टेक्नॉलॉजी
Facebook: मेटा की मुश्किलें बढ़ीं! फेसबुक अब रिश्तों का नहीं बिज़नेस का बन गया है अड्डा

Facebook: जब भी फेसबुक का नाम आता है तो पुराने दिनों की यादें ताजा हो जाती हैं। पहले लोग फेसबुक पर अपने पुराने दोस्तों और रिश्तेदारों से जुड़ने के लिए आते थे। फोटो शेयर करना पोस्ट पर कमेंट करना और लाइक करना एक आम बात थी लेकिन अब सब कुछ बदल गया है।
अब सिर्फ मनोरंजन का जरिया
आज के समय में फेसबुक एक सोशल कनेक्शन प्लेटफॉर्म नहीं रहा बल्कि यह सिर्फ मनोरंजन और वीडियो देखने की जगह बन गया है। अब दोस्ती की बातें व्हाट्सऐप और इंस्टाग्राम पर होती हैं और फेसबुक पर सिर्फ कंटेंट और विज्ञापन देखने को मिलते हैं।
मार्क जुकरबर्ग की दिल की बात
फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने खुद माना कि अब फेसबुक का मकसद लोगों को जोड़ना नहीं रह गया है। यह बात उन्होंने एंटीट्रस्ट केस की सुनवाई के दौरान कही। पहले फेसबुक जीवन के पलों को साझा करने के लिए था लेकिन अब वह प्राथमिकता खत्म हो चुकी है।
बदल गया है फेसबुक का चेहरा
अब फेसबुक एक कंटेंट मशीन बन गया है जो यूजर्स को ज्यादा देर तक प्लेटफॉर्म पर रखने के लिए एआई बेस्ड फीड दिखाता है। इसका मकसद यह है कि यूजर्स ज्यादा से ज्यादा विज्ञापन देखें और कंपनी को फायदा हो। दोस्ती और रिश्तों की जगह अब एल्गोरिद्म ने ले ली है।
मेटा पर बड़ा केस चल रहा है
इस समय मेटा और फेसबुक एक मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। मेटा पर एंटीट्रस्ट केस चल रहा है जिसमें एफटीसी ने गंभीर आरोप लगाए हैं। एफटीसी का कहना है कि मेटा ने अपने प्रतिस्पर्धियों से मुकाबला करने के बजाय उन्हें खरीद लिया जिससे बाजार में असंतुलन पैदा हुआ।
टेक्नॉलॉजी
AI पर आधारित Who-Fi तकनीक! बिना कैमरा जाने आपकी हर हरकत

Who-Fi: तकनीक ने आज इंसानी ज़िंदगी को जितना आसान बनाया है उतना ही खतरनाक भी। कैमरा या माइक्रोफोन के बिना अगर कोई आपकी पहचान कर ले तो हैरानी तो होगी ही। लेकिन अब यह हकीकत बन चुकी है। ‘Who-Fi’ नाम की एक नई तकनीक आई है जो सिर्फ WiFi सिग्नल के जरिए किसी भी इंसान की मौजूदगी और उसकी पहचान कर सकती है।
WiFi से कैसे पहचानता है इंसान
Who-Fi सिस्टम साधारण 2.4 GHz WiFi सिग्नल का उपयोग करता है। जब इंसान कमरे में चलता है या कोई हरकत करता है तो उसका शरीर WiFi सिग्नल की दिशा और ताकत को बदल देता है। इसी बदलाव को Channel State Information कहते हैं। यह तकनीक रडार की तरह काम करती है।
AI और Neural Network का जबरदस्त मेल
Who-Fi तकनीक एक Transformer आधारित Neural Network का उपयोग करती है जिसे Large Language Model भी कहा जाता है। यह मॉडल WiFi सिग्नल में आने वाले बदलावों को पढ़कर इंसान की हरकतों और उसकी बॉडी के पैटर्न को पहचानता है। हर इंसान की चाल और बॉडी मूवमेंट अलग होती है और यही इसकी बायोमेट्रिक पहचान बन जाती है।
कैमरे-माइक्रोफोन की जरूरत ही नहीं
इस सिस्टम की सबसे बड़ी खासियत यही है कि इसे काम करने के लिए कैमरे या माइक्रोफोन जैसे सेंसर की जरूरत नहीं होती। बस एक एंटीना वाला WiFi ट्रांसमीटर और तीन एंटीना वाला रिसीवर चाहिए। इसके जरिए इंसान के शरीर की हर हलचल रिकॉर्ड की जा सकती है। यहां तक कि यह तकनीक साइन लैंग्वेज को भी पहचान सकती है।
निजता पर मंडराता नया संकट
भले ही यह तकनीक निगरानी और सुरक्षा के लिहाज से बेहतरीन लगे पर इससे डिजिटल प्राइवेसी पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। अब अगर कोई बिना आपकी जानकारी के WiFi नेटवर्क के जरिए आपकी पहचान कर ले और हर गतिविधि पर नज़र रखे तो सोचिए क्या होगा। इस तकनीक से जुड़ा सबसे बड़ा डर यही है कि कहीं यह किसी की निजी जिंदगी में ताकझांक का जरिया न बन जाए।
टेक्नॉलॉजी
क्या आपका IRCTC अकाउंट भी हुआ ब्लॉक? रेलवे की सबसे बड़ी कार्रवाई का राज

भारतीय रेलवे ने टिकट बुकिंग में हो रहे फर्जीवाड़े पर बड़ी कार्रवाई करते हुए 2.5 करोड़ से ज्यादा IRCTC यूजर आईडी को ब्लॉक कर दिया है। ये जानकारी संसद के मानसून सत्र में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी। उन्होंने बताया कि डेटा एनालिसिस के दौरान पता चला कि करोड़ों फर्जी आईडी बनाए गए थे जिनका इस्तेमाल दलाल फर्जी टिकट बुकिंग में कर रहे थे। सरकार की इस सख्त कार्रवाई का मकसद ईमानदार यात्रियों को बेहतर और पारदर्शी सेवा देना है।
फर्जीवाड़ा रोकने के लिए बदले गए तत्काल नियम
रेलवे ने Tatkal टिकट बुकिंग को पारदर्शी बनाने के लिए नए नियम लागू किए हैं। अब Tatkal टिकट सिर्फ OTP आधारित वेरिफिकेशन और आधार लिंक्ड IRCTC अकाउंट से ही बुक किए जा सकेंगे। इसका मतलब है कि अब बिना आधार से जुड़े आईडी पर Tatkal टिकट बुक नहीं होंगे। ये नियम 1 जुलाई 2025 से पूरे देश में लागू कर दिए गए हैं। इससे दलालों के नेटवर्क पर सीधा असर पड़ा है और आम यात्री आसानी से टिकट बुक कर पा रहे हैं।
डिजिटल पेमेंट की सुविधा अब ऑफलाइन काउंटर पर भी
रेलवे ने अब PRS यानी काउंटर टिकट बुकिंग सिस्टम में भी डिजिटल पेमेंट की सुविधा शुरू कर दी है। अब यात्री ऑफलाइन टिकट भी UPI और अन्य डिजिटल माध्यमों से बुक कर सकते हैं। इससे नकद लेनदेन में पारदर्शिता आएगी और बुकिंग प्रक्रिया और भी सरल होगी। यह कदम खासकर उन लोगों के लिए राहत है जो तकनीकी रूप से बहुत सक्षम नहीं हैं और काउंटर से ही टिकट लेना पसंद करते हैं।
वेटिंग टिकटों की होगी रीयल टाइम निगरानी
रेल मंत्री ने संसद में यह भी बताया कि अब वेटिंग लिस्ट पर भी नजर रखी जा रही है। जब किसी ट्रेन में वेटिंग लंबी हो जाती है तो उसमें अतिरिक्त कोच जोड़े जाते हैं या फिर वैकल्पिक ट्रेन और अपग्रेडेशन स्कीम का विकल्प यात्रियों को दिया जाता है। इससे यात्रियों को सफर के दौरान अधिक सुविधा मिल रही है और उन्हें बार-बार टिकट कैंसिल कराने की जरूरत नहीं पड़ती।
ऑनलाइन बुकिंग का नया युग
रेलवे मंत्री के अनुसार अब 89% टिकटें ऑनलाइन माध्यम से बुक हो रही हैं। इससे साबित होता है कि लोग डिजिटल सिस्टम पर भरोसा कर रहे हैं। मगर इसी भरोसे को ठगने के लिए दलाल फर्जी आईडी बनाकर सिस्टम का दुरुपयोग कर रहे थे। अब आधार आधारित सत्यापन से इस पर रोक लगेगी और आम आदमी को ईमानदारी से टिकट बुक करने का मौका मिलेगा। यह एक नई शुरुआत है जो रेलवे की पारदर्शिता की ओर इशारा करती है।
टेक्नॉलॉजी
Realme Buds T200: 10 मिनट चार्ज करो और 5 घंटे नाचो! रीयलमी Buds T200 ने मचाई धूम

Realme Buds T200: चीनी टेक कंपनी रीयलमी ने भारत में अपने नए ट्रू वायरलेस स्टीरियो (TWS) ईयरबड्स Realme Buds T200 को लॉन्च कर दिया है। इन्हें Realme 15 Pro 5G और Realme 15 5G स्मार्टफोन के साथ पेश किया गया है। ये ईयरबड्स इन-ईयर डिजाइन में आते हैं और चार शानदार रंगों – ड्रीमी पर्पल, मिस्टिक ग्रे, स्नोई व्हाइट और नीयन ग्रीन – में उपलब्ध हैं। 12.4mm डायनामिक ड्राइवर्स के साथ आने वाले ये ईयरबड्स जबरदस्त साउंड क्वालिटी का वादा करते हैं।
32dB तक का एक्टिव नॉयस कैंसिलेशन
Realme Buds T200 में एक्टिव नॉयस कैंसिलेशन (ANC) की सुविधा दी गई है जो 32dB तक के बाहरी शोर को कम करने में सक्षम है। इसके अलावा, इसमें क्वाड-माइक्रोफोन सेटअप भी है जो कॉलिंग के दौरान बेहतर साउंड क्वालिटी देता है। गेम खेलने वालों के लिए इसमें 45ms लो-लेटेंसी गेम मोड भी दिया गया है जिससे गेमिंग का अनुभव और भी स्मूद हो जाता है। ये बड्स ब्लूटूथ 5.4 को सपोर्ट करते हैं और डुअल डिवाइस कनेक्टिविटी की सुविधा भी देते हैं।
दमदार बैटरी और सुपरफास्ट चार्जिंग
Realme Buds T200 को एक बार फुल चार्ज करने पर 50 घंटे तक का प्लेबैक टाइम मिलता है जब ANC ऑफ होता है। वहीं अगर ANC ऑन किया गया हो तो भी ये 35 घंटे तक साथ देते हैं। सिर्फ 10 मिनट की चार्जिंग से ये ईयरबड्स 5 घंटे तक म्यूजिक सुनने का समय दे सकते हैं। यह उन यूजर्स के लिए खास है जो हमेशा मूव में रहते हैं और जल्दी चार्जिंग की आवश्यकता होती है।
हाई-रेज ऑडियो और ऐप सपोर्ट
इन ईयरबड्स को Hi-Res Audio सर्टिफिकेशन मिला है और ये LDAC कोडेक सपोर्ट करते हैं जिससे ऑडियो क्वालिटी बेहद क्रिस्प और क्लियर मिलती है। रीयलमी लिंक ऐप के जरिए यूजर्स अपने ईयरबड्स की साउंड प्रोफाइल्स और टच कंट्रोल्स को कस्टमाइज़ कर सकते हैं। ये एंड्रॉइड और iOS दोनों प्लेटफॉर्म्स के साथ कम्पैटिबल हैं जिससे इस्तेमाल करना बेहद आसान हो जाता है।
कीमत और उपलब्धता
Realme Buds T200 की कीमत भारत में ₹1,999 रखी गई है। हालांकि लॉन्च ऑफर के तहत ग्राहक ₹300 की बैंक छूट के साथ इन्हें सिर्फ ₹1,699 में खरीद सकते हैं। इन बड्स की बिक्री 1 अगस्त से रीयलमी की आधिकारिक वेबसाइट, फ्लिपकार्ट और अन्य ऑफलाइन स्टोर्स पर शुरू होगी। इनकी IP55 रेटिंग इन्हें डस्ट और वॉटर रेसिस्टेंट बनाती है जो इन्हें एक्सरसाइज या बारिश में भी इस्तेमाल करने के लिए उपयुक्त बनाता है।
-
Fashion8 years ago
These ’90s fashion trends are making a comeback in 2017
-
Fashion8 years ago
According to Dior Couture, this taboo fashion accessory is back
-
मनोरंजन8 years ago
The old and New Edition cast comes together to perform
-
Sports8 years ago
Phillies’ Aaron Altherr makes mind-boggling barehanded play
-
Sports8 years ago
Steph Curry finally got the contract he deserves from the Warriors
-
मनोरंजन8 years ago
Disney’s live-action Aladdin finally finds its stars
-
Business8 years ago
Uber and Lyft are finally available in all of New York State
-
Fashion8 years ago
Your comprehensive guide to this fall’s biggest trends