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Brain-Typing AI: मेटा की AI टेक्नोलॉजी से टाइपिंग का नया युग, अब सोचते ही होगा टाइप

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Brain-Typing AI: मेटा की AI टेक्नोलॉजी से टाइपिंग का नया युग, अब सोचते ही होगा टाइप

Brain-Typing AI: डिजिटल दुनिया में हर दिन नई-नई तकनीकें सामने आ रही हैं। इन तकनीकों के बीच एक सवाल यह भी है कि क्या आप सोच कर टाइप कर सकते हैं? अगर नहीं, तो जानिए Meta (पहले फेसबुक) ने इस दिशा में क्या कदम उठाए हैं। 2017 में Facebook ने एक अनोखे विचार का प्रस्ताव दिया था कि एक ब्रेन-रीडिंग सिस्टम होना चाहिए, जो केवल सोचने से टाइप कर सके। यह विचार अब Meta ने एक वास्तविकता की ओर बढ़ाया है। हालांकि, यह तकनीक अभी तक आम जनता के लिए उपलब्ध नहीं है, लेकिन इसके विकास में महत्वपूर्ण प्रगति हो चुकी है।

Meta का ब्रेन-टाइपिंग एआई कैसे काम करता है?

Meta की यह नई तकनीक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और न्यूरोसाइंस के माध्यम से मस्तिष्क की गतिविधियों का विश्लेषण करती है और यह अनुमान लगाती है कि व्यक्ति कौन सा अक्षर टाइप कर रहा है। यह तकनीक मस्तिष्क में होने वाली सबसे छोटी गतिविधियों को रिकॉर्ड करती है, ताकि वह जान सके कि व्यक्ति क्या सोच रहा है। हालांकि, इसमें एक समस्या भी है। यह पूरी प्रणाली एक बहुत बड़े और महंगे डिवाइस पर निर्भर करती है, और इसे केवल नियंत्रित प्रयोगशाला में ही इस्तेमाल किया जा सकता है।

इस तकनीक को समझने के लिए MIT Technology Review की रिपोर्ट के अनुसार, Magnetoencephalography (MEG) मशीन का उपयोग किया जाता है। यह मशीन मस्तिष्क की गतिविधियों को मैग्नेटिक सिग्नल के तहत रिकॉर्ड करती है। MEG मशीन अत्यधिक संवेदनशील होती है और यह मस्तिष्क की सूक्ष्मतम गतिविधियों को भी पकड़ सकती है।

यह तकनीक आम जनता के लिए क्यों उपलब्ध नहीं है?

हालांकि यह तकनीक वैज्ञानिक दृष्टिकोण से एक बड़ी उपलब्धि मानी जाती है, लेकिन इसे आम उपयोग के लिए उत्पाद में बदलने में अभी काफी समय लगेगा। इसके पीछे कई कारण हैं:

  1. महंगी मशीन: MEG मशीन का वजन लगभग आधा टन होता है और इसकी कीमत लगभग 2 मिलियन डॉलर (लगभग 16 करोड़ रुपये) है। इस भारी कीमत के कारण यह तकनीक आम जनता तक नहीं पहुंच सकती।

  2. सभी के लिए असमर्थ: इस मशीन का उपयोग करने के लिए व्यक्ति को बिल्कुल स्थिर बैठना पड़ता है, क्योंकि किसी भी प्रकार की हलचल से मस्तिष्क द्वारा भेजे गए संदेश गलत हो सकते हैं।

Brain-Typing AI: मेटा की AI टेक्नोलॉजी से टाइपिंग का नया युग, अब सोचते ही होगा टाइप

Meta के शोध और विकास की दिशा

इस शोध पर Meta के शोधकर्ता Jean-Rémi King और उनकी टीम का ध्यान मस्तिष्क में भाषा की प्रक्रिया को बेहतर तरीके से समझने पर केंद्रित है, न कि इसे एक उपभोक्ता उत्पाद के रूप में विकसित करने पर। उनका उद्देश्य यह है कि वह मस्तिष्क के अंदर की गतिविधियों को समझ सकें और एक दिन इसे ऐसे तरीके से उपयोग में ला सकें, जिससे लोगों के लिए इसका लाभ अधिक हो।

हालांकि, अभी के लिए यह तकनीक केवल एक प्रयोगात्मक स्थिति में काम कर रही है, और इसके लिए जरूरी डिवाइस बहुत महंगे और सीमित स्थानों में उपलब्ध हैं। इसलिए, इसे सामान्य उपयोगकर्ता तक लाने में अभी समय लगेगा।

भविष्य में क्या हो सकता है?

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए, तो यह तकनीक भविष्य में काफी क्रांतिकारी साबित हो सकती है। मस्तिष्क के विचारों को सीधे कंप्यूटर तक पहुंचाने की प्रक्रिया को लेकर जो तकनीकें विकसित हो रही हैं, उनके जरिए हम आने वाले वर्षों में ऐसे उपकरणों का इस्तेमाल कर सकते हैं जो बिना हाथ से टाइप किए, केवल सोचकर कम्युनिकेशन कर सकेंगे। इससे मानव-मशीन इंटरफेस को एक नई दिशा मिल सकती है।

उदाहरण के लिए, यदि यह तकनीक सही तरीके से विकसित हो जाती है, तो यह विकलांग लोगों के लिए एक वरदान साबित हो सकती है। ऐसे लोग जो शारीरिक रूप से ठीक से काम नहीं कर पाते, वे केवल अपनी सोच से ही लिखने या संवाद करने में सक्षम हो सकते हैं।

इस तकनीक का उपयोग कौन कर सकता है?

वर्तमान में इस तकनीक का उपयोग केवल उन प्रयोगों तक सीमित है जहां पर MEG मशीन का उपयोग किया जा रहा है। यह मशीन केवल अत्यधिक नियंत्रित वातावरण में ही कार्य करती है, जहां व्यक्ति को पूरी तरह स्थिर रहना पड़ता है। इस स्थिति में यह तकनीक बहुत सीमित रूप से काम करती है और केवल वैज्ञानिक अनुसंधान में ही इसका उपयोग हो सकता है।

Meta का ब्रेन-टाइपिंग एआई एक बहुत बड़ी वैज्ञानिक उपलब्धि है, लेकिन यह अभी आम जनता के लिए उपलब्ध नहीं है। इसके लिए अत्यधिक महंगे उपकरण और प्रयोगात्मक स्थितियों की आवश्यकता है। हालांकि, यह भविष्य में बहुत बड़ा परिवर्तन ला सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जिनके लिए शारीरिक सीमाएं संवाद के रास्ते में रुकावट डालती हैं। जब यह तकनीक पूरी तरह से विकसित हो जाएगी, तो यह हम सभी के लिए एक नई तरह की मानव-मशीन इंटरफेस की शुरुआत कर सकती है।

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Vodafone-Idea: जब दिल्ली की रात में खामोश हो गया नेटवर्क! यूजर्स ने बताया कैसे ओटीपी और कॉल्स गायब हो गए

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Vodafone-Idea: जब दिल्ली की रात में खामोश हो गया नेटवर्क! यूजर्स ने बताया कैसे ओटीपी और कॉल्स गायब हो गए

Vodafone-Idea नेटवर्क में जो बड़ी समस्या आ रही थी वह अब हल हो गई है। कंपनी ने 18 अप्रैल को इस बारे में बयान जारी किया और बताया कि नेटवर्क में तकनीकी समस्या के कारण दिल्ली-एनसीआर के लाखों उपयोगकर्ताओं को परेशानी हो रही थी। अब इस समस्या का समाधान कर लिया गया है।

लाखों यूजर्स को हुई परेशानी

दिल्ली, नोएडा, गाज़ियाबाद, फरीदाबाद और गुरुग्राम में Vodafone-Idea के लाखों यूजर्स को नेटवर्क कनेक्टिविटी, कॉलिंग और डेटा एक्सेस में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। यह समस्या रात 1 बजे के आसपास और बढ़ गई थी। इस दौरान Downdetector वेबसाइट पर हजारों यूजर्स ने आउटेज की रिपोर्ट की थी।

नेटवर्क में गड़बड़ी की रिपोर्ट

रिपोर्ट के अनुसार Vodafone-Idea नेटवर्क में गड़बड़ी की शिकायतें बहुत आईं। करीब 1,900 यूजर्स ने नेटवर्क की समस्या की रिपोर्ट की थी। इनमें से 68 प्रतिशत यूजर्स को नेटवर्क तक पहुंच में परेशानी हो रही थी जबकि 26 प्रतिशत यूजर्स ने पूरी तरह से नेटवर्क ब्लैकआउट की रिपोर्ट दी।

Vodafone-Idea: जब दिल्ली की रात में खामोश हो गया नेटवर्क! यूजर्स ने बताया कैसे ओटीपी और कॉल्स गायब हो गए

OTP और कॉल्स में परेशानी

यूजर्स को ओटीपी प्राप्त नहीं हो रहा था और कॉल्स भी नहीं आ रही थीं। सोशल मीडिया पर भी कई यूजर्स ने Vodafone-Idea के नेटवर्क की समस्या की शिकायत की। रात को काम करने वाले यूजर्स को इस समस्या का सबसे अधिक असर पड़ा क्योंकि उन्हें जरूरी कॉल्स और मैसेज नहीं मिल रहे थे।

नेटवर्क समस्याएं कोई नई बात नहीं

यह पहली बार नहीं है जब किसी टेलीकॉम कंपनी के नेटवर्क में समस्या आई हो। इससे पहले भी कई टेलीकॉम कंपनियों के नेटवर्क में गड़बड़ी के कारण लाखों यूजर्स प्रभावित हो चुके हैं। इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि नेटवर्क समस्याएं टेलीकॉम इंडस्ट्री में आम हैं।

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Facebook: मेटा की मुश्किलें बढ़ीं! फेसबुक अब रिश्तों का नहीं बिज़नेस का बन गया है अड्डा

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Facebook: मेटा की मुश्किलें बढ़ीं! फेसबुक अब रिश्तों का नहीं बिज़नेस का बन गया है अड्डा

Facebook: जब भी फेसबुक का नाम आता है तो पुराने दिनों की यादें ताजा हो जाती हैं। पहले लोग फेसबुक पर अपने पुराने दोस्तों और रिश्तेदारों से जुड़ने के लिए आते थे। फोटो शेयर करना पोस्ट पर कमेंट करना और लाइक करना एक आम बात थी लेकिन अब सब कुछ बदल गया है।

अब सिर्फ मनोरंजन का जरिया

आज के समय में फेसबुक एक सोशल कनेक्शन प्लेटफॉर्म नहीं रहा बल्कि यह सिर्फ मनोरंजन और वीडियो देखने की जगह बन गया है। अब दोस्ती की बातें व्हाट्सऐप और इंस्टाग्राम पर होती हैं और फेसबुक पर सिर्फ कंटेंट और विज्ञापन देखने को मिलते हैं।

मार्क जुकरबर्ग की दिल की बात

फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने खुद माना कि अब फेसबुक का मकसद लोगों को जोड़ना नहीं रह गया है। यह बात उन्होंने एंटीट्रस्ट केस की सुनवाई के दौरान कही। पहले फेसबुक जीवन के पलों को साझा करने के लिए था लेकिन अब वह प्राथमिकता खत्म हो चुकी है।

Facebook: मेटा की मुश्किलें बढ़ीं! फेसबुक अब रिश्तों का नहीं बिज़नेस का बन गया है अड्डा

बदल गया है फेसबुक का चेहरा

अब फेसबुक एक कंटेंट मशीन बन गया है जो यूजर्स को ज्यादा देर तक प्लेटफॉर्म पर रखने के लिए एआई बेस्ड फीड दिखाता है। इसका मकसद यह है कि यूजर्स ज्यादा से ज्यादा विज्ञापन देखें और कंपनी को फायदा हो। दोस्ती और रिश्तों की जगह अब एल्गोरिद्म ने ले ली है।

मेटा पर बड़ा केस चल रहा है

इस समय मेटा और फेसबुक एक मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। मेटा पर एंटीट्रस्ट केस चल रहा है जिसमें एफटीसी ने गंभीर आरोप लगाए हैं। एफटीसी का कहना है कि मेटा ने अपने प्रतिस्पर्धियों से मुकाबला करने के बजाय उन्हें खरीद लिया जिससे बाजार में असंतुलन पैदा हुआ।

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Snapchat earnings: Snapchat से कमाओ हजारों रोज़! बस जान लो ये आसान राज़

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Snapchat earnings: Snapchat से कमाओ हजारों रोज़! बस जान लो ये आसान राज़

Snapchat earnings: आजकल Instagram और Facebook से तो लोग पैसे कमा ही रहे हैं लेकिन Snapchat से भी रोज़ हजारों रुपये कमाए जा सकते हैं। बस सही तरीका पता होना चाहिए। बहुत से लोग इस प्लेटफॉर्म को सिर्फ मज़े के लिए इस्तेमाल करते हैं लेकिन अब यह कमाई का जरिया भी बन चुका है।

Snapchat का काम करने का तरीका

Snapchat पर फोटो और वीडियो को Snap कहा जाता है। ये Snaps कुछ ही समय के लिए दिखाई देते हैं और फिर खुद ही गायब हो जाते हैं। कैमरा आइकन पर क्लिक करके Snap लिया जाता है और उसमें स्टिकर फिल्टर और टेक्स्ट भी जोड़ा जा सकता है जिससे वह और खास बन जाता है।

पैसे कमाने का असली तरीका

अगर आप अपने सबसे अच्छे वीडियो Snaps को Spotlight पर अपलोड करते हैं तो Snapchat आपको Crystals Award दे सकता है। यह क्रिस्टल पैसे में बदले जा सकते हैं। लेकिन इसके लिए आपका कंटेंट बाकी सभी से अच्छा होना जरूरी है ताकि ज्यादा व्यूज और एंगेजमेंट मिल सके।

Snapchat earnings: Snapchat से कमाओ हजारों रोज़! बस जान लो ये आसान राज़

कमाई के लिए ये योग्यता जरूरी

अगर आप Spotlight या Snap Star से योग्य हैं तो आपको नोटिफिकेशन मिल जाएगा। इसके अलावा My Profile में जाकर My Snap Crystals सेक्शन से Crystal Hub खोला जा सकता है। कमाई के लिए Snapchat की सभी गाइडलाइंस और नियमों का पालन करना अनिवार्य है।

इन बातों का ध्यान रखें वरना नुकसान होगा

अगर आपने कोई Snap Spotlight से डिलीट कर दिया तो आप उसके लिए कोई भी भुगतान नहीं पा सकते। एक Snap से 28 दिन तक कई बार रिवॉर्ड मिल सकते हैं लेकिन शर्त यह है कि वह Snap लाइव रहे। किसी भी गलती से आप कमाई का मौका गंवा सकते हैं।

 

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