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Automobile Parts Business: हर गाड़ी की जरूरत, हर ग्राहक की मांग – ऑटो पार्ट्स बिजनेस से बनाएं अपनी पहचान

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Automobile Parts Business: हर गाड़ी की जरूरत, हर ग्राहक की मांग – ऑटो पार्ट्स बिजनेस से बनाएं अपनी पहचान

Automobile Parts Business: अगर आप पैसे कमाने के लिए कोई अच्छा बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो ऑटोमोबाइल पार्ट्स का बिजनेस एक बढ़िया विकल्प हो सकता है। इसमें मुनाफा अच्छा मिलता है और डिमांड भी लगातार बनी रहती है। खासकर अगर आपकी इस फील्ड में थोड़ी बहुत रुचि है और आप इस सेक्टर को समझते हैं तो ये बिजनेस आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। इस बिजनेस में डीलर को औसतन 15 से 20 फीसदी तक का मार्जिन मिल जाता है। लेकिन बिजनेस शुरू करने से पहले सही जानकारी और रिसर्च जरूरी है।

शुरुआत से पहले करें पूरी तैयारी

बिजनेस शुरू करने से पहले यह तय करना जरूरी है कि यह आपके इंटरेस्ट का है या नहीं। आज हर गली मोहल्ले में गाड़ियां हैं और उनकी सर्विसिंग व रिपेयर के लिए ऑटो पार्ट्स की जरूरत होती है। एयर फिल्टर, ब्रेक, क्लच, एग्जॉस्ट सिस्टम जैसे पार्ट्स की हमेशा डिमांड रहती है। आपको पहले यह समझना होगा कि आपके टारगेट कस्टमर कौन हैं और आस-पास कितनी प्रतिस्पर्धा है। सही प्लानिंग और रणनीति के साथ शुरुआत करने से आप अपने ग्राहकों को बेहतर सर्विस दे पाएंगे।

Automobile Parts Business: हर गाड़ी की जरूरत, हर ग्राहक की मांग – ऑटो पार्ट्स बिजनेस से बनाएं अपनी पहचान

लाइसेंस और सही जगह का चुनाव बहुत जरूरी

इस बिजनेस को शुरू करने के लिए आपको कुछ जरूरी परमिट और लाइसेंस लेने होंगे। अपने राज्य की नगरपालिका से दुकान खोलने की इजाजत और GST रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है। इसके अलावा आपको शॉप एंड एस्टैब्लिशमेंट एक्ट के तहत भी रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। दूसरी जरूरी बात है दुकान की लोकेशन। कोशिश करें कि आपकी दुकान ऐसे इलाके में हो जहां गाड़ियों की आवाजाही ज्यादा हो। शहरों में ये बिजनेस ज्यादा सफल रहता है, जबकि गांव में इसकी मांग थोड़ी कम हो सकती है।

फाइनेंशियल प्लानिंग और सप्लायर का चुनाव

बिजनेस के लिए पैसे की व्यवस्था बहुत जरूरी होती है। ऑटो पार्ट्स का बिजनेस शुरू करने के लिए मशीनरी, स्टाफ और स्टॉक के लिए आपको अच्छा खासा फंड चाहिए। शुरुआत में रोज़मर्रा के खर्चों के लिए फंड तैयार रखें। साथ ही आपको एक भरोसेमंद सप्लायर की जरूरत पड़ेगी जो आपको सस्ते दाम में अच्छी क्वालिटी के पार्ट्स दे सके। इससे न सिर्फ आपकी प्रॉफिट मार्जिन सही बनी रहेगी बल्कि ग्राहकों को भी आप संतुष्ट रख पाएंगे।

इन्वेंट्री और मार्केटिंग से ही होगी तरक्की

बिजनेस चलाने के बाद यह बहुत जरूरी है कि आपकी दुकान में सभी जरूरी पार्ट्स स्टॉक में रहें। कोई भी ग्राहक खाली हाथ न लौटे, इसका खास ध्यान रखें। इन्वेंट्री का रेकॉर्ड अपडेट रखें और जैसे ही स्टॉक कम हो, नया ऑर्डर दें। मार्केटिंग के बिना आज कोई भी बिजनेस आगे नहीं बढ़ सकता। सोशल मीडिया पर अपनी दुकान के पेज बनाएं, वहां स्टॉक की जानकारी दें। लोकल लेवल पर ब्रोशर और फ्लायर्स बांटें और कार शो या वर्कशॉप आयोजित करें जिससे लोग आपके ब्रांड से जुड़ सकें।

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Stock Market: शेयर बाजार में मुनाफा चाहिए? जानिए 55:23:22 का चमत्कारी फॉर्मूला

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Stock Market: शेयर बाजार में मुनाफा चाहिए? जानिए 55:23:22 का चमत्कारी फॉर्मूला

Stock Market:  कोरोना महामारी के बाद से भारत में शेयर बाजार में निवेश करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है। बिहार जैसे राज्यों में भी रिकॉर्ड डिमैट खाते खुले हैं। लेकिन निवेशकों की संख्या भले ही बढ़ी हो, लाभ कमाने वाले निवेशकों की संख्या अभी भी कम है। कई लोग अभी भी नुकसान में बैठे हैं। ऐसे में यह जरूरी हो गया है कि निवेश रणनीति को समझदारी से अपनाया जाए।

क्या है 55:23:22 फॉर्मूला?

55:23:22 एक ऐसा फॉर्मूला है जो शेयरों में पैसा लगाने का संतुलित तरीका बताता है। इसका मतलब है कि अगर आपके पास 1000 रुपये निवेश के लिए हैं तो 555 रुपये लार्ज कैप कंपनियों में, 230 रुपये मिड कैप में और 220 रुपये स्मॉल कैप में लगाएं। इस तरीके से आपके पोर्टफोलियो में स्थिरता भी बनी रहेगी और अच्छे रिटर्न्स की संभावना भी बनी रहेगी। आनंद राठी के शेनॉय के अनुसार, यह फॉर्मूला लंबी अवधि में जोखिम को संतुलित करते हुए बेहतर रिटर्न्स देता है।

Stock Market: शेयर बाजार में मुनाफा चाहिए? जानिए 55:23:22 का चमत्कारी फॉर्मूला

सही कंपनियों का चुनाव ही असली रणनीति

हाल ही में मिड कैप और स्मॉल कैप शेयरों में काफी उतार-चढ़ाव देखा गया है। इनसे जुड़े कई निवेशकों को भारी नुकसान हुआ। व्हाइट ओक कैपिटल के वैभव चुग के अनुसार, जोखिम बाजार में नहीं बल्कि निवेश के लिए चुनी गई कंपनियों में होता है। अक्सर निवेशक हाल में अच्छा प्रदर्शन करने वाली कंपनियों में निवेश करके फंस जाते हैं। इसलिए सही कंपनी का चुनाव और उसके वैल्यूएशन को ध्यान में रखना बेहद जरूरी है।

बाजार में फिर से दिख रही रफ्तार

बीते वित्त वर्ष में बाजार में वैश्विक तनाव और कमजोर कॉर्पोरेट नतीजों की वजह से प्रदर्शन धीमा रहा। लेकिन अब स्थिति बेहतर हो रही है। इस साल अब तक लार्ज कैप इंडेक्स 10 फीसदी, मिड कैप 14 फीसदी और स्मॉल कैप 17.5 फीसदी तक ऊपर गया है। कॉर्पोरेट अर्निंग्स में सुधार बाजार को नई ऊर्जा दे रहा है।

जोखिम कम करें और रिटर्न बढ़ाएं

जो निवेशक घाटे में बैठे हैं, उन्हें घबराने की बजाय अपनी रणनीति पर ध्यान देने की जरूरत है। 55:23:22 फॉर्मूले को अपनाकर, सही कंपनियों का चुनाव करके और बाजार की चाल को समझते हुए निवेश करें। इससे पोर्टफोलियो में स्थिरता आएगी और जोखिम कम होगा। लंबे समय में यही तरीका आपको फायदे में ला सक

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8th pay commission से कर्मचारियों को मिल सकती है 34% तक की बढ़ोतरी

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8th pay commission से कर्मचारियों को मिल सकती है 34% तक की बढ़ोतरी

8th pay commission: देशभर के 1.2 करोड़ से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनधारक 8वें वेतन आयोग के लागू होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। पहले ऐसा माना जा रहा था कि आयोग 1 जनवरी 2026 से लागू होगा लेकिन अब तक आयोग के सदस्यों की नियुक्ति को लेकर कोई खास प्रगति नहीं हुई है जिससे इसकी संभावना कमजोर हो गई है।

अंबिट कैपिटल की रिपोर्ट से आई उम्मीद की किरण

ब्रोकरेज फर्म अंबिट कैपिटल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 8वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में 34% तक की बढ़ोतरी हो सकती है। यह बढ़ोतरी न केवल कर्मचारियों की आय को बढ़ाएगी बल्कि देश की उपभोक्ता मांग और खर्च को भी जबरदस्त बढ़ावा देगी।

8th pay commission से कर्मचारियों को मिल सकती है 34% तक की बढ़ोतरी

फिटमेंट फैक्टर से तय होती है सैलरी की गणना

सरकारी कर्मचारियों के वेतन, पेंशन और भत्तों में बदलाव फिटमेंट फैक्टर के आधार पर किया जाता है। यह एक प्रमुख गुणक होता है जो कर्मचारी की नई सैलरी तय करता है। 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था जबकि 8वें वेतन आयोग में यह 1.83 से 2.46 के बीच हो सकता है। यह फैक्टर जितना ज्यादा होगा, सैलरी में बढ़ोतरी उतनी ही ज्यादा होगी।

सैलरी स्ट्रक्चर में कैसे होता है बदलाव

7वें वेतन आयोग में बेशक फिटमेंट फैक्टर 2.57 रखा गया था लेकिन इससे वास्तविक सैलरी में केवल 14.3% की बढ़ोतरी हुई थी क्योंकि यह सिर्फ बेसिक सैलरी पर लागू होता है। बेसिक सैलरी के अलावा कर्मचारियों को महंगाई भत्ता (DA), मकान किराया भत्ता (HRA) और यात्रा भत्ता (TA) भी मिलता है। बेसिक सैलरी कुल वेतन का 51.5% हिस्सा होती है।

नई सैलरी से बढ़ेगा उपभोक्ता खर्च और अर्थव्यवस्था को मिलेगा बल

रिपोर्ट के अनुसार, यदि 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होती हैं तो इससे करोड़ों कर्मचारियों की क्रय शक्ति बढ़ेगी। इससे बाजार में मांग बढ़ेगी और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। साथ ही पेंशनधारकों की आय में भी इजाफा होगा जिससे उनका जीवन स्तर सुधरेगा।

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Veg Biryani Price: रेलवे की वेज बिरयानी का असली दाम क्या है? जानिए सफर में ठगे जाने से कैसे बचें

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Veg Biryani Price: रेलवे की वेज बिरयानी का असली दाम क्या है? जानिए सफर में ठगे जाने से कैसे बचें

Veg Biryani Price: रेल यात्रा के दौरान खाने-पीने की चीजों के सही दाम न पता होने के कारण यात्रियों को अक्सर मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। कई बार वेंडर मनमाने दाम वसूलते हैं और यात्रियों को ठग लेते हैं। ऐसी ही बढ़ती शिकायतों को देखते हुए अब खुद रेलवे मंत्रालय ने सामने आकर वेज बिरयानी के सही दाम बताए हैं जिससे यात्री सही जानकारी लेकर सफर कर सकें।

प्लेटफॉर्म और ट्रेन में अलग-अलग कीमत

रेलवे मंत्रालय ने अपने आधिकारिक X (पूर्व में ट्विटर) हैंडल से जानकारी दी कि स्टेशन पर मिलने वाली 350 ग्राम की वेज बिरयानी का मूल्य 70 रुपये है। वहीं ट्रेन में यही बिरयानी यात्रियों को 80 रुपये में दी जाएगी। यह अंतर सेवा शुल्क और ऑनबोर्ड सर्विस के चलते है। बिरयानी में 70 ग्राम सब्जियां और कुल वजन 350 ग्राम होता है। साथ ही इसमें 80 ग्राम ब्रांडेड दही और 12 ग्राम अचार भी दिया जाता है जो इसी कीमत में शामिल है।

सुविधाएं भी तय मानकों के अनुसार मिलेंगी

रेलवे के अनुसार वेंडर को वेज बिरयानी के साथ दही और अचार के अलावा बायोडिग्रेडेबल चम्मच, टिशू पेपर और सैनिटाइजर भी देना जरूरी है। ये सभी चीजें ग्राहक को बिना अतिरिक्त शुल्क के मिलनी चाहिए। इससे न केवल सफाई बनी रहती है बल्कि यात्रियों को भी बेहतर अनुभव मिलता है।

मनमानी हो तो करें शिकायत

अगर कोई वेंडर अधिक पैसे मांगता है, कम मात्रा में खाना देता है या तय सुविधाएं नहीं देता तो यात्री तुरंत शिकायत दर्ज कर सकते हैं। इसके लिए 139 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल किया जा सकता है या रेल मदद पोर्टल और रेलवे के X अकाउंट पर शिकायत की जा सकती है। रेलवे ने साफ किया है कि खाने की गुणवत्ता और कीमत पर किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

जागरूक यात्री ही सुरक्षित यात्री

यह जरूरी है कि यात्री खुद भी जागरूक रहें और खाने के पैकेट पर लिखी कीमत जांचें। यदि कीमत नहीं लिखी है या बिल नहीं दिया जा रहा है तो सतर्क हो जाएं। रेलवे का यह कदम यात्रियों को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है जिससे यात्रा के दौरान ठगी से बचा जा सके।

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