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Home Loan लेने से पहले इन 5 गुप्त शुल्कों का रखें ध्यान वरना होगी भारी परेशानी!

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Home Loan लेने से पहले इन 5 गुप्त शुल्कों का रखें ध्यान वरना होगी भारी परेशानी!

Home Loan के लिए आवेदन करते समय बैंक आपसे एप्लिकेशन फीस वसूलता है। यह फीस लोन मिलने या न मिलने से जुड़ी नहीं होती और नॉन-रिफंडेबल होती है। अगर आप आवेदन करने के बाद अपना मन बदल लेते हैं तो यह फीस वापस नहीं मिलती। कुछ मामलों में आप बैंक से बातचीत करके इसे माफ या कम करवा सकते हैं।

 मॉर्गेज डीड फीस की अहमियत

होम लोन लेते समय मॉर्गेज डीड फीस एक बड़ा चार्ज होता है। यह आमतौर पर लोन राशि का एक निश्चित प्रतिशत होता है। कई संस्थान अपने होम लोन को आकर्षक बनाने के लिए इस फीस को माफ भी कर देते हैं। लोन लेते समय इस चार्ज के बारे में जरूर जानकारी लें।

 लीगल फीस का खर्चा

बैंक या वित्तीय संस्थान प्रॉपर्टी की कानूनी स्थिति की जांच के लिए वकील नियुक्त करते हैं। उनके शुल्क को ग्राहक से वसूला जाता है। हालांकि अगर प्रॉपर्टी पहले से ही कानूनी रूप से स्वीकृत होती है तो यह चार्ज नहीं लिया जाता। इसलिए लोन लेने से पहले यह जांच कर लें कि लीगल फीस देनी होगी या नहीं।

Home Loan लेने से पहले इन 5 गुप्त शुल्कों का रखें ध्यान वरना होगी भारी परेशानी!

 कमिटमेंट फीस की सच्चाई

अगर लोन मंजूर होने के बाद तय समय में वितरित नहीं होता तो बैंक कमिटमेंट फीस वसूल सकता है। यह चार्ज अप्राप्त लोन पर लगाया जाता है। जैसे कंस्ट्रक्शन लोन में प्रोजेक्ट पूरा होने तक लोन जारी नहीं होता लेकिन बैंक आपकी लाइन ऑफ क्रेडिट खोलकर रखता है और इसके लिए शुल्क लेता है।

 प्रीपेमेंट पेनल्टी से बचें

अगर आप होम लोन समय से पहले चुकाना चाहते हैं तो बैंक आपसे प्रीपेमेंट पेनल्टी वसूल सकता है। फ्लोटिंग रेट लोन पर आरबीआई ने बैंकों को यह चार्ज न लेने का निर्देश दिया है लेकिन फिक्स्ड रेट लोन पर यह चार्ज 2 प्रतिशत तक हो सकता है। इसलिए लोन चुकाने से पहले इस पेनल्टी को ध्यान में रखें।

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DBS Bank: 1 अगस्त से हर महीने की जेब ढीली? DBS बैंक ने मासिक बैलेंस न रखने पर लगाया 6% जुर्माना

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DBS Bank: 1 अगस्त से हर महीने की जेब ढीली? DBS बैंक ने मासिक बैलेंस न रखने पर लगाया 6% जुर्माना

अगर आपका सेविंग्स अकाउंट DBS Bank में है तो अब सतर्क हो जाइए क्योंकि बैंक ने अपने नियमों में बड़ा बदलाव किया है। 1 अगस्त 2025 से नए नियम लागू होंगे जिनके तहत अगर आपने अपने खाते में तय औसत मासिक बैलेंस नहीं रखा तो उस पर बैंक 6 प्रतिशत तक की पेनल्टी वसूलेगा। यह पेनल्टी अधिकतम ₹500 तक हो सकती है। बैंक ने यह जानकारी अपने ग्राहकों को एसएमएस के माध्यम से भेजी है।

कैसे होगी पेनल्टी की गणना

मान लीजिए कि आपके खाते में औसत मासिक बैलेंस रखने की सीमा ₹10,000 है और आपने महीने में औसतन ₹8,500 रखा। ऐसे में ₹1,500 की कमी यानी “शॉर्टफॉल” मानी जाएगी। अब इस कमी पर 6 प्रतिशत की दर से पेनल्टी लगेगी यानी ₹90 का जुर्माना भरना होगा। लेकिन यदि कमी बहुत अधिक है तो पेनल्टी ₹500 से ज्यादा नहीं होगी।

DBS Bank: 1 अगस्त से हर महीने की जेब ढीली? DBS बैंक ने मासिक बैलेंस न रखने पर लगाया 6% जुर्माना

किस खाते पर कितना बैलेंस जरूरी

DBS बैंक के अलग-अलग सेविंग्स अकाउंट्स के लिए औसत मासिक बैलेंस की सीमा भी अलग-अलग तय की गई है। SB Others अकाउंट में ₹1,000, Growth One Savings में ₹5,000, Savings Account और Growth Savings में ₹10,000 की जरूरत होगी। वहीं Lakshmi Savings Youth Power Account में ₹100 और TASC Savings Youth Power Account में भी ₹10,000 का औसत बैलेंस बनाए रखना अनिवार्य है। इन सभी खातों में नियम तोड़ने पर 6 प्रतिशत पेनल्टी लगेगी।

ग्राहकों को क्यों होना चाहिए सतर्क

बैंक द्वारा औसत मासिक बैलेंस की बाध्यता ग्राहक के लिए कभी-कभी मुश्किल भरी साबित हो सकती है। खासतौर से उन लोगों के लिए जो सीमित आय वाले होते हैं या जिनका बैंक अकाउंट सिर्फ ज़रूरत के समय इस्तेमाल होता है। इस स्थिति में ग्राहकों को अपने खर्च और बैलेंस पर नज़र रखनी जरूरी है ताकि उन्हें हर महीने बिना वजह की पेनल्टी न भरनी पड़े।

डिजिटल बैंकिंग के युग में नियमों की जानकारी जरूरी

आज के समय में जब लोग ऑनलाइन और मोबाइल बैंकिंग पर ज्यादा निर्भर हैं, ऐसे में बैंक के नियमों और शर्तों को जानना बेहद जरूरी है। कई बार लोग बिना जानकारी के नियम तोड़ बैठते हैं और उन्हें पेनल्टी का सामना करना पड़ता है। DBS बैंक का यह नया नियम स्पष्ट करता है कि ग्राहक को अपने खाते की स्थिति पर हर समय नज़र रखनी होगी ताकि आर्थिक नुकसान से बचा जा सके।

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Stock Market: शांति का असर या निवेशकों का भरोसा! सेंसेक्स की 700 अंक की उड़ान ने सबको चौंकाया

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Stock Market: शांति का असर या निवेशकों का भरोसा! सेंसेक्स की 700 अंक की उड़ान ने सबको चौंकाया

लगातार सुस्त पड़े Stock Market में बुधवार को ज़बरदस्त उछाल देखा गया। इज़राइल और ईरान के बीच हुए संघर्षविराम का सकारात्मक असर घरेलू निवेशकों पर साफ दिखा। बीएसई सेंसेक्स 700.4 अंकों की मजबूती के साथ 82,755.51 पर बंद हुआ जबकि एनएसई निफ्टी ने 200.4 अंकों की छलांग लगाई और 25,244.75 के स्तर पर बंद हुआ। कुल मिलाकर 2711 शेयरों में तेजी, 1163 में गिरावट और 127 शेयर स्थिर रहे।

कौन से शेयर बने हीरो और कौन हुए फेल

बाजार में सबसे ज्यादा चमकने वाले शेयरों में टाइटन, महिंद्रा एंड महिंद्रा, इन्फोसिस, ग्रासिम इंडस्ट्रीज़ और जेएसडब्ल्यू स्टील शामिल रहे। वहीं दूसरी ओर, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, कोटक महिंद्रा बैंक, एक्सिस बैंक और ओएनजीसी जैसे शेयरों में गिरावट देखी गई। सेक्टोरल इंडेक्स की बात करें तो ऑटो, कंज़्यूमर ड्यूरेबल्स, आईटी, टेलिकॉम और हेल्थकेयर जैसे सभी सेक्टर्स में 1 से 2 फीसदी तक की बढ़त दर्ज की गई।

Stock Market: शांति का असर या निवेशकों का भरोसा! सेंसेक्स की 700 अंक की उड़ान ने सबको चौंकाया

विशेषज्ञों की राय: क्यों आई बाजार में तेजी

जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के रिसर्च हेड विनोद नायर के अनुसार, मध्य पूर्व में भू-राजनीतिक तनावों में कमी और कच्चे तेल की कीमतों में नरमी के कारण भारतीय शेयर बाजार में सुधार हुआ है। इसके साथ ही मानसून के अनुकूल पूर्वानुमान और महंगाई दर में कमी ने घरेलू निवेशकों का भरोसा बढ़ाया है। एफआईआई की ओर से पूंजी निकासी के बावजूद सकारात्मक वैश्विक संकेतों ने बाजार को संभाल रखा है।

एशियाई और अमेरिकी बाजारों का मिला साथ

एशियाई बाजारों में कोरिया का कोस्पी, जापान का निक्केई 225, शंघाई का एसएसई और हांगकांग का हैंग सेंग इंडेक्स सभी बढ़त के साथ बंद हुए। यूरोपीय बाजारों में मिली-जुली चाल देखी गई जबकि अमेरिकी शेयर बाजार मंगलवार को तेज़ बढ़त के साथ बंद हुए थे। यह सभी संकेत भारतीय बाजार के लिए संबल बनकर सामने आए।

निवेशकों की चाल: FII ने बेचा तो DII ने खरीदा

एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने मंगलवार को ₹5,266.01 करोड़ के शेयर बेचे। वहीं, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने ₹5,209.60 करोड़ के शेयर खरीदे। इससे साफ है कि घरेलू निवेशकों का भरोसा बाजार में बना हुआ है। इस समय भारतीय निवेशक सतर्क रहते हुए लाभ उठाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।

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Indian Railways: रेलवे टिकट बुकिंग में बड़ा बदलाव, आधार और ओटीपी से ही मिलेगा तत्काल टिकट का कन्फर्मेशन

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Indian Railways: रेलवे टिकट बुकिंग में बड़ा बदलाव, आधार और ओटीपी से ही मिलेगा तत्काल टिकट का कन्फर्मेशन

Indian Railways ने कई सालों के बाद ट्रेन टिकट के किराए में इज़ाफा करने का फैसला लिया है। ये नया किराया 1 जुलाई 2025 से लागू हो जाएगा। अब नॉन-एसी मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में 1 पैसे प्रति किलोमीटर और एसी क्लास में 2 पैसे प्रति किलोमीटर का अतिरिक्त शुल्क देना होगा। अगर कोई यात्री मुंबई से दिल्ली तक (1400 किमी) यात्रा करता है तो नॉन-एसी में उसे 14 रुपये और एसी क्लास में 28 रुपये ज्यादा देने होंगे। हालांकि रेलवे का कहना है कि 500 किलोमीटर तक की यात्रा पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।

 तत्काल टिकट बुकिंग में आधार अनिवार्य

रेलवे ने तत्काल टिकट बुकिंग के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब 1 जुलाई 2025 से तत्काल टिकट बुकिंग के लिए आधार वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया गया है। यानी कोई भी यात्री बिना आधार नंबर और उसकी सत्यता के तत्काल टिकट नहीं बुक कर पाएगा। रेलवे मंत्रालय के अनुसार, यह नियम दलालों और फर्जी एजेंट्स को सिस्टम से बाहर करने के उद्देश्य से लाया गया है ताकि असली यात्रियों को टिकट मिल सके।

ओटीपी वेरिफिकेशन से होगा टिकट कन्फर्म

रेलवे ने 15 जुलाई 2025 से एक और कदम जोड़ा है। अब तत्काल टिकट बुक करते समय यात्रियों को आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर भेजे गए ओटीपी को सत्यापित करना होगा। इस नई प्रक्रिया के तहत आईआरसीटीसी की वेबसाइट या मोबाइल ऐप से ही टिकट बुकिंग की जा सकेगी। यह कदम न सिर्फ सुरक्षा को मजबूत करेगा बल्कि बुकिंग प्रक्रिया को पारदर्शी भी बनाएगा।

एजेंटों की भूमिका पर लगा ब्रेक

रेलवे ने एजेंटों के ज़रिए टिकट बुकिंग पर भी बड़ी सख्ती दिखाई है। अब पहले 30 मिनट तक कोई भी अधिकृत एजेंट तत्काल टिकट बुक नहीं कर पाएगा। एसी क्लास के लिए सुबह 10:00 से 10:30 तक और नॉन-एसी क्लास के लिए सुबह 11:00 से 11:30 तक एजेंटों की बुकिंग पर रोक रहेगी। यह निर्णय आम यात्रियों को प्राथमिकता देने के लिए लिया गया है।

रेलवे सिस्टम में होंगे तकनीकी बदलाव

इन सभी नए नियमों को लागू करने के लिए रेलवे ने CRIS और IRCTC को तकनीकी बदलाव करने का निर्देश दे दिया है। इसके अलावा सभी जोनल रेलवे डिवीजनों को निर्देश दिया गया है कि वे इन नए नियमों के बारे में यात्रियों को समय पर जानकारी दें। इस पूरी पहल का मकसद है कि रेलवे सेवा को बेहतर और अधिक भरोसेमंद बनाया जा सके।

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