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Best Smartphones: ₹20,000 में मिलेंगे ये 5 दमदार स्मार्टफोन, जानें फीचर्स और स्पेसिफिकेशन

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Best Smartphones: ₹20,000 में मिलेंगे ये 5 दमदार स्मार्टफोन, जानें फीचर्स और स्पेसिफिकेशन

Best Smartphones: भारतीय स्मार्टफोन बाजार में जबरदस्त प्रतिस्पर्धा है। यही वजह है कि कंपनियां ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए हर कीमत सेगमेंट में नए फीचर्स के साथ स्मार्टफोन लॉन्च करती रहती हैं। अगर आप ₹20,000 के बजट में एक बेहतरीन स्मार्टफोन खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो आपके लिए कई शानदार विकल्प उपलब्ध हैं।

₹20,000 के सेगमेंट में कंपनियां पावरफुल प्रोसेसर, हाई-रिफ्रेश रेट डिस्प्ले, लॉन्ग-लास्टिंग बैटरी और बेहतरीन कैमरा सेटअप के साथ स्मार्टफोन पेश कर रही हैं। यहां हम आपको ₹20,000 के बजट में आने वाले बेस्ट स्मार्टफोन के बारे में बता रहे हैं।

₹20,000 के अंदर आने वाले बेस्ट स्मार्टफोन्स

1. Motorola Edge 50 Neo

Motorola Edge 50 Neo स्मार्टफोन इस सेगमेंट में पावरफुल परफॉर्मेंस और शानदार डिज़ाइन का बेहतरीन कॉम्बिनेशन है। इस फोन में 6.55-इंच का pOLED डिस्प्ले दिया गया है, जो 144Hz के हाई-रिफ्रेश रेट को सपोर्ट करता है।

स्पेसिफिकेशन:

  • प्रोसेसर: Qualcomm Snapdragon 695
  • डिस्प्ले: 6.55-इंच pOLED, 144Hz रिफ्रेश रेट
  • कैमरा: 50MP प्राइमरी + 13MP अल्ट्रा-वाइड
  • बैटरी: 5000mAh, 68W फास्ट चार्जिंग

क्यों खरीदें?
✅ स्मूथ डिस्प्ले अनुभव
✅ मजबूत बैटरी बैकअप
✅ फास्ट चार्जिंग सपोर्ट

Best Smartphones: ₹20,000 में मिलेंगे ये 5 दमदार स्मार्टफोन, जानें फीचर्स और स्पेसिफिकेशन

2. Realme Narzo 70 Turbo

Realme Narzo 70 Turbo गेमिंग और हाई-परफॉर्मेंस उपयोग के लिए एक शानदार स्मार्टफोन है। इसमें MediaTek Dimensity 7300 Energy प्रोसेसर दिया गया है, जो दमदार गेमिंग अनुभव देता है।

स्पेसिफिकेशन:

  • प्रोसेसर: MediaTek Dimensity 7300 Energy
  • डिस्प्ले: 6.6-इंच FHD+ डिस्प्ले, 120Hz रिफ्रेश रेट
  • कैमरा: 64MP AI-इन्हांस्ड कैमरा
  • बैटरी: 5000mAh, 33W फास्ट चार्जिंग

क्यों खरीदें?
✅ बेहतरीन गेमिंग अनुभव
✅ AI-इन्हांस्ड कैमरा
✅ दमदार बैटरी

3. Tecno Pova 6 Pro

Tecno Pova 6 Pro एक फ्यूचरिस्टिक डिज़ाइन के साथ आता है, जिसमें मिनी-LED लाइटिंग दी गई है। इस फोन में हाई-क्वालिटी फोटोग्राफी के लिए 108MP का प्राइमरी कैमरा दिया गया है।

स्पेसिफिकेशन:

  • प्रोसेसर: MediaTek Dimensity 6080
  • डिस्प्ले: 6.8-इंच FHD+
  • कैमरा: 108MP प्राइमरी
  • बैटरी: 6000mAh, 70W फास्ट चार्जिंग

क्यों खरीदें?
✅ हाई-क्वालिटी कैमरा
✅ दमदार बैटरी
✅ स्टाइलिश डिजाइन

4. Lava Blaze Duo

Lava Blaze Duo अपने इनोवेटिव डिज़ाइन और सेकेंडरी डिस्प्ले के लिए जाना जाता है। यह फोन 6.7-इंच AMOLED डिस्प्ले और स्लिम बेजल्स के साथ आता है।

स्पेसिफिकेशन:

  • प्रोसेसर: MediaTek Helio G99
  • डिस्प्ले: 6.7-इंच AMOLED
  • कैमरा: 64MP प्राइमरी + 8MP अल्ट्रा-वाइड
  • बैटरी: 5000mAh, 33W फास्ट चार्जिंग

क्यों खरीदें?
✅ सेकेंडरी डिस्प्ले
✅ AMOLED पैनल
✅ स्टाइलिश और हल्का डिज़ाइन

5. Infinix GT 20 Pro

Infinix GT 20 Pro कंपनी का एक गेमिंग सेंट्रिक स्मार्टफोन है, जो दमदार Dimensity 8200 Ultimate चिपसेट के साथ आता है। इसमें 12GB तक रैम और 144Hz AMOLED डिस्प्ले मिलता है।

स्पेसिफिकेशन:

  • प्रोसेसर: MediaTek Dimensity 8200 Ultimate
  • डिस्प्ले: 6.78-इंच FHD+ AMOLED, 144Hz
  • कैमरा: 64MP प्राइमरी
  • बैटरी: 5000mAh, 45W फास्ट चार्जिंग

क्यों खरीदें?
✅ हाई-एंड गेमिंग परफॉर्मेंस
✅ 144Hz डिस्प्ले
✅ 12GB तक रैम सपोर्ट

कौन सा स्मार्टफोन खरीदें?

अगर आप एक गेमिंग फोन चाहते हैं, तो Infinix GT 20 Pro या Realme Narzo 70 Turbo आपके लिए बेस्ट ऑप्शन हैं।
अगर आपको कैमरा और डिजाइन पसंद है, तो Tecno Pova 6 Pro और Lava Blaze Duo अच्छे विकल्प हैं।
अगर आपको ऑल-राउंड परफॉर्मेंस चाहिए, तो Motorola Edge 50 Neo सबसे बेहतरीन चॉइस होगी।

₹20,000 के अंदर, आपको शानदार फीचर्स और परफॉर्मेंस वाले स्मार्टफोन्स मिल जाते हैं। अपने उपयोग और जरूरत के अनुसार सही फोन चुनें और दमदार स्मार्टफोन एक्सपीरियंस का आनंद लें!

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AC (Air Conditioner): क्या आप जानते हैं कि एसी का टन क्या होता है और इसका कूलिंग से क्या संबंध है?

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AC (Air Conditioner): क्या आप जानते हैं कि एसी का टन क्या होता है और इसका कूलिंग से क्या संबंध है?

AC (Air Conditioner): गर्मी का मौसम आ चुका है और इससे राहत पाने के लिए एसी और कूलर चलने लगे हैं। मार्च और अप्रैल के महीनों में कूलर और पंखे काम करते थे लेकिन जैसे-जैसे मई और जून का महीना आता है एसी ही सही विकल्प बनता है। मई अभी कुछ दिन दूर है लेकिन अप्रैल में ही पारा 40 डिग्री तक पहुंचने लगा है। इसलिए एसी अब हर घर और ऑफिस में चलने लगे हैं।

एसी में ‘टन’ का क्या मतलब है?

जब भी एसी की बात होती है तो यह सवाल जरूर आता है कि आपके घर में कितने टन का एसी है या आप किस टन का एसी खरीद रहे हैं। क्या आपने कभी सोचा है कि एसी का वजन बहुत हल्का होता है तो टन का क्या मतलब है? यह जानकर आपको हैरानी हो सकती है कि टन का संबंध एसी के वजन से नहीं बल्कि उसकी कूलिंग क्षमता से है।

टन का मतलब कूलिंग क्षमता है

जब आप नया एसी खरीदने जाते हैं तो टन का एक अहम रोल होता है। दरअसल टन से मतलब कूलिंग क्षमता से है। जैसे-जैसे एसी का टन बढ़ेगा वैसे-वैसे एसी की कूलिंग क्षमता भी बढ़ेगी। इसलिए एसी खरीदते समय टन की सही जानकारी होना जरूरी है ताकि आप अपने कमरे के आकार के हिसाब से सही एसी चुन सकें।

AC (Air Conditioner): क्या आप जानते हैं कि एसी का टन क्या होता है और इसका कूलिंग से क्या संबंध है?

टन से कूलिंग क्षमता का फर्क

एसी में 1 टन का मतलब है कि वह एसी 1 टन बर्फ के बराबर ठंडक देता है। अगर आप छोटे कमरे के लिए एसी ले रहे हैं तो 1 टन या उससे कम की कूलिंग क्षमता वाला एसी ले सकते हैं। लेकिन अगर आपको बड़े हॉल या बड़े बेडरूम के लिए एसी चाहिए तो 1.5 टन या 2 टन का एसी लेना बेहतर रहेगा। टन जितना ज्यादा होगा कूलिंग क्षमता उतनी ही बेहतर होगी।

टन का असर एसी की कूलिंग पर

अब आपको यह जानना चाहिए कि 1 टन एसी एक घंटे में 12,000 ब्रिटिश थर्मल यूनिट (BTU) हीट हटाता है। इसी तरह 1.5 टन एसी 18,000 BTU हीट हटाता है और 2 टन एसी 24,000 BTU हीट हटाता है। इस हिसाब से आपको यह समझ में आ गया होगा कि टन जितना ज्यादा होगा कूलिंग उतनी ही बेहतर होगी।

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TRAI: अब नहीं सहनी पड़ेगी खराब नेटवर्क की परेशानी सीधे TRAI से करें शिकायत

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TRAI: अब नहीं सहनी पड़ेगी खराब नेटवर्क की परेशानी सीधे TRAI से करें शिकायत

TRAI ने देश के करोड़ों मोबाइल यूजर्स को एक बड़ी राहत दी है। अब अगर आपको एयरटेल जियो वोडाफोन आइडिया या बीएसएनएल जैसी किसी भी कंपनी की सेवा से शिकायत है तो आप सीधे TRAI से शिकायत कर सकते हैं। इसके लिए TRAI ने एक सेंट्रल ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च किया है।

TCCMS पोर्टल का लॉन्च

TRAI ने इस पोर्टल को TCCMS यानी टेलीकॉम कंज्यूमर कंप्लेंट मॉनिटरिंग सिस्टम नाम दिया है। इस पोर्टल की मदद से अब ग्राहकों को शिकायत करने के लिए सर्विस प्रोवाइडर का नंबर गूगल करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यूजर्स मोबाइल ही नहीं ब्रॉडबैंड सेवा देने वाली कंपनियों की भी शिकायत इसी पोर्टल से कर सकते हैं।

शिकायत करने की आसान प्रक्रिया

शिकायत करने के लिए आपको TRAI की वेबसाइट https://tccms.trai.gov.in/Queries.aspx?cid=1 पर जाना होगा। वहां अपनी टेलीकॉम या इंटरनेट सेवा प्रदाता कंपनी को चुनना होगा। फिर अपना राज्य और ज़िला सेलेक्ट करें जहां आप सेवा का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके बाद उस इलाके के लिए उपलब्ध हेल्पलाइन नंबर दिखेगा जिस पर आप अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

अब एक जगह मिलेगा सभी कंपनियों का हेल्पलाइन नंबर

अक्सर यूजर्स को सही हेल्पलाइन नंबर नहीं मिल पाता था जिससे उनकी शिकायत अधूरी रह जाती थी। अब इस नए पोर्टल से सभी कंपनियों का हेल्पलाइन नंबर एक ही जगह पर मिल जाएगा। इससे शिकायत दर्ज कराना बहुत आसान हो जाएगा और ग्राहक को कंपनी के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।

सेवा की गुणवत्ता पर लगातार नजर

TRAI और टेलीकॉम विभाग पिछले साल से सेवा की गुणवत्ता को लेकर सख्त रुख अपना रहे हैं। स्पैम कॉल और फर्जी मार्केटिंग से बचाव के लिए पिछले साल DLT सिस्टम लागू किया गया है। जो कंपनियां इस सिस्टम का पालन नहीं करतीं उन पर भारी जुर्माना और लाइसेंस रद्द करने तक की कार्रवाई हो सकती है।

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IISc: 2D मटेरियल से बनी चिप्स! IISc की नई तकनीक, जो भारत को सेमीकंडक्टर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगी

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IISc: 2D मटेरियल से बनी चिप्स! IISc की नई तकनीक, जो भारत को सेमीकंडक्टर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगी

IISc : भारतीय विज्ञान संस्थान यानी IISc के 30 वैज्ञानिकों ने कमाल कर दिया है। उन्होंने एक ऐसी चिप पर काम किया है जो अब तक की सबसे छोटी सिलिकॉन चिप से भी 10 गुना छोटी होगी। इस चिप की तकनीक को एंगस्ट्रॉम स्केल कहा जा रहा है। वैज्ञानिकों ने इसकी एक डिटेल रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। इस रिपोर्ट में एक नया सेमीकंडक्टर मटेरियल इस्तेमाल करने का प्रस्ताव भी दिया गया है। यह मटेरियल 2D मटेरियल कहलाएगा जो तकनीक की दुनिया में क्रांति ला सकता है।

सिलिकॉन चिप को देगा टक्कर

फिलहाल अमेरिका जापान साउथ कोरिया और ताइवान जैसे देश सिलिकॉन चिप तकनीक में आगे हैं। उनके द्वारा बनाई गई चिप्स दुनिया के लगभग सभी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस में इस्तेमाल होती हैं। लेकिन अब भारत इस दौड़ में तेजी से कदम रख रहा है। IISc की टीम ने सबसे पहले अप्रैल 2022 में अपनी रिपोर्ट सरकार को दी थी और फिर अक्टूबर 2024 में इसे संशोधित कर दोबारा प्रस्तुत किया गया। इस रिपोर्ट को अब IT मंत्रालय यानी MeitY के पास भेजा गया है।

IISc: 2D मटेरियल से बनी चिप्स! IISc की नई तकनीक, जो भारत को सेमीकंडक्टर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगी

क्या है 2D मटेरियल की खासियत

इस चिप में इस्तेमाल होने वाले 2D मटेरियल जैसे ग्रेफीन और ट्रांजिशन मेटल डाइक्ल्कोजेनाइड्स तकनीक को एंगस्ट्रॉम स्केल तक ले जा सकते हैं। मौजूदा समय में चिप बनाने की जो तकनीक है वह नैनोमीटर स्केल पर है लेकिन यह नई तकनीक उससे भी कई गुना पतली होगी। यह चिप्स न सिर्फ साइज में छोटी होंगी बल्कि ज्यादा तेज और शक्तिशाली भी हो सकती हैं। इस तकनीक की मदद से भारत इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर क्षेत्र में बड़ी छलांग लगा सकता है।

सरकार कर रही है गंभीर विचार

MeitY के सूत्रों के मुताबिक इस प्रोजेक्ट पर विचार हो रहा है और IT मंत्रालय का रवैया इस प्रस्ताव के प्रति काफी सकारात्मक है। हाल ही में इस विषय पर मंत्रालय के सचिव और प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर के साथ बैठकें भी हो चुकी हैं। सरकार अब इस तकनीक को इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में उपयोग करने की दिशा में सोच रही है। अगर यह तकनीक मंजूर होती है तो भारत खुद के सेमीकंडक्टर चिप्स बना सकेगा।

सेमीकंडक्टर में आत्मनिर्भरता की ओर

फिलहाल भारत सेमीकंडक्टर के लिए विदेशी कंपनियों पर निर्भर है। लेकिन यह तकनीक भारत को इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बना सकती है। यह तकनीक न सिर्फ आर्थिक दृष्टि से बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से भी अहम मानी जा रही है। टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स भारत में सबसे बड़ा सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट चला रहा है जिसकी लागत 91 हजार करोड़ रुपये है। इसके लिए टाटा ने ताइवान की TSMC कंपनी से साझेदारी की है। लेकिन IISc की यह तकनीक भारत को तकनीकी स्वतंत्रता की ओर ले जा सकती है।

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