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Anil Kapoor ने याद किया Feroz Khan, फिल्म ‘Welcome’ के 18 साल पूरे होने पर भावुक पल

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Anil Kapoor ने याद किया Feroz Khan, फिल्म 'Welcome' के 18 साल पूरे होने पर भावुक पल

कॉमेडी फिल्म ‘Welcome’ 21 दिसंबर 2007 को रिलीज़ हुई थी और आज इसने 18 साल का सफर पूरा कर लिया है। फिल्म में Anil Kapoor, फरोज़ खान, अक्षय कुमार, नाना पाटेकर, परेश रावल, कटरीना कैफ और मल्लिका शेरावत मुख्य भूमिकाओं में थे। फिल्म के 18वें सालगिरह के मौके पर अनिल कपूर ने लेट फरोज़ खान को याद करते हुए कहा कि फिल्म RDX किरदार के बिना वैसी मजेदार और यादगार नहीं होती। अनिल कपूर ने यह भी बताया कि जब उन्होंने पहली बार स्क्रिप्ट सुनी थी, तो उन्हें लगा कि फिल्म कैसी बनेगी। लेकिन अनीस बाज़्मी को भरोसा था कि फरोज़ खान की मौजूदगी फिल्म को और ऊँचाइयों तक ले जाएगी।

शूटिंग के दौरान के अनुभव साझा किए अनिल कपूर ने

‘Welcome’ की 18वीं सालगिरह पर अनिल कपूर ने पुराने दिनों को याद करते हुए सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें साझा कीं, जिनमें लेट फरोज़ खान के साथ उनके शूटिंग के पल और 1986 की फिल्म ‘जनबाज़’ की ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीर भी शामिल थी। उन्होंने कैप्शन में लिखा, “18 साल हुए Welcome को। यह फरोज़ खान साहब के लिए। RDX के बिना Welcome Welcome नहीं होती, बिल्कुल वैसे ही जैसे मिस्टर इंडिया में Mogambo के बिना मज़ा नहीं आता। दोनों की तुलना नहीं की जा सकती, बस अलग और शानदार।” अनिल कपूर ने आगे बताया कि स्क्रिप्ट सुनने के बाद उन्हें लगा कि फिल्म कुछ जगहों पर स्लो और रुक-सी गई थी, लेकिन अनीस बाज़्मी ने कहा, ‘फरोज़ साहब इसे उठाएंगे,’ और वास्तव में RDX ने फिल्म को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया।

 

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अनीस बाज़्मी ने भी साझा किए अनुभव

अनीस बाज़्मी ने इंस्टाग्राम पर लिखा, “18 साल हो गए Welcome को… और इसका प्यार कम नहीं हुआ। मजनू और उदय की हरकतों से लेकर घुंगरू की कीमती प्रतिक्रियाएँ, राजीव की मासूमियत और RDX का स्वैग – हर किरदार हमारे दिलों में रह गया। Welcome एक मूड, पहचान और आरामदायक फिल्म बन गई। आप सभी के प्यार और हंसी के लिए धन्यवाद, जिसने Welcome को बार-बार आपके जीवन का हिस्सा बनाया।”

Welcome फ्रेंचाइज़ी का सफर और आगे

‘Welcome’ फ्रेंचाइज़ी की शुरुआत 2007 में अनीस बाज़्मी की फिल्म Welcome से हुई थी, इसके बाद Welcome Back (2015) रिलीज़ हुई। इस फ्रेंचाइज़ी की कॉमिक टाइमिंग और यादगार किरदारों के कारण यह आज भी दर्शकों की पसंदीदा फिल्म बनी हुई है। 2023 में फ्रेंचाइज़ी की तीसरी फिल्म ‘Welcome to the Jungle’ की घोषणा की गई। इस फिल्म को अहमद खान डायरेक्ट कर रहे हैं और अक्षय कुमार व परेश रावल पिछले किरदारों में लौट रहे हैं। हालांकि, इस बार लोकप्रिय किरदार उदय और मजनू, जो नाना पाटेकर और अनिल कपूर ने निभाए थे, इस फिल्म में नहीं होंगे।

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Srinivasan: मलयालम अभिनेता श्रीनिवासन का 20 दिसंबर को अचानक मेडिकल इमरजेंसी में निधन

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Srinivasan: मलयालम अभिनेता श्रीनिवासन का 20 दिसंबर को अचानक मेडिकल इमरजेंसी में निधन

मशहूर मलयालम अभिनेता Srinivasan का 20 दिसंबर, 2025 को अचानक मेडिकल इमरजेंसी के बाद निधन हो गया। उनके परिवार के मुताबिक, वे उम्र से संबंधित दिल की बीमारियों से लंबे समय से पीड़ित थे। कुछ समय पहले उन्हें शेड्यूल डायलिसिस के लिए ले जाया जा रहा था, उसी दौरान उनकी तबीयत बिगड़ गई और उन्हें थ्रिप्पुनिथुरा के अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। उनके पीछे पत्नी विमला और दो बेटे विनीत और ध्यान हैं।

बस स्टॉप पर शुरू हुई लव स्टोरी

Srinivasan और विमला की प्रेम कहानी किसी फिल्म से कम नहीं थी। दोनों की मुलाकात कन्नूर जिले के कुथुपरम्बा में निर्मलागिरी कॉलेज में हुई थी। विमला ने बताया कि वे अक्सर एक छोटे-सांवले युवक को अपनी ओर से जाते हुए देखती थीं, जो हमेशा बस स्टॉप पर उनका हालचाल पूछते थे। इसी दौरान दोनों के बीच दोस्ती और प्यार की शुरुआत हुई, जो धीरे-धीरे मजबूत रिश्ते में बदल गया।

10 साल की डेटिंग के बाद हुई शादी

Srinivasan, जो उस समय ट्यूटोरियल कॉलेज में टीचर थे, ने 1974 में विमला को अपना दिल दे दिया और दोनों ने डेटिंग शुरू की। श्रीनिवासन को एक्टिंग का जुनून था, जिसके लिए उन्होंने चेन्नई जाकर कोर्स भी किया। उनके पिता उनके एक्टर बनने के निर्णय के खिलाफ थे, लेकिन एक चाचा ने आर्थिक मदद की और श्रीनिवासन ने अपना कोर्स पूरा किया। इसके बाद दोनों ने शादी करने का निर्णय लिया, हालांकि विमला के पिता शुरू में इसके खिलाफ थे। उन्होंने डेटिंग के 10 साल बाद 13 जनवरी, 1984 को शादी की और इसके तुरंत बाद अपने पहले बेटे विनीत का स्वागत किया।

परिवार और बेटे विनीत व ध्यान

श्रीनिवासन और विमला के दो बेटे हैं – विनीत और ध्यान, जिन्होंने अपने पिता की तरह मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में करियर बनाया। विनीत एक बहुआयामी कलाकार हैं – वे एक्टर, डायरेक्टर, प्रोड्यूसर, डबिंग आर्टिस्ट, स्क्रीनराइटर, प्लेबैक सिंगर और लिरिसिस्ट हैं। उन्होंने कई फिल्मों का निर्देशन भी किया। वहीं, ध्यान भी एक मशहूर एक्टर और डायरेक्टर के रूप में अपने करियर में स्थापित हैं। श्रीनिवासन की विरासत उनके बेटों के माध्यम से आज भी जीवित है और मलयालम सिनेमा के लिए उनका योगदान हमेशा याद रखा जाएगा।

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Ikkis: अमिताभ के नाती अगस्त्य नंदा की ‘इक्कीस’ का फाइनल ट्रेलर रिलीज, भावुक कर देगी कहानी

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Ikkis: अमिताभ के नाती अगस्त्य नंदा की ‘इक्कीस’ का फाइनल ट्रेलर रिलीज, भावुक कर देगी कहानी

बॉलीवुड सुपरस्टार अमिताभ बच्चन के नाती अगस्त्य नंदा की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘Ikkis’ भले ही तय समय पर रिलीज न हो पाई हो, लेकिन मेकर्स ने लगातार दर्शकों की उत्सुकता बनाए रखी है। अब यह फिल्म 1 जनवरी 2026 को सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है। इसी कड़ी में फिल्म का फाइनल ट्रेलर रिलीज कर दिया गया है, जिसने रिलीज से पहले ही माहौल बना दिया है। इस फिल्म की सबसे भावुक और खास बात यह है कि ‘इक्कीस’ दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र की आखिरी फिल्म है, जिसे दर्शक बड़े पर्दे पर देख पाएंगे। 24 नवंबर 2025 को उनके निधन के बाद यह फिल्म उनके चाहने वालों के लिए एक यादगार सिनेमाई अनुभव बनने वाली है।

ट्रेलर में दिखा जंग और जज्बे का दम

‘Ikkis’ का फाइनल ट्रेलर काफी दमदार और प्रभावशाली नजर आता है। 2 मिनट 11 सेकंड के इस ट्रेलर की शुरुआत जयदीप अहलावत की भारी और गंभीर आवाज से होती है, जिसमें वे कहते हैं कि उन्हें आज भी धुएं और बारूद की गंध याद है, और वे इतिहास बदलने वाले थे, लेकिन एक लड़के ने उनकी किस्मत बदल दी। इसके बाद ट्रेलर में युद्ध के खौफनाक दृश्य, गोलियों की आवाजें और धमाकों से भरे सीन दिखाई देते हैं। हर फ्रेम में देशभक्ति, बलिदान और जंग का तनाव साफ झलकता है। ट्रेलर दर्शकों को सीधे युद्ध के मैदान में ले जाता है और कहानी के भावनात्मक पक्ष से भी जोड़ देता है।

अगस्त्य नंदा और धर्मेंद्र की भावुक मौजूदगी

फिल्म में अगस्त्य नंदा सेकंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल के किरदार में नजर आ रहे हैं। आर्मी यूनिफॉर्म में उनका लुक काफी आत्मविश्वास से भरा हुआ दिखता है और ट्रेलर में उनकी गंभीरता व जोश साफ महसूस किया जा सकता है। वहीं ट्रेलर का अंत बेहद भावुक कर देने वाला है, जहां धर्मेंद्र मुस्कुराते हुए नजर आते हैं और बैकग्राउंड में राजेश खन्ना का मशहूर गाना ‘जिंदगी एक सफर है सुहाना’ बजता है। यह सीन न सिर्फ कहानी को गहराई देता है, बल्कि धर्मेंद्र के फैंस के लिए भी बेहद खास बन जाता है। फिल्म में धर्मेंद्र, अरुण खेत्रपाल के पिता की भूमिका निभा रहे हैं, जो कहानी में भावनात्मक मजबूती जोड़ते हैं।

रिलीज डेट और फिल्म से उम्मीदें

‘इक्कीस’ को पहले 25 दिसंबर को रिलीज किया जाना था, लेकिन मेकर्स ने इसे एक हफ्ते के लिए टाल दिया। अब यह फिल्म नए साल के पहले दिन, 1 जनवरी 2026 को सिनेमाघरों में दस्तक देगी। यह फिल्म भारत के वीर सपूत सेकंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल के जीवन पर आधारित एक सच्ची कहानी है, जिन्होंने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। फिल्म का निर्देशन श्रीराम राघवन ने किया है, जो इससे पहले ‘अंधाधुन’ जैसी बेहतरीन फिल्म बना चुके हैं। जयदीप अहलावत, समीर भाटिया और सिकंदर खेर जैसे कलाकार भी अहम भूमिकाओं में नजर आएंगे। अब देखना दिलचस्प होगा कि यह देशभक्ति और भावनाओं से भरी वॉर बायोपिक बॉक्स ऑफिस पर दर्शकों के दिलों में कितनी गहरी छाप छोड़ पाती है।

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Esther Anil: मलयालम फिल्म दृश्यम स्टार एस्थर अनिल ने LSE से इंटरनेशनल डेवलपमेंट में ग्रेजुएशन किया पूरा

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Esther Anil: मलयालम फिल्म दृश्यम स्टार एस्थर अनिल ने LSE से इंटरनेशनल डेवलपमेंट में ग्रेजुएशन किया पूरा

Esther Anil: मलयालम फिल्म ‘दृश्यम’ (2013) में मोहनलाल की छोटी बेटी के किरदार से घर-घर पहचान बनाने वाली एक्ट्रेस एस्थर अनिल ने अब अपनी जिंदगी का एक बेहद अहम मुकाम हासिल कर लिया है। एस्थर ने दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटीज़ में से एक लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (LSE) से इंटरनेशनल डेवलपमेंट में ग्रेजुएशन पूरी कर ली है। इस खास मौके की तस्वीरें उन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर साझा कीं, साथ ही एक लंबा और भावुक नोट भी लिखा, जिसमें उन्होंने अपने संघर्ष, डर, सपनों और माता-पिता के साथ जुड़ी यादों को खुलकर साझा किया। सोशल मीडिया पर यह पोस्ट तेजी से वायरल हो रहा है और फैंस उन्हें न सिर्फ एक सफल एक्ट्रेस, बल्कि एक प्रेरणादायक युवा महिला के तौर पर भी देख रहे हैं।

जब एस्थर को डर था कि माता-पिता फीस नहीं भर पाएंगे

एस्थर ने अपने नोट में बताया कि कुछ साल पहले उनके पिता ने LSE में पढ़ने वाले किसी व्यक्ति का जिक्र किया था और उनसे भी वहां आवेदन करने को कहा था। उस समय एस्थर को यह सपना बेहद अवास्तविक लगा और उन्होंने खुद को यह कहते हुए याद किया कि उनके पिता ‘बेहद बड़े सपने देखने वाले’ हैं। एस्थर ने लिखा, “आज वही मैं, उनकी बेटी, LSE के सामने खड़ी हूं और इंटरनेशनल डेवलपमेंट में ग्रेजुएट हो चुकी हूं। जिंदगी वाकई जादू से भरी है।” उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि जब उनका LSE में एडमिशन हुआ, तो उन्होंने शुरुआत में अपने माता-पिता को यह बात नहीं बताई। वजह यह थी कि उनके दोनों भाई पहले से ही स्टूडेंट लोन पर पढ़ाई कर रहे थे और उन्हें डर था कि परिवार पर फीस का बोझ नहीं डाला जा सकता। यह डर और जिम्मेदारी का एहसास उनकी परिपक्वता को दर्शाता है।

 

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माता-पिता के सपने और इंपोस्टर सिंड्रोम से जंग

एस्थर ने लिखा कि उस समय उनके माता-पिता के पास इतने संसाधन नहीं थे कि वे आसानी से फीस भर सकें, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने कभी बेटी के सपनों को छोटा नहीं होने दिया। उल्टा, उन्होंने एस्थर को आगे बढ़ने और LSE जाने के लिए प्रोत्साहित किया। एस्थर ने कहा कि वह जिंदगी भर इसके लिए अपने माता-पिता की आभारी रहेंगी, क्योंकि उन्होंने उन्हें सपने देखना सिखाया। LSE में पढ़ाई के दौरान उन्हें अक्सर इंपोस्टर सिंड्रोम का सामना करना पड़ा। उन्होंने लिखा, “मैंने एक इंटरव्यू में कहा था कि मैं दुनिया की सबसे बेहतरीन यूनिवर्सिटी में सिर्फ इसलिए गई ताकि मैं खुद को सबसे बड़ी बेवकूफ महसूस कर सकूं।” दुनिया के सबसे तेज दिमागों के बीच खुद को साबित करना उनके लिए आसान नहीं था। यह दौर उनके लिए मानसिक रूप से चुनौतीपूर्ण रहा, लेकिन इसी संघर्ष ने उन्हें और मजबूत बनाया।

पढ़ाई में भी साबित की खुद की काबिलियत

एस्थर ने अपने नोट का अंत आत्मविश्वास से भरे शब्दों में किया। उन्होंने बताया कि उन्होंने महिलाओं और शक्ति पर अपनी थीसिस लिखी, जिसके लिए LSE ने उन्हें डिस्टिंक्शन से सम्मानित किया। उन्होंने लिखा, “शायद मैं उतनी बेवकूफ नहीं हूं जितना मैं सोचती थी। शायद मुझमें भी कुछ खास है।” अभिनय के साथ-साथ अकादमिक दुनिया में यह उपलब्धि उनके बहुआयामी व्यक्तित्व को दर्शाती है। एस्थर ने 9 साल की उम्र में फिल्म ‘नल्लावन’ से चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में करियर शुरू किया था, लेकिन असली पहचान उन्हें ‘दृश्यम’ से मिली। तेलुगु और तमिल रीमेक्स में भी उन्होंने वही किरदार निभाया। 2020 में तेलुगु फिल्म ‘जोहार’ से उन्होंने लीड एक्ट्रेस के तौर पर डेब्यू किया। अब वह जल्द ही ‘दृश्यम 3’ में फिर से मोहनलाल की बेटी के रूप में नजर आएंगी। अभिनय और शिक्षा—दोनों मोर्चों पर एस्थर अनिल की यह कहानी लाखों युवाओं के लिए एक बड़ी प्रेरणा है।

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