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Delhi court grants exemption from personal appearance to Vikash Yadav after he cites threat to life

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Delhi court grants exemption from personal appearance to Vikash Yadav after he cites threat to life
विकास यादव को दिल्ली स्थित एक व्यवसायी की शिकायत के बाद पिछले साल दिसंबर में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया था, जिसमें उस पर जबरन वसूली और अपहरण का आरोप लगाया गया था। फ़ाइल

विकास यादव को दिल्ली स्थित एक व्यवसायी की शिकायत के बाद पिछले साल दिसंबर में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया था, जिसमें उस पर जबरन वसूली और अपहरण का आरोप लगाया गया था। फ़ाइल | फोटो साभार: द हिंदू

दिल्ली की एक अदालत ने व्यक्तिगत पेशी से छूट दे दी है विकाश यादवजान से मारने की कोशिश का आरोप लगाया खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नून अमेरिका में जान को खतरा होने का दावा करने के बाद उनके खिलाफ अपहरण और जबरन वसूली का मामला दर्ज किया गया था।

विशेष न्यायाधीश सुमित दास ने शनिवार (16 नवंबर, 2024) को श्री यादव को उनके वकील द्वारा दायर एक आवेदन पर छूट दी, जिसमें दावा किया गया था कि उनके व्यक्तिगत विवरण सार्वजनिक कर दिए गए हैं, जिससे उनका जीवन खतरे में पड़ गया है।

न्यायाधीश ने उन्हें सुनवाई की अगली तारीख तीन फरवरी को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया।

उन्हें पिछले साल दिसंबर में दिल्ली के एक व्यवसायी की शिकायत के बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया था, जिसमें उन पर जबरन वसूली और अपहरण का आरोप लगाया गया था। मार्च में आरोप पत्र दायर किया गया और श्री यादव को अप्रैल में जमानत दे दी गई।

‘अमेरिका द्वारा नामित’

श्री यादव, जिनके बारे में कहा जाता है कि वे रॉ के पूर्व अधिकारी थे, का नाम अमेरिका द्वारा पन्नून की हत्या के असफल प्रयास के सिलसिले में लिया गया था।

अदालत के समक्ष आवेदन में कहा गया है कि “आवेदक (यादव) के खिलाफ झूठे और तुच्छ आरोप लगाए गए हैं और आवेदक का विवरण जैसे कि उसका निवास, उसकी पृष्ठभूमि और उसकी तस्वीरें दुनिया भर में प्रकाशित की गई हैं, जिससे आवेदक की पोल खुल गई है।” नापाक तत्वों से उनके जीवन को गंभीर खतरा है।”

“आवेदक को शत्रु तत्वों द्वारा लगातार निगरानी में रखा जा रहा है, जो सभी संभावित स्थानों पर आवेदक का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे आवेदक के पास अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के अलावा कोई विकल्प नहीं रह गया है। आवेदक के जीवन को खतरा स्पष्ट, वर्तमान और गंभीर है। , अदालत के समक्ष आवेदक की आसन्न और संभावित और शारीरिक उपस्थिति से आवेदक को नष्ट करने का अवसर मिलने की संभावना है, “आवेदन में दावा किया गया है।

इसमें दावा किया गया कि वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पेश होना भी “बेहद असुरक्षित” था क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक तकनीक के इस्तेमाल से श्री यादव के स्थान का पता लगाया जा सकता था। इसमें दावा किया गया है कि आवेदक मुकदमे के माध्यम से अपनी बेगुनाही अर्जित करने का इच्छुक है और उसका प्रतिनिधित्व उसके वकील द्वारा किया जाता है।

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Odisha: बर्तन में फंसा मासूम का सिर, दमकल कर्मियों ने दो घंटे की मशक्कत से बचाई जान

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Odisha: बर्तन में फंसा मासूम का सिर, दमकल कर्मियों ने दो घंटे की मशक्कत से बचाई जान

Odisha के मलकानगिरी जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां तीन साल का एक बच्चा खेलते-खेलते गंभीर मुसीबत में फंस गया। यह घटना कोरुकोंडा गांव की है जहां छोटे तनमय नाम के बच्चे ने खेलते वक्त अपना सिर एक नए स्टील के बर्तन में डाल लिया। सिर अंदर तो चला गया लेकिन बाहर निकालते वक्त बर्तन में फंस गया।

माता-पिता की घबराहट और तत्काल कदम

बच्चा जब रोने लगा तो उसके माता-पिता घबरा गए। उन्होंने खुद से बर्तन निकालने की बहुत कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली। घबराए हुए पिता उसे तुरंत कोरुकोंडा फायर स्टेशन लेकर पहुंचे। वहां हालात की गंभीरता को देखते हुए फायर ब्रिगेड टीम ने तुरंत बच्चे को मलकानगिरी मुख्य फायर स्टेशन भेजा ताकि विशेष उपकरणों से राहत कार्य किया जा सके।

Odisha: बर्तन में फंसा मासूम का सिर, दमकल कर्मियों ने दो घंटे की मशक्कत से बचाई जान

फायर ब्रिगेड का रेस्क्यू ऑपरेशन

मलकानगिरी फायर स्टेशन में एक विशेष टीम बनाई गई और ऑपरेशन शुरू किया गया। बर्तन को काटने के लिए विशेष कटर का इस्तेमाल किया गया। पूरे दो घंटे की मेहनत के बाद दमकल कर्मियों ने बेहद सावधानी से बर्तन को काटा और बच्चे का सिर सुरक्षित बाहर निकाला। राहत की बात यह रही कि तनमय को कोई गंभीर चोट नहीं आई और वह पूरी तरह सुरक्षित है।

समय पर मदद ने बचाई जान

इस हादसे ने एक बार फिर साबित कर दिया कि समय पर उठाया गया कदम और सतर्कता कितनी ज़रूरी होती है। यदि फायर ब्रिगेड की टीम समय पर नहीं पहुंचती या अगर सावधानी नहीं बरती जाती तो यह हादसा बड़ी दुर्घटना में बदल सकता था। गांव वालों ने फायर कर्मियों की तत्परता और सूझबूझ की जमकर तारीफ की।

माता-पिता को दी गई चेतावनी

इस घटना के बाद फायर ब्रिगेड अधिकारियों ने सभी माता-पिता से अपील की है कि वे छोटे बच्चों को घर में मौजूद नए और असामान्य वस्तुओं से खेलने न दें। अक्सर मासूमियत में बच्चे ऐसी चीजें कर बैठते हैं जो जानलेवा साबित हो सकती हैं। थोड़ी सी सतर्कता बड़े हादसों से बचा सकती है।

 

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Kerala: बारिश ने मचाई तबाही! रातों-रात केरल के कई शहरों में पेड़ उखड़े और बिजली गुल

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Kerala: बारिश ने मचाई तबाही! रातों-रात केरल के कई शहरों में पेड़ उखड़े और बिजली गुल

Kerala में शुक्रवार रात से हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह से अस्तव्यस्त कर दिया है। कई जिलों में जलभराव की स्थिति बन गई है। मौसम विभाग ने राज्य के सात जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया है। अलर्ट वाले जिलों में अलप्पुझा, कोट्टायम, इडुक्की, एर्नाकुलम, त्रिशूर, मलप्पुरम और कोझिकोड शामिल हैं। ऑरेंज अलर्ट का मतलब है कि यहां 11 से 20 सेंटीमीटर तक की बहुत भारी बारिश हो सकती है।

कोझिकोड और कन्नूर में तबाही

कोझिकोड जिले में तेज हवा के साथ भारी बारिश ने रातों-रात कहर बरपा दिया। कई जगह पेड़ गिर गए जिससे बिजली के तार टूट गए और बिजली आपूर्ति ठप हो गई। घरों और गाड़ियों को भी नुकसान हुआ है। कन्नूर जिले से भी ऐसी ही घटनाएं सामने आई हैं। यहां एक दुखद घटना में 78 वर्षीय बुजुर्ग की मौत हो गई जब एक पेड़ उनके घर पर गिर पड़ा।

बांधों के दरवाजे खोले गए

तेज बारिश के चलते राज्य के बांधों में भी जलस्तर बढ़ गया है। वायनाड स्थित बाणासुरा सागर और पलक्कड़ जिले के अलीयार डैम के गेट खोल दिए गए हैं। प्रशासन ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। डैम से पानी छोड़े जाने की वजह से बाढ़ का खतरा और बढ़ गया है।

 मलप्पुरम में भी हालात बिगड़े

मलप्पुरम जिले में भी भारी बारिश और तेज हवाओं की वजह से कई जगहों पर पेड़ उखड़ गए। सड़कों पर गिरे पेड़ों की वजह से यातायात बाधित हो गया है। सोशल मीडिया पर ऐसे कई वीडियो वायरल हो रहे हैं जिनमें सड़कों पर पेड़ गिरे हुए देखे जा सकते हैं। लोगों को घरों से बाहर निकलने में भी परेशानी हो रही है।

अगले पांच दिन और मुसीबत

भारतीय मौसम विभाग और केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने चेतावनी दी है कि यह बारिश 29 जुलाई तक इसी तरह जारी रह सकती है। इसके पीछे महाराष्ट्र से लेकर केरल तट तक बने कम दबाव के क्षेत्र को जिम्मेदार माना जा रहा है। आने वाले दिनों में हवा की रफ्तार 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो सकती है जिससे नुकसान की आशंका और बढ़ गई है।

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केंद्रीय विश्वविद्यालयों में खाली पदों पर Rahul Gandhi का हमला! यह सिर्फ लापरवाही नहीं, बल्कि साजिश है

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केंद्रीय विश्वविद्यालयों में खाली पदों पर Rahul Gandhi का हमला! यह सिर्फ लापरवाही नहीं, बल्कि साजिश है

Rahul Gandhi: हाल ही में संसद में पेश किए गए आंकड़ों ने चौंकाने वाला सच सामने लाया है। देश के अधिकतर केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर के पद बड़ी संख्या में खाली हैं। खासकर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षित पदों में 60 से 80 प्रतिशत तक की भारी कमी है। यह सिर्फ शिक्षा की गिरती हालत नहीं बल्कि गहरी सामाजिक चिंता का विषय बन चुका है।

राहुल गांधी का तीखा हमला

राहुल गांधी ने इन आंकड़ों को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ प्रशासनिक लापरवाही नहीं बल्कि बहुजनों को शिक्षा और शोध से दूर रखने की एक ‘सोची-समझी साजिश’ है। उनका कहना है कि सरकार की मंशा है कि बहुजन समाज उच्च शिक्षा और नीति निर्माण से बाहर ही रहे ताकि उनकी आवाज कहीं न सुनी जाए।

‘एनएफएस’ के नाम पर हो रहा अन्याय

राहुल गांधी ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार योग्य उम्मीदवारों को ‘एनएफएस’ यानी ‘नॉट फाउंड स्युटेबल’ कहकर बाहर कर रही है। एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के हजारों योग्य अभ्यर्थियों को अयोग्य बताकर उनके हक छीने जा रहे हैं। उन्होंने इसे ‘संस्थागत मनुवाद’ करार देते हुए कहा कि यह सोच आज भी जीवित है और व्यवस्था में गहराई तक समाई हुई है।

बहुजनों की अनुपस्थिति से शोध में भी पक्षपात

राहुल गांधी ने इस बात पर चिंता जताई कि बहुजनों की शिक्षा और विश्वविद्यालयों में सहभागिता कम होने से उनकी समस्याएं शोध और विमर्श से भी गायब हो रही हैं। जब विश्वविद्यालयों में ही उनके प्रतिनिधि नहीं होंगे तो उनकी जरूरतों और अधिकारों पर कौन बात करेगा। यह समाज के एक बड़े हिस्से को साइलेंट बना देने की प्रक्रिया है।

बहुजनों को मिलना चाहिए उनका अधिकार

राहुल गांधी ने सरकार से मांग की है कि सभी खाली पदों को तुरंत भरा जाए। उन्होंने कहा कि यह एक बड़ी सामाजिक ज़िम्मेदारी है जिसे अब और नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। बहुजनों को उनका हक मिलना चाहिए न कि मनुवादी सोच के तहत बहिष्करण। शिक्षा में समान अवसर देना ही सच्चा लोकतंत्र होगा।

 

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