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“कश्मीर नहीं जाएंगे बंगालवाले” – Shubhendu Adhikari ने चेताया, उमर के न्यौते पर घमासान

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“कश्मीर नहीं जाएंगे बंगालवाले” – Shubhendu Adhikari ने चेताया, उमर के न्यौते पर घमासान

Shubhendu Adhikari: हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की और उन्हें तथा बंगाल की जनता को कश्मीर आने का निमंत्रण दिया। इस निमंत्रण के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। खासतौर पर पहलगाम हमले की पृष्ठभूमि में इस दौरे ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। हमले में मारे गए लोगों की दर्दनाक यादें अब भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं।

शुभेंदु अधिकारी का विवादित बयान, कहा- कश्मीर न जाएं बंगालवासी

पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने उमर अब्दुल्ला के निमंत्रण का विरोध करते हुए कहा कि कोई भी बंगाली कश्मीर न जाए। उन्होंने सलाह दी कि अगर जाना है तो जम्मू जाएं, कश्मीर के मुस्लिम बहुल इलाकों से बचें। अधिकारी ने अपने बयान में कहा कि लोगों को उत्तराखंड, हिमाचल और ओडिशा जैसे राज्यों का रुख करना चाहिए।

 ममता बनर्जी ने उमर अब्दुल्ला का निमंत्रण स्वीकारा, बोलीं- दुर्गापूजा के समय कश्मीर जाऊंगी

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उमर अब्दुल्ला के आमंत्रण को स्वीकार करते हुए कहा कि वह दुर्गा पूजा के आसपास कश्मीर यात्रा करेंगी। उन्होंने कहा कि लोगों को कश्मीर जरूर जाना चाहिए और इसकी खूबसूरती को देखना चाहिए। साथ ही उन्होंने सुरक्षा को लेकर स्पष्ट किया कि इसकी जिम्मेदारी जम्मू-कश्मीर सरकार और केंद्र सरकार की है।

पहलगाम हमला और उसका भयावह सच

22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने देश को झकझोर दिया था। इस हमले में 26 निर्दोष लोग मारे गए। हमलावरों ने लोगों से धर्म पूछकर उनकी पहचान की और कुछ को कलमा पढ़वाकर जांचा। मृतकों में एक सेना के अधिकारी भी थे, जिनकी पत्नी हिमांशी नारवाल का दर्द देश ने महसूस किया। इस घटना के बाद लोगों में कश्मीर को लेकर डर का माहौल बना।

 ऑपरेशन सिंदूर: भारत का जवाब, पाकिस्तान में तबाही

पहलगाम हमले के बाद भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया जिसमें पाकिस्तान में स्थित कई आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर तबाह किया गया। यह जवाब भारत की ओर से आतंकवाद के खिलाफ कड़ा संदेश था। इस ऑपरेशन ने साबित कर दिया कि भारत अपनी जनता की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।

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Weather Update: देशभर में तेज़ बारिश का कहर! बरसात ने खोली स्मार्ट सिटी की पोल, सड़कें बनीं तालाब

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Weather Update: देशभर में तेज़ बारिश का कहर! बरसात ने खोली स्मार्ट सिटी की पोल, सड़कें बनीं तालाब

Weather Update: मानसून पूरे देश में ज़ोर पकड़ चुका है। दिल्ली-एनसीआर से लेकर मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, हिमाचल प्रदेश और असम तक बारिश ने लोगों को गर्मी और उमस से राहत दी है। हालांकि, इस राहत के साथ आफत भी आई है। कई इलाकों में जलभराव, बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएं सामने आ रही हैं। मौसम विभाग (IMD) ने आने वाले दिनों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है और कई राज्यों में येलो अलर्ट लागू किया गया है। दिल्ली में बुधवार रात से शुरू हुई मूसलधार बारिश ने राजधानी को पानी-पानी कर दिया।

फिरोजाबाद में ‘स्मार्ट सिटी’ की खुली पोल

उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में कुछ घंटों की बारिश ने स्मार्ट सिटी योजना की सच्चाई उजागर कर दी। हाईवे सर्विस रोड से लेकर सुहागनगर तक सड़कें तालाब बन गईं। लोगों को कमर तक पानी में चलकर घर या ऑफिस जाना पड़ा। स्थानीय लोगों का कहना है कि हर साल बारिश में नालों की सफाई नहीं होने से यही स्थिति होती है। पानी में फंसी गाड़ियां और बेहाल जनता प्रशासन की लापरवाही की गवाही दे रही है।

Weather Update: देशभर में तेज़ बारिश का कहर! बरसात ने खोली स्मार्ट सिटी की पोल, सड़कें बनीं तालाब

मध्य प्रदेश में बाढ़ जैसे हालात

मध्य प्रदेश के कई जिलों में हालात चिंताजनक हैं। आलीराजपुर जिले के सायदा गांव में एक व्यक्ति उफनती नदी पार करते समय डूबते-डूबते बचा। नीमच जिले में एक टूटी पुलिया पर बाइक सवार परिवार हादसे का शिकार होते-होते बचा। श्योपुर में चंबल और सीप नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। कई कॉलोनियों में 5-6 फीट पानी भर गया है। SDRF की टीमों ने करीब 175 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला।

राजस्थान और पहाड़ी राज्यों में बढ़ा खतरा

राजस्थान के बूंदी जिले में मेज नदी के उफान पर आने से किनारे बसे गांवों में पानी भर गया। कई सड़कों पर 3-4 फीट पानी जमा हो गया है। वहीं, उत्तराखंड, हिमाचल और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों में लगातार हो रही बारिश के कारण भूस्खलन की घटनाएं बढ़ गई हैं। पहाड़ी सड़कों पर मलबा गिरने से रास्ते बंद हो गए हैं, जिससे आवाजाही ठप हो गई है।

नदी-नालों के उफान से डरा पूर्वोत्तर

पूर्वोत्तर भारत के असम और मेघालय में भारी बारिश का सिलसिला जारी है। नदियों के उफान पर आने से कई गांवों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है। मौसम विभाग ने इन राज्यों के लिए भी भारी बारिश की चेतावनी दी है। वहीं, बिहार, पश्चिम बंगाल, गुजरात और उत्तर प्रदेश में भी येलो अलर्ट जारी किया गया है।

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NASA-ISRO Mission NISAR: दिन हो या रात हर मौसम मेंज़मीन पर रहेगी निसार की नजर! जानिए कैसे करेगा ये उपग्रह पृथ्वी की निगरानी

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NASA-ISRO Mission NISAR: दिन हो या रात हर मौसम मेंज़मीन पर रहेगी निसार की नजर! जानिए कैसे करेगा ये उपग्रह पृथ्वी की निगरानी

NASA-ISRO Mission NISAR: 30 जुलाई 2025 को एक ऐतिहासिक पल आने वाला है जब भारत के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार (NISAR) उपग्रह को लॉन्च किया जाएगा। यह मिशन भारत और अमेरिका के संयुक्त प्रयास का परिणाम है और इसका प्रक्षेपण GSLV-F16 रॉकेट के ज़रिए किया जाएगा। यह मिशन न केवल तकनीकी रूप से उन्नत है बल्कि यह दोनों देशों की अंतरिक्ष साझेदारी को भी मजबूत बनाता है।

क्या है निसार उपग्रह की खासियत?

निसार उपग्रह का कुल वजन 2,392 किलोग्राम है और यह दोहरी आवृत्ति वाली रडार तकनीक पर आधारित है। इसमें एल-बैंड और एस-बैंड रडार सिस्टम लगे हैं जो पृथ्वी की सतह की गहराई से जानकारी प्रदान करेंगे। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह दिन और रात किसी भी मौसम में हाई-रिज़ॉल्यूशन तस्वीरें भेज सकता है। इससे भू-प्राकृतिक आपदाओं और जलवायु परिवर्तनों पर करीब-करीब वास्तविक समय में नज़र रखी जा सकेगी।

 वैज्ञानिकों की नजरों में क्रांति

वैज्ञानिकों के अनुसार, निसार मिशन न केवल भारत और अमेरिका के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए वरदान साबित हो सकता है। यह उपग्रह भूकंप, सुनामी, बाढ़, भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं के संकेत पहले से ही उपलब्ध कराएगा जिससे राहत और बचाव कार्य समय पर शुरू किया जा सकेगा। इसके अलावा यह कृषि, वन संरक्षण और जल स्रोतों की निगरानी में भी अहम भूमिका निभाएगा।

अंतरराष्ट्रीय सहयोग का अद्भुत उदाहरण

निसार उपग्रह नासा और इसरो के दस साल पुराने वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग का प्रमाण है। नासा ने इस मिशन के लिए एल-बैंड रडार प्रदान किया है जो पेड़ों और वनस्पतियों के नीचे तक की जानकारी दे सकता है। वहीं इसरो ने एस-बैंड रडार विकसित किया है जो ज़मीन की ऊपरी सतह में होने वाले परिवर्तनों को पकड़ने में सक्षम है। इन दोनों तकनीकों के मेल से यह मिशन अनोखा बन गया है।

भविष्य की निगरानी प्रणाली

निसार मिशन से प्राप्त डेटा दुनियाभर के पर्यावरणविदों, वैज्ञानिकों और नीति-निर्माताओं के लिए अमूल्य होगा। इससे ग्लोबल वॉर्मिंग, बर्फबारी की दर, समुद्री स्तर और जंगलों में हो रहे परिवर्तनों को ट्रैक किया जा सकेगा। यह उपग्रह भविष्य की निगरानी प्रणाली का हिस्सा बनकर जलवायु संकट से निपटने में बड़ी भूमिका निभाएगा। भारत के लिए यह मिशन गर्व की बात है कि वह इस वैश्विक अभियान का नेतृत्व कर रहा है।

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Priyanka Gandhi का तीखा सवाल: 22 अप्रैल का पहलगाम हमला क्यों हुआ, क्या जानबूझकर नजरअंदाज हुई थी चेतावनी?

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Priyanka Gandhi का तीखा सवाल: 22 अप्रैल का पहलगाम हमला क्यों हुआ, क्या जानबूझकर नजरअंदाज हुई थी चेतावनी?

कांग्रेस सांसद Priyanka Gandhi ने लोकसभा में पहलगाम आतंकी हमले को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सरकार ने 26 निर्दोष लोगों को भगवान भरोसे छोड़ दिया। उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हुए की और कहा, “मैं उन सभी जवानों को सलाम करती हूं जो हमारे देश की रक्षा रेगिस्तान, घने जंगल और बर्फीले पहाड़ों में कर रहे हैं। वे हर पल देश के लिए अपनी जान देने को तैयार रहते हैं। 1948 से लेकर आज तक हमारे सैनिकों ने देश की अखंडता की रक्षा में अहम भूमिका निभाई है।”

22 अप्रैल के हमले पर सरकार से सवाल

प्रियंका गांधी ने कहा कि जब 22 अप्रैल 2025 को 26 देशवासियों की खुलेआम हत्या की गई, तो यह हमला कैसे और क्यों हुआ – इसका जवाब किसी ने नहीं दिया। उन्होंने रक्षा मंत्री की एक घंटे की लंबी स्पीच पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्होंने कई विषयों पर बात की, लेकिन इस हमले का ज़िक्र तक नहीं किया। उन्होंने सरकार से पूछा, “देश के नागरिकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी है? क्या यह जिम्मेदारी प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, रक्षामंत्री और एनएसए की नहीं है?”

इतिहास नहीं, वर्तमान पर बात करें: प्रियंका गांधी

प्रियंका गांधी ने सरकार को घेरते हुए कहा कि जब सरकार दावा कर रही थी कि कश्मीर में आतंकवाद कम हुआ है, तब यह हमला कैसे हुआ? उन्होंने कहा, “आप इतिहास की बातें करते हैं, हम वर्तमान की बात करेंगे। जब यह सवाल उठा कि आतंकियों को पनाह क्यों दी गई, तो गृहमंत्री इतिहास में चले गए। वे नेहरू जी, इंदिरा जी और मेरी मां के आंसुओं तक पहुंच गए, लेकिन इस बात का जवाब नहीं दिया कि सीजफायर क्यों हुआ और युद्ध क्यों रोका गया?” उन्होंने कहा कि आतंकवादी हमारे देश में घुसकर लोगों को मार रहे हैं और आप उन्हें पनाह दे रहे हैं।

ऑपरेशन सिंदूर का श्रेय लेना ही काफी नहीं

प्रियंका गांधी ने कहा कि जब ऑपरेशन सिंदूर शुरू हुआ, तो पूरा देश एकजुट था। प्रधानमंत्री ने इसका सारा श्रेय खुद ले लिया, लेकिन सिर्फ श्रेय लेने से जिम्मेदारी पूरी नहीं होती। उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि एक युद्ध को बीच में रोक दिया गया और इसकी घोषणा न तो भारतीय सेना ने की, न ही भारत सरकार ने, बल्कि अमेरिका के राष्ट्रपति ने की। उन्होंने कहा, “इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान को दो टुकड़ों में बांटकर दिखाया था, और आज आप अमेरिकी बयान के भरोसे युद्ध रोक रहे हैं।”

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