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Prime Minister Internship Scheme (PMIS) के दूसरे चरण के लिए आवेदन शुरू, युवाओं को मिलेगा बड़ा अवसर

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Prime Minister Internship Scheme (PMIS) के दूसरे चरण के लिए आवेदन शुरू, युवाओं को मिलेगा बड़ा अवसर

Prime Minister Internship Scheme (PMIS) के दूसरे चरण के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई है। केंद्रीय कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय ने गुरुवार को घोषणा की कि इस चरण में देशभर के 730 से अधिक जिलों में शीर्ष कंपनियों में एक लाख से अधिक इंटर्नशिप के अवसर प्रदान किए जाएंगे। यह योजना उन युवाओं के लिए बेहद खास साबित हो रही है जो अपने करियर की शुरुआत में अनुभव प्राप्त करना चाहते हैं।

पहले चरण में छह लाख से अधिक आवेदन मिले

प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना के पहले चरण में युवाओं का जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। मंत्रालय के अनुसार, पहले चरण में छह लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए थे। इस योजना के तहत देश की 300 से अधिक शीर्ष कंपनियों ने युवाओं को इंटर्नशिप का अवसर प्रदान किया। इसमें तेल, गैस, ऊर्जा, बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं, यात्रा, स्वास्थ्य, ऑटोमोटिव, धातु, खनन, विनिर्माण, एफएमसीजी (फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स) सहित विभिन्न उद्योगों की कंपनियां शामिल रहीं।

किन युवाओं को मिलेगा इंटर्नशिप का मौका?

इस योजना के तहत देश के पात्र युवा अपनी पसंद के जिले, राज्य, क्षेत्र और उद्योग के आधार पर इंटर्नशिप के लिए आवेदन कर सकते हैं। मंत्रालय के अनुसार, दूसरे चरण में प्रत्येक आवेदक को अधिकतम तीन इंटर्नशिप के लिए आवेदन करने की अनुमति दी गई है। इससे युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में अवसर प्राप्त करने का लाभ मिलेगा और उनकी नौकरी पाने की संभावनाएं बढ़ेंगी।

Prime Minister Internship Scheme (PMIS) के दूसरे चरण के लिए आवेदन शुरू, युवाओं को मिलेगा बड़ा अवसर

रोजगार मेले और कॉलेजों में मिलेगी अधिकतम इंटर्नशिप

मंत्रालय ने जानकारी दी कि दूसरे चरण में अधिक से अधिक युवाओं को जोड़ने के लिए देशभर में 70 से अधिक IEC (सूचना, शिक्षा और संचार) कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। ये कार्यक्रम उन जिलों में किए जा रहे हैं जहां कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, आईटीआई और रोजगार मेलों में अधिकतम इंटर्नशिप के अवसर उपलब्ध हैं।

इसके अलावा, डिजिटल अभियान भी चलाए जा रहे हैं ताकि इस योजना की जानकारी अधिकतम युवाओं तक पहुंच सके। मंत्रालय के अनुसार, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और विभिन्न डिजिटल माध्यमों से इस योजना को प्रचारित किया जा रहा है ताकि इच्छुक युवा इस अवसर का लाभ उठा सकें।

PMIS के लाभ और खासियतें

प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना युवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर लेकर आई है। इस योजना के माध्यम से युवाओं को न केवल व्यावहारिक अनुभव मिलेगा, बल्कि वे अपने क्षेत्र के पेशेवरों से नेटवर्किंग करने और अपनी रोजगार क्षमता बढ़ाने में सक्षम होंगे।

1. विभिन्न उद्योगों में इंटर्नशिप का अवसर

इस योजना के तहत युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में इंटर्नशिप करने का मौका मिलेगा। चाहे वह बैंकिंग हो, वित्तीय सेवाएं, ऊर्जा क्षेत्र हो या फिर स्वास्थ्य और ऑटोमोटिव सेक्टर – सभी प्रमुख उद्योगों में इंटर्नशिप के अवसर दिए जा रहे हैं।

2. करियर विकास के लिए सुनहरा अवसर

इंटर्नशिप करने से न केवल युवा अपने क्षेत्र में व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त कर सकेंगे, बल्कि उन्हें बड़े ब्रांड्स के साथ काम करने का अनुभव भी मिलेगा। इससे उनके करियर की संभावनाएं मजबूत होंगी।

3. नेटवर्किंग और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे

इंटर्नशिप के दौरान युवा अपने संबंधित उद्योगों के पेशेवरों से संपर्क कर सकेंगे, जिससे उन्हें भविष्य में रोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त करने में मदद मिलेगी।

4. डिजिटल माध्यमों से जागरूकता अभियान

युवाओं तक अधिक से अधिक जानकारी पहुंचाने के लिए सरकार विभिन्न डिजिटल प्लेटफार्मों पर जागरूकता अभियान चला रही है। इसके तहत सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर और अन्य डिजिटल माध्यमों का उपयोग किया जा रहा है।

आवेदन प्रक्रिया और अंतिम तिथि

प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना के दूसरे चरण में आवेदन करने के इच्छुक युवा सरकार द्वारा जारी की गई आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन की अंतिम तिथि जल्द ही घोषित की जाएगी।

कैसे करें आवेदन?

  1. सरकारी पोर्टल पर जाएं – उम्मीदवारों को आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन करना होगा।
  2. पसंदीदा क्षेत्र का चयन करें – युवा अपने जिले, राज्य और सेक्टर के अनुसार इंटर्नशिप के लिए आवेदन कर सकते हैं।
  3. तीन इंटर्नशिप के लिए आवेदन करने की सुविधा – उम्मीदवार अधिकतम तीन इंटर्नशिप के लिए आवेदन कर सकते हैं।
  4. डॉक्यूमेंट्स अपलोड करें – आवश्यक दस्तावेज जैसे शैक्षिक प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेज अपलोड करें।
  5. फाइनल सबमिशन करें – सभी जानकारी भरने के बाद आवेदन सबमिट करें और पुष्टि प्राप्त करें।

युवाओं में उत्साह, मिल रही जबरदस्त प्रतिक्रिया

प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना के पहले चरण को जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली थी और दूसरे चरण को लेकर भी युवाओं में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है। इस योजना के माध्यम से लाखों युवा अपने करियर को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का सपना देख रहे हैं।

दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा स्नेहा सिंह ने कहा, “PMIS के तहत पहले चरण में मेरे कई दोस्तों को इंटर्नशिप मिली थी। इस बार मैं भी आवेदन कर रही हूं। यह योजना हमें इंडस्ट्री का वास्तविक अनुभव देने का शानदार मौका देती है।”

वहीं, आईटी सेक्टर में इंटर्नशिप की तलाश कर रहे पुणे के युवा अंकित गुप्ता ने कहा, “इस योजना से हमें बड़े ब्रांड्स के साथ काम करने का अवसर मिल रहा है। यह हमारी नौकरी पाने की संभावनाओं को मजबूत करेगा।”

प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना (PMIS) का दूसरा चरण युवाओं के लिए करियर निर्माण का एक बड़ा अवसर लेकर आया है। इस योजना के तहत देशभर के 730 से अधिक जिलों में 1 लाख से अधिक इंटर्नशिप दी जाएंगी, जिससे युवाओं को व्यावहारिक ज्ञान और अनुभव प्राप्त करने का मौका मिलेगा।

इस योजना का उद्देश्य न केवल युवाओं को रोजगार के लिए तैयार करना है, बल्कि उन्हें विभिन्न क्षेत्रों में व्यावहारिक अनुभव प्रदान करके उनके करियर को गति देना भी है। यदि आप भी इस योजना के तहत इंटर्नशिप प्राप्त करना चाहते हैं, तो जल्द से जल्द आवेदन करें और अपने करियर को नई दिशा दें।

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PM Modi की असम रैली में बड़ा दावा, कनेक्टिविटी से बदलेगा पूर्वोत्तर का भविष्य

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PM Modi की असम रैली में बड़ा दावा, कनेक्टिविटी से बदलेगा पूर्वोत्तर का भविष्य

PM Modi इन दिनों असम के दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने डिब्रूगढ़ में एक नए खाद कारखाने का शिलान्यास किया और एक विशाल जनसभा को संबोधित किया। अपने भाषण में PM Modi ने कहा कि आज असम तेज़ी से विकास की राह पर आगे बढ़ रहा है। औद्योगीकरण और बेहतर कनेक्टिविटी ने राज्य की तस्वीर बदल दी है और इसका सबसे बड़ा फायदा असम के युवाओं को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि नए उद्योग, बेहतर सड़कें, रेलवे और हवाई संपर्क युवाओं को बड़े सपने देखने और उन्हें पूरा करने का आत्मविश्वास दे रहे हैं। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकार मिलकर असम को विकास का नया केंद्र बना रही है, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है और रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं।

कांग्रेस पर हमला: डबल इंजन सरकार कर रही समस्याओं का समाधान

जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि आज देश में भाजपा की डबल इंजन सरकार कांग्रेस द्वारा वर्षों पहले पैदा की गई समस्याओं का समाधान कर रही है। पीएम मोदी ने कहा कि असम ही नहीं, बल्कि देश के कई राज्यों में कांग्रेस के शासनकाल में खाद कारखाने बंद हो गए थे, जिससे किसानों को भारी परेशानी उठानी पड़ी। उन्होंने आरोप लगाया कि उस दौर में न तो किसानों की चिंता की गई और न ही उद्योगों को बचाने की कोशिश हुई। पीएम मोदी ने कहा कि आज उनकी सरकार पुराने बंद पड़े कारखानों को दोबारा शुरू कर रही है और नए उद्योग स्थापित कर रही है, ताकि देश आत्मनिर्भर बन सके और किसानों को समय पर खाद उपलब्ध हो।

यूरिया संकट और कांग्रेस की नीतियों पर सवाल

PM Modi ने अपने संबोधन में किसानों की समस्याओं का जिक्र करते हुए कहा कि पहले यूरिया पाने के लिए किसानों को घंटों लंबी लाइनों में खड़ा रहना पड़ता था। उन्होंने कहा कि उस समय हालात इतने खराब थे कि कई जगह पुलिस को किसानों पर लाठीचार्ज तक करना पड़ता था। पीएम मोदी ने कहा कि यह सब कांग्रेस की गलत नीतियों का नतीजा था, जिसने खेती और किसानों की स्थिति को बदतर बना दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि भाजपा सरकार ने इन हालातों को सुधारने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। आज किसानों को खाद की उपलब्धता बेहतर हुई है और व्यवस्था को पारदर्शी बनाया गया है, ताकि किसी को परेशानी न हो।

किसानों के साथ भाजपा सरकार, कांग्रेस पर देश विरोधी सोच का आरोप

डिब्रूगढ़ में अपने भाषण के दौरान PM Modi ने कांग्रेस पर देश विरोधी सोच को बढ़ावा देने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस असम की जमीन, जंगल और संसाधनों को बांग्लादेशी घुसपैठियों के हवाले करना चाहती है, सिर्फ अपनी वोटबैंक की राजनीति के लिए। पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस को आम जनता की पहचान और हितों से कोई लेना-देना नहीं है। इसके विपरीत, भाजपा सरकार बीज से लेकर बाजार तक किसानों के साथ खड़ी है। उन्होंने बताया कि खेती के काम के लिए किसानों के खातों में सीधे पैसे भेजे जा रहे हैं, ताकि उन्हें कर्ज के लिए भटकना न पड़े। पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत अब तक करीब 4 लाख करोड़ रुपये किसानों के खातों में ट्रांसफर किए जा चुके हैं। पीएम मोदी ने कहा कि यही भाजपा सरकार की किसान-केंद्रित सोच है, जो देश के अन्नदाताओं को सशक्त बना रही है।

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राउज एवेन्यू कोर्ट ने AgustaWestland money laundering case में क्रिश्चियन मिशेल को रिहा करने का आदेश दिया

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राउज एवेन्यू कोर्ट ने AgustaWestland money laundering case में क्रिश्चियन मिशेल को रिहा करने का आदेश दिया

AgustaWestland money laundering case: दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने शनिवार को ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन मिशेल जेम्स को अगस्ता वेस्टलैंड VVIP हेलीकॉप्टर डील से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हिरासत से रिहा करने का आदेश दिया। हालांकि, मिशेल अभी भी CBI के एक अलग मामले में जेल में रहेंगे। कोर्ट ने कहा कि अगर कोई अन्य मामला नहीं है, तो मिशेल को 21 दिसंबर 2025 तक रिहा कर दिया जाए। स्पेशल जज (CBI) संजय जिंदल ने CrPC की धारा 436A के प्रावधानों के तहत यह आदेश दिया। जज ने स्पष्ट किया कि इस मामले में आरोपी को अब और हिरासत में नहीं रखा जा सकता।

मिशेल की याचिका और CrPC की धारा 436A

मिशेल ने अपनी याचिका में कहा था कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें अधिकतम 7 साल की सजा पूरी हो चुकी है और वह इस मामले में 7 साल से हिरासत में हैं। CrPC की धारा 436A के दूसरे प्रावधान के अनुसार, जांच, पूछताछ या ट्रायल के दौरान किसी व्यक्ति को अधिकतम सजा से ज्यादा समय तक हिरासत में नहीं रखा जा सकता। कोर्ट ने जेल अधिकारियों को निर्देश दिया कि मिशेल की रिहाई सभी जरूरी नियमों के तहत की जाए।

बेल और ट्रायल की परिस्थितियां

मिशेल को पहले सुप्रीम कोर्ट ने CBI मामले में और दिल्ली हाई कोर्ट ने ED मामले में बेल दी थी। बेल की शर्तों में प्रत्येक मामले में 5 लाख रुपये का बॉन्ड और पासपोर्ट सरेंडर करना शामिल था, लेकिन मिशेल ने बॉन्ड जमा नहीं किया और हिरासत के दौरान उनका पासपोर्ट इनवैलिड हो गया। मिशेल ने कोर्ट में लिखित में कहा कि अगर रिहा किया जाए तो वह बाकी ट्रायल में हिस्सा लेंगे। उनके वकील ने भी कहा कि दो जांच एजेंसियां पिछले 12 साल से मामले की जांच कर रही हैं और मिशेल 7 साल से हिरासत में हैं, जबकि बेल मिलने के बावजूद उन्हें घर नहीं जाने दिया गया।

मिशेल और अगस्ता वेस्टलैंड डील का मामला

क्रिश्चियन मिशेल को दुबई से 4 दिसंबर 2018 को प्रत्यर्पित किया गया था। CBI ने उन्हें गिरफ्तार किया और बाद में ED ने भी 22 दिसंबर 2018 को गिरफ्तारी की। मिशेल पर 3600 करोड़ रुपये की अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर डील में मिडलमैन होने का आरोप है। इस डील में VVIP के लिए हेलीकॉप्टर खरीदे गए थे। आरोप है कि सप्लायर को कॉन्ट्रैक्ट दिलाने के लिए हेलीकॉप्टर की उड़ान ऊंचाई की शर्त को कम किया गया और इसमें 200 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई। CBI ने 2013 में मामला दर्ज किया था और ED ने भी जांच शुरू की थी। मिशेल की रिहाई अब इस मामले में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

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Bangladesh violence: बांग्लादेश में हिंसा पर बड़ा आरोप, पूर्व मंत्री बोले– चुनाव टालने की साजिश रच रही अंतरिम सरकार

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Bangladesh violence: बांग्लादेश में हिंसा पर बड़ा आरोप, पूर्व मंत्री बोले– चुनाव टालने की साजिश रच रही अंतरिम सरकार

Bangladesh violence: बांग्लादेश के पूर्व मंत्री मोहिबुल हसन चौधरी ने शुक्रवार को देश की अंतरिम सरकार पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार जानबूझकर देश में हिंसा भड़का रही है, ताकि आगामी चुनावों को टाला जा सके। समाचार एजेंसी ANI से बातचीत में चौधरी ने दावा किया कि ढाका में भारत के डिप्टी हाई कमिश्नर के आवास पर हुआ हमला पहले से योजनाबद्ध और सरकार द्वारा प्रायोजित था। उनका कहना है कि इस पूरे घटनाक्रम का मकसद भारत को उकसाना और हालात को अंतरराष्ट्रीय स्तर तक ले जाना था। गौरतलब है कि छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद बांग्लादेश के कई हिस्सों में हिंसा भड़क उठी, जिसने देखते ही देखते बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों और आगजनी का रूप ले लिया।

हादी की मौत पर सवाल, साजिश का आरोप

शेख हसीना सरकार में शिक्षा मंत्री रह चुके मोहिबुल हसन चौधरी ने हादी की मौत को लेकर भी कई सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा, “शरीफ उस्मान हादी एक कट्टरपंथी नेता था, जो खुलेआम हिंसा और खून-खराबे की बातें करता था। मीडिया में उपलब्ध जानकारियों के मुताबिक, उसे उसके ही बेहद करीबी व्यक्ति ने गोली मारी, जो उसी के हथियारबंद समूह का सदस्य था।” चौधरी ने आरोप लगाया कि अंतरिम सरकार ने इस मौत को एक बहाने की तरह इस्तेमाल किया और कट्टरपंथी तत्वों व उनसे सहानुभूति रखने वाले राजनीतिक समूहों को सक्रिय कर पूरे देश में अशांति फैलाई। उनके मुताबिक, सरकार का असली मकसद चुनावों को टालना है, जिसकी चर्चा वह खुद बार-बार करती रही है, और साथ ही जमीनी स्तर पर सक्रिय राजनीतिक कार्यकर्ताओं को कमजोर या खत्म करना भी इस रणनीति का हिस्सा है।

भारत को उकसाने की साजिश का दावा

हिंसा के दौरान ढाका में भारत के डिप्टी राजदूत के आवास को घेरने की घटना ने पूरे मामले को भारत-विरोधी रंग दे दिया। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए चौधरी ने कहा कि विदेशी मिशनों को जानबूझकर निशाना बनाया गया। उन्होंने आरोप लगाया, “उपद्रवियों का उद्देश्य था कि भारत प्रतिक्रिया दे और हालात और बिगड़ें। मेरे गृहनगर चटगांव में भी भारतीय हाई कमिशन को निशाना बनाया गया।” चौधरी ने याद दिलाया कि भारत बांग्लादेश का पुराना मित्र और रणनीतिक साझेदार रहा है। उन्होंने अंतरिम सरकार पर आरोप लगाया कि उसने कानून-व्यवस्था संभालने के बजाय हिंसा को खुली छूट दी। उनके अनुसार, घटना की जांच कराने या पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात करने की जगह, यूनुस सरकार के कुछ मंत्री खुद भड़काऊ बयान दे रहे थे, जिससे हालात और खराब हो गए।

मीडिया हाउसों पर हमले और मंत्रियों की भूमिका

मोहिबुल हसन चौधरी ने आरोप लगाया कि अंतरिम कैबिनेट के कुछ सदस्यों ने सीधे तौर पर जनता को भड़काया। उन्होंने एक पूर्व मंत्री का हवाला देते हुए कहा कि भले ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया हो, लेकिन वे अब भी सरकारी सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं और सार्वजनिक मंचों से लाशें गिरने और शहादत देने जैसी बातें कर रहे हैं। इसी माहौल का नतीजा यह रहा कि प्रदर्शनकारियों ने ढाका के बड़े मीडिया हाउसों को भी निशाना बनाया। देश के प्रमुख अखबार ‘द डेली स्टार’ और ‘प्रोथोम आलो’ की इमारतों में घुसकर आगजनी की गई। चौधरी का दावा है कि मीडिया पर हमले भी उसी सोची-समझी रणनीति का हिस्सा थे, चाहे वे संस्थान पहले इन समूहों का समर्थन ही क्यों न करते रहे हों। उन्होंने कहा, “अगर कोई यह कहता है कि यह हिंसा अचानक हुई, तो यह पूरी तरह गलत है। कई दिनों तक माहौल शांत था, लेकिन जैसे ही मंत्रियों ने खून-खराबे की बातें कीं, कट्टरपंथी भीड़ वैसा ही करने लगी।”

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