया है, बल्कि देशों के बीच मजबूत और सार्थक संबंध स्थापित किए हैं। यह सम्मान पीएम मोदी की अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक सफलता और उनकी नेतृत्व क्षमता को मान्यता देने का प्रतीक है।

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Monsoon Session of Parliament 2025: जन विश्वास से लेकर खेल प्रशासन तक, सरकार ला रही है नए कानून! जानिए अंदर की रणनीति

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Monsoon Session of Parliament 2025: जन विश्वास से लेकर खेल प्रशासन तक, सरकार ला रही है नए कानून! जानिए अंदर की रणनीति

Monsoon Session of Parliament 2025:  संसद का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है जो 21 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान कुल 21 बैठकें होंगी। हालांकि स्वतंत्रता दिवस समारोह के चलते 12 से 18 अगस्त तक संसद की कार्यवाही स्थगित रहेगी। सरकार इस सत्र में कई अहम बिलों पर चर्चा करने और कुछ नए बिल पेश करने की योजना बना रही है। यह सत्र न केवल विधायी कामकाज के लिहाज से बल्कि राजनीतिक माहौल के दृष्टिकोण से भी काफी महत्वपूर्ण होने वाला है।

सर्वदलीय बैठक में नेताओं का जमावड़ा

सत्र से पहले रविवार को सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई जिसमें विभिन्न दलों के प्रमुख नेताओं ने भाग लिया। बीजेपी के जेपी नड्डा और किरेन रिजिजू, कांग्रेस के गौरव गोगोई और प्रमोद तिवारी, एनसीपी की सुप्रिया सुले, शिवसेना के श्रीकांत शिंदे, डीएमके के टीआर बालू, आरजेडी के प्रेमचंद्र गुप्ता, जेडीयू के संजय झा समेत कई वरिष्ठ नेता बैठक में शामिल हुए। बैठक का उद्देश्य था कि सभी दलों को मिलाकर सत्र की कार्यवाही को सुचारु रूप से चलाया जा सके।

Monsoon Session of Parliament 2025: जन विश्वास से लेकर खेल प्रशासन तक, सरकार ला रही है नए कानून! जानिए अंदर की रणनीति

 पेश किए जाएंगे ये नए बिल

इस बार सरकार कुल 8 नए बिल संसद में पेश करने जा रही है। इनमें प्रमुख हैं मणिपुर जीएसटी संशोधन बिल, कराधान कानून संशोधन बिल, जन विश्वास संशोधन विधेयक, भारतीय प्रबंधन संस्थान संशोधन विधेयक, भू-धरोहर संरक्षण विधेयक, खनिज संसाधन सुधार विधेयक, राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक और राष्ट्रीय डोपिंग विरोध संशोधन विधेयक। ये बिल शिक्षा, खेल, पर्यावरण और कर व्यवस्था जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में बदलाव ला सकते हैं।

लटके हुए पुराने बिलों पर भी होगी चर्चा

इस सत्र में 7 ऐसे पुराने बिलों पर भी चर्चा होनी है जो पहले से लंबित हैं। इनमें भारतीय बंदरगाह विधेयक, इनकम टैक्स बिल, गोवा में अनुसूचित जनजातियों के पुनः प्रतिनिधित्व से जुड़ा बिल, मर्चेंट शिपिंग बिल, कोस्टल शिपिंग बिल, समुद्री वस्तुओं के परिवहन से जुड़े बिल और बिल ऑफ लैंडिंग बिल शामिल हैं। ये सभी बिल भारत के समुद्री कानून और आर्थिक नीति से जुड़े हैं जिनका देश की व्यापार व्यवस्था पर सीधा प्रभाव पड़ेगा।

विपक्ष और सरकार की रणनीति का टकराव

हालांकि सरकार इस सत्र को विधायी दृष्टि से सफल बनाना चाहती है लेकिन विपक्ष पहले ही संकेत दे चुका है कि वह कुछ मुद्दों पर सरकार को घेरने की योजना बना रहा है। महंगाई, बेरोजगारी और मणिपुर हिंसा जैसे मुद्दे विपक्ष के एजेंडे में शामिल हैं। ऐसे में इस सत्र में बहस गर्म होने की पूरी संभावना है। सर्वदलीय बैठक भले ही सौहार्दपूर्ण रही हो लेकिन सदन के अंदर माहौल कितना शांत रहेगा यह देखने वाली बात होगी।

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Earthquake: एक बार फिर कांपी धरती! उत्तराखंड से अफगानिस्तान तक धरती के कंपन का कहर

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Earthquake: एक बार फिर कांपी धरती! उत्तराखंड से अफगानिस्तान तक धरती के कंपन का कहर

Earthquake: उत्तराखंड के चमोली जिले में आज सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.3 मापी गई और इसकी गहराई 10 किलोमीटर बताई गई। हालांकि इससे किसी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है लेकिन लोगों में घबराहट जरूर देखी गई। पहाड़ी इलाकों में इस तरह के झटके अक्सर डर पैदा कर देते हैं।

अफगानिस्तान, म्यांमार और तिब्बत भी नहीं बचे

सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पड़ोसी देशों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। अफगानिस्तान में दो बार 4.2 और 4.0 तीव्रता के भूकंप आए जिनकी गहराई क्रमशः 190 किलोमीटर और 125 किलोमीटर थी। वहीं तिब्बत में 3.6 तीव्रता और म्यांमार में 3.7 तीव्रता का भूकंप आया। ये सभी घटनाएं एक ही दिन में सामने आईं जिससे साफ होता है कि इस क्षेत्र में टेक्टोनिक हलचल बढ़ी हुई है।

Earthquake: एक बार फिर कांपी धरती! उत्तराखंड से अफगानिस्तान तक धरती के कंपन का कहर

हरियाणा भी हिला, दो जिलों में आया भूकंप

हरियाणा में भी बुधवार-गुरुवार की रात को रोहतक और गुरुवार दोपहर झज्जर जिले में भूकंप आया। रोहतक में 3.3 और झज्जर में 2.5 तीव्रता के झटके दर्ज किए गए। हालांकि दोनों जगह किसी नुकसान की खबर नहीं मिली। इससे पहले भी हरियाणा के कुछ हिस्सों में भूकंप के झटके देखे जा चुके हैं जो चिंता का विषय है।

 आखिर क्यों आते हैं भूकंप?

धरती की सतह के नीचे कई टेक्टोनिक प्लेट्स होती हैं जो लगातार धीरे-धीरे सरकती रहती हैं। जब ये प्लेट्स आपस में टकराती हैं, खिसकती हैं या एक-दूसरे से अलग होती हैं तो ऊर्जा का संचार होता है और यह ऊर्जा भूकंपीय तरंगों के रूप में बाहर निकलती है जिससे धरती हिलती है। यही प्रक्रिया भूकंप कहलाती है।

भारत में हिमालयी क्षेत्र सबसे संवेदनशील

भारत के हिमालयी क्षेत्र में भूकंप का खतरा सबसे ज्यादा रहता है क्योंकि यहां भारतीय प्लेट और यूरेशियन प्लेट टकराती हैं। यह टक्कर भूगर्भीय संरचना में लगातार दबाव और तनाव पैदा करती है जिससे यहां भूकंपीय गतिविधियां अधिक होती हैं। यही वजह है कि उत्तराखंड, हिमाचल और पूर्वोत्तर भारत में भूकंप की घटनाएं सामान्य बात हो गई हैं।

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Mumbai Vidhan Bhavan बना रणभूमि! पत्रकार पर हाथ उठाना पड़ा भारी, दो गिरफ्तार

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Mumbai Vidhan Bhavan बना रणभूमि! पत्रकार पर हाथ उठाना पड़ा भारी, दो गिरफ्तार

Mumbai Vidhan Bhavan में गुरुवार को हुई मारपीट की घटना ने राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मचा दिया है। मुंबई पुलिस ने इस मामले में तेजी दिखाते हुए दो आरोपियों – नितिन देशमुख और ऋषिकेश तकले को देर रात गिरफ्तार कर लिया। यह मामला मरीन ड्राइव थाने में दर्ज हुआ है। दोनों आरोपियों की मेडिकल जांच भी कराई गई है और आईपीसी की कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है।

राजनीतिक झगड़ा बना आपराधिक मामला

इस पूरी घटना की शुरुआत दो विधायकों – जितेंद्र आव्हाड और गोपीचंद पडळकर के समर्थकों के बीच हुई बहस से मानी जा रही है। बताया जा रहा है कि बुधवार को दोनों विधायकों के बीच तीखी बहस हुई थी और गुरुवार को यह विवाद समर्थकों के बीच झगड़े में बदल गया। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों का आपराधिक इतिहास भी है और उनसे पूछताछ की जा रही है।

मुख्यमंत्री फडणवीस ने जताई गंभीर चिंता

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस पूरे मामले को गंभीर बताते हुए विधान सभा अध्यक्ष और विधान परिषद के सभापति से कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि जो लोग इस प्रकार की घटनाओं को अंजाम देते हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई जरूर की जाएगी। वहीं गोपीचंद पडळकर ने घटना पर खेद व्यक्त किया है लेकिन मामला राजनीतिक रूप से गरम होता नजर आ रहा है।

पत्रकार से दुर्व्यवहार पर नितेश राणे का निशाना

बीजेपी नेता और मंत्री नितेश राणे ने इस मामले में एक वीडियो साझा किया है जिसमें एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड एक पत्रकार का वीडियो बनाने से रोकते हुए उसका हाथ मारते हैं। राणे ने इसे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर सीधा हमला बताया और कहा कि विधान भवन जैसी संवैधानिक जगह पर यह शर्मनाक हरकत है।

संजय राउत ने की राष्ट्रपति शासन की मांग

शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता संजय राउत ने इस घटना पर महाराष्ट्र की गिरती राजनीतिक संस्कृति पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि विधान भवन में गुंडे घुस रहे हैं और यह सब एक साजिश का हिस्सा है। उन्होंने आरोप लगाया कि जितेंद्र आव्हाड की हत्या की साजिश रची गई थी और राज्य में अब राष्ट्रपति शासन लगाने की जरूरत है।

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