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CPI registers its objections to proposed FPPCA with APERC

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CPI registers its objections to proposed FPPCA with APERC

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने ट्रू-अप शुल्कों के संबंध में आंध्र प्रदेश विद्युत नियामक आयोग (एपीईआरसी) में आपत्तियां और सुझाव दायर किए।

सीपीआई के राज्य सचिव के. रामकृष्ण ने सोमवार, 18 नवंबर को कहा कि पूर्वी, मध्य और दक्षिणी बिजली वितरण कंपनियों ने वित्तीय वर्ष 2023 के लिए ईंधन मूल्य और बिजली खरीद लागत समायोजन (एफपीपीसीए) प्रस्तावों पर सार्वजनिक आपत्तियां और प्रतिक्रिया मांगी है। 24. इन प्रस्तावों से बिजली उपभोक्ताओं पर 11,820 करोड़ रुपये का वित्तीय बोझ पड़ेगा। वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान खपत की गई बिजली पर मासिक रूप से 50 पैसे से ₹2.50 प्रति यूनिट के बीच अतिरिक्त शुल्क लगाया जाएगा। उन्होंने कहा, ठीक एक महीने पहले 6,072 करोड़ रुपये का बोझ डाला गया था और अब उस राशि को दोगुना करना अन्यायपूर्ण है।

सरकार की अकुशल नीतियां, भ्रष्टाचार, बड़ी कंपनियों को अतिरिक्त भुगतान, सरकारी स्वामित्व वाले थर्मल प्लांटों में बिजली उत्पादन रोकना, खुले बाजार से ऊंची दरों पर बिजली खरीदना, अधिभार, ब्याज दरें और अन्य कारक इसके कुछ कारण थे। बोझ, उन्होंने कहा।

एपीईआरसी को जनता पर बोझ डाले बिना इन मुद्दों की पहचान करनी चाहिए और उनमें सुधार करना चाहिए। आयोग को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए ट्रू-अप शुल्क में ₹6,072 करोड़ एकत्र करने के हालिया आदेश पर भी पुनर्विचार करना चाहिए और रद्द करना चाहिए। महीनों या वर्षों पहले उपयोग की गई बिजली के लिए उपभोक्ताओं से समायोजन और ट्रू-अप शुल्क वसूलने की प्रथा अत्यधिक त्रुटिपूर्ण है। सरकार और वितरण कंपनियाँ इस प्रणाली का दुरुपयोग कर रही थीं, जिसके परिणामस्वरूप जनता पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा था। उन्होंने कहा, इसलिए ट्रू-अप और एडजस्टमेंट चार्ज सिस्टम को पूरी तरह खत्म किया जाना चाहिए।

मौजूदा सरकार ने जनता पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ नहीं डालने और बिजली दरें कम करने का वादा किया था. इसलिए, सरकार को अपनी प्रतिबद्धता का सम्मान करना चाहिए और अतिरिक्त लागत वहन करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आयोग को इस संबंध में उचित निर्देश जारी करना चाहिए।

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ISI Agent कासिम के बाद अब भाई असीम हिरासत में, दिल्ली पुलिस की बड़ी कार्रवाई

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ISI Agent कासिम के बाद अब भाई असीम हिरासत में, दिल्ली पुलिस की बड़ी कार्रवाई

कुछ दिन पहले राजस्थान के दीग से ISI Agent कासिम को गिरफ्तार किया गया था। अब दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने कासिम के भाई आसिम को राजस्थान से हिरासत में लिया है। हालांकि आसिम को अभी गिरफ्तार नहीं किया गया है, बल्कि उसे फिलहाल पूछताछ के लिए हिरासत में रखा गया है। आसिम पर भी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने का शक है। पुलिस इस मामले में दोनों भाइयों से पूछताछ कर रही है ताकि पता लगाया जा सके कि क्या आसिम भी पहले से पाकिस्तान के लिए जासूसी करता रहा है।

कासिम तक पहुंचा था ISI का जाल आसिम के जरिए

पुलिस जांच में सामने आया है कि ISI ने कासिम को अपने जाल में फंसाने के लिए उसके भाई आसिम का इस्तेमाल किया। कासिम मौलवी है इसलिए इसे जासूसी के लिए इस्तेमाल करना आसान था क्योंकि कोई उस पर शक नहीं करता। पुलिस के मुताबिक, कासिम और आसिम दोनों के बीच ISI ने एक खास नेटवर्क बनाया था। अब दोनों भाइयों से लगातार पूछताछ जारी है ताकि इस जासूसी के पूरे षड़यंत्र का पता लगाया जा सके।

ISI Agent कासिम के बाद अब भाई असीम हिरासत में, दिल्ली पुलिस की बड़ी कार्रवाई

कासिम ने पूछताछ में बड़ी बातें बताईं

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल में कासिम ने पूछताछ के दौरान कई बड़े खुलासे किए हैं। उसने बताया कि उसे पाकिस्तान के लाहौर में सेना के एक कैंप में ट्रेनिंग दी गई थी। उसे तीन ISI अधिकारियों ने ट्रेनिंग दी। जांच में यह भी पता चला कि कासिम समेत कुछ आरोपियों को पाकिस्तान में तीन ISI अफसर ट्रेनिंग दे रहे थे। इनमें से दो अफसरों के कोडनेम शाहजी और ताउजी हैं, जबकि एक ISI अधिकारी का नाम वकास बताया गया है। इन अधिकारियों का मकसद भारत के खिलाफ खुफिया जानकारी इकट्ठा करना और जासूसी करना था।

आसिम का कासिम के ISI कनेक्शन से जुड़ाव

कासिम की पूछताछ के आधार पर दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम आसिम की तलाश में थी। अब आसिम को भी हिरासत में लेकर उससे पूछताछ शुरू कर दी गई है। पुलिस को शक है कि आसिम ने ISI के लिए कई सालों से जासूसी की है। वह अलवर में सेना की चौकी की रेक्की करता था और सेना की गाड़ियों की हर गतिविधि पर नजर रखता था। उसने सेना के वाहन की तस्वीरें भी खींची। पुलिस ने आसिम के फोन को लैब में भेजा है ताकि उसकी व्हाट्सएप चैट और अन्य डेटा निकाले जा सकें। इससे पता चलेगा कि आसिम ने पाकिस्तान में अपने हैंडलर को कौन-कौन सी जानकारी भेजी। पूछताछ के बाद और भी बड़े राज खुलने की उम्मीद है।

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Delhi News: आने वाले दिनों में क्या बड़ा कदम उठाने वाली है रेखा सरकार! जानिए मुख्यमंत्री की रणनीति

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Delhi News: आने वाले दिनों में क्या बड़ा कदम उठाने वाली है रेखा सरकार! जानिए मुख्यमंत्री की रणनीति

Delhi News: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने शुक्रवार को दिल्ली के सीबीएसई टॉपर्स का सम्मान किया। यह सम्मान शैक्षणिक सत्र 2024-2025 के कक्षा 10वीं और 12वीं के टॉपर्स को दिया गया। साथ ही उन स्कूलों को भी पुरस्कार दिए गए जिन्होंने 100 प्रतिशत परिणाम हासिल किए। यह कार्यक्रम राजनिवास मार्ग स्थित राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय में आयोजित हुआ। मुख्यमंत्री मुख्य अतिथि के रूप में और शिक्षा मंत्री विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

उत्कृष्ट विद्यार्थियों को मिला विशेष सम्मान

कार्यक्रम में कक्षा 10वीं और 12वीं के बेहतरीन परिणाम लाने वाले 10-10 स्कूलों को चुना गया। 10वीं में 95 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले 16 छात्रों और 12वीं में 95 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले 71 छात्रों को मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अमिताभ बच्चन का प्रसिद्ध डायलॉग याद दिलाया और दुष्यंत कुमार की पंक्तियां पढ़कर विद्यार्थियों का उत्साह बढ़ाया। उन्होंने कहा कि आसमान में छेद किया जा सकता है बस पूरी ताकत से पत्थर फेंकने की जरूरत है।

दिल्ली सरकार के स्कूलों पर गर्व

मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ाई करके बच्चों ने जो ऊंचाइयां हासिल की हैं वह हमारे लिए गर्व की बात है। उन्होंने सभी को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने बताया कि पिछली सरकारों में इस तरह के कार्यक्रम छह महीने की देरी से होते थे जिससे बच्चों की खुशी कम हो जाती थी। उन्होंने शिक्षा मंत्री से इस कार्यक्रम को तुरंत आयोजित करने का आग्रह किया था और उसी पर यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। एसबीआई ने बच्चों को आईपैड भी दिए जिसके लिए उन्होंने धन्यवाद दिया।

स्कूल के दिनों की यादें और भविष्य की उम्मीदें

मुख्यमंत्री ने अपने स्कूल के दिनों को याद करते हुए बताया कि वह खुद अशोक विहार की छात्रा रह चुकी हैं और उन्हें 87 प्रतिशत अंक मिले थे। उन्होंने कहा कि आज हम विश्व स्तरीय सुविधाएं चाहते हैं ताकि बच्चे दिलचस्पी लें। डिजिटल लाइब्रेरी हो अच्छे शिक्षक हों और एक बेहतरीन माहौल हो ताकि चाहे कोई डॉक्टर बने इंजीनियर बने या पायलट बने दिल्ली का नाम जुड़ा रहे।

सरकार की प्राथमिकताएं और आगे की योजनाएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी स्कूलों को माता पिता की प्राथमिकता बनाना चाहिए। जैसे पोस्ट ग्रेजुएशन में सरकारी कॉलेजों को महत्व दिया जाता है वैसे ही स्कूलों को भी दिया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि उनकी सरकार के 100 दिन पूरे हो चुके हैं और उन्होंने नीतिगत फैसले लिए हैं। उन्होंने विद्यार्थियों में आशा जगाते हुए कहा कि अगली बार 100 प्रतिशत परिणाम लाना है। उन्होंने यह भी कहा कि पिछली सरकारों ने 9वीं और 11वीं के डेढ़ लाख बच्चों को स्कूलों से बाहर किया था अब उनकी भी अच्छे से मार्गदर्शन की जरूरत है।

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Karnataka: बलात्कार के आरोप के बाद मठ पर चला बुलडोजर! रायबाग में मचा हड़कंप,

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Karnataka: बलात्कार के आरोप के बाद मठ पर चला बुलडोजर! रायबाग में मचा हड़कंप,

Karnataka: आज कर्नाटक के बेलगाम जिले के रायबाग इलाके में एक मठ पर बुलडोजर चला दिया गया। यह मठ लोकेश्वर स्वामी का था जो मेखली गांव में बना हुआ था। रायबाग के तहसीलदार के आदेश पर गुरुवार को इसे ज़मीनदोज़ कर दिया गया।

मठ के स्वामी पर बलात्कार का आरोप

तीन दिन पहले पुलिस ने इस मठ के प्रमुख 30 वर्षीय लोकेश्वर स्वामी को नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किया था। लड़की के परिवार ने इलाज के नाम पर उसे स्वामी के पास भेजा था लेकिन उसने पुलिस में शिकायत कर दी कि स्वामी ने उसे दो अलग-अलग शहरों में ले जाकर होटल में बलात्कार किया।

Karnataka: बलात्कार के आरोप के बाद मठ पर चला बुलडोजर! रायबाग में मचा हड़कंप,

सरकारी ज़मीन पर कब्ज़े का आरोप

बलात्कार के मामले से पहले ही इस मठ पर सरकारी ज़मीन पर कब्ज़ा करने का आरोप था। तहसीलदार ने पिछले छह महीनों में तीन बार नोटिस भेजकर मठ खाली करने के निर्देश दिए थे। जांच में सामने आया कि सात साल पहले स्वामी ने शेड लगाकर मठ का काम शुरू किया और धीरे-धीरे अवैध निर्माण करके बड़ा मठ बना लिया।

प्रशासन ने दी अंतिम चेतावनी

रायबाग तालुक प्रशासन ने सात दिन पहले आखिरी नोटिस दिया था लेकिन मठ के प्रबंधन ने उसे खाली करने की कोई पहल नहीं की। इसके बाद प्रशासन ने आज सुबह बुलडोजर की कार्रवाई शुरू कर दी। स्वामी की गिरफ्तारी के बाद गांव वालों में भी मठ के खिलाफ गुस्सा देखा गया।

भारी पुलिस सुरक्षा में कार्रवाई

आज सुबह रायबाग के तहसीलदार अधिकारियों और पुलिस सुरक्षा के साथ जेसीबी मशीन लेकर पहुंचे। मठ को खाली कराया गया और फिर बुलडोजर चलाकर मठ को गिरा दिया गया। इस पूरे मामले को लेकर प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया और स्थानीय लोग भी इस कार्रवाई से संतुष्ट दिखे।

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