देश
Akhilesh Yadav का बड़ा हमला! कुंभ में 37 या 82 मौतें की सच्चाई पर उठे सवाल

Akhilesh Yadav: प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ के दौरान भगदड़ मच गई जिसमें सरकार ने 37 श्रद्धालुओं की मौत की पुष्टि की थी। लेकिन अब एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस हादसे में असल में 82 लोगों की जान गई थी। इस नए आंकड़े ने सियासी भूचाल ला दिया है।
अखिलेश यादव का बीजेपी पर सीधा हमला
इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि यह सिर्फ आंकड़ों का अंतर नहीं है बल्कि यह सच और झूठ की लड़ाई है। उन्होंने इसे ‘फैक्ट बनाम सत्य’ बताते हुए कहा कि भाजपा के झूठ के साम्राज्य पर अब सवाल उठने चाहिए।
तथ्य बनाम सत्य : 37 बनाम 82
सब देखें, सुनें, जानें-समझें और साझा करें। सत्य की केवल पड़ताल नहीं, उसका प्रसार भी उतना ही ज़रूरी होता है।
भाजपा आत्म-मंथन करे और भाजपाई भी और साथ ही उनके समर्थक भी कि जो लोग किसी की मृत्यु के लिए झूठ बोल सकते हैं, वो झूठ के किस पाताल-पर्वत पर चढ़कर… pic.twitter.com/7vMg0o8kEo
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) June 10, 2025
झूठे आंकड़ों पर सदन में सवाल
अखिलेश यादव ने पूछा कि क्या सदन के पटल पर झूठ बोलना सही है। उन्होंने कहा कि मौत के आंकड़े छिपाना सिर्फ आंकड़ों की हेरा-फेरी नहीं बल्कि नैतिकता का हनन है। उन्होंने पूछा कि जिन लोगों को मुआवजा दिया गया वह राशि नकद क्यों दी गई और उसके पीछे की प्रक्रिया क्या थी।
नकद मुआवजा और सरकारी आदेशों का रहस्य
उन्होंने आगे कहा कि मौत के मुआवजे के लिए नकद देने का आदेश किसने दिया और उस पैसे का वितरण किसके आदेश पर हुआ। क्या कोई लिखित आदेश था या सब कुछ मौखिक हुआ। साथ ही सवाल उठाया कि जिनको मुआवजा नहीं मिला उनका पैसा कहां गया और किसके पास वापस पहुंचा।
मौत के कारण बदलवाने का दबाव क्यों पड़ा
अखिलेश यादव ने यह भी आरोप लगाया कि मरने वालों की असली वजह को बदलवाने के लिए किसने दबाव बनाया। उन्होंने मांग की कि इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए और जनता के सामने सच्चाई लाई जाए। उन्होंने कहा कि इस मामले में सच्चाई को दबाया नहीं जा सकता।
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Bhubaneswar: नगर निगम मुख्यालय में मचा हड़कंप! सीनियर अफसर पर हुआ हमला, पूरे प्रशासन ने उठाया बड़ा कदम

Bhubaneswar: सोमवार 30 जून को भुवनेश्वर नगर निगम (BMC) में एक ऐसा शर्मनाक दृश्य देखने को मिला जिसने पूरे राज्य प्रशासन को हिला कर रख दिया। निगम के अतिरिक्त आयुक्त रत्नाकर साहू एक सामान्य साप्ताहिक शिकायत सुनवाई के दौरान अपने चेंबर में बैठे थे। तभी 6-7 लोगों का एक समूह अचानक उनके चेंबर में घुस आया। आरोप है कि बीएमसी पार्षद जीवन राउत के नेतृत्व में आए इन लोगों ने साहू पर सवाल खड़े किए और फिर उन्हें मारपीट कर बाहर घसीट लाया। इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
रत्नाकर साहू का बयान: जबरन गाड़ी में बैठाने की कोशिश
रत्नाकर साहू ने बताया कि घटना सुबह करीब 11:30 बजे की है जब वह एक शिकायत की सुनवाई कर रहे थे। तभी बीएमसी पार्षद जीवन राउत कुछ लोगों के साथ उनके चेंबर में घुसे और आरोप लगाया कि उन्होंने ‘जग भाई’ से बदसलूकी की है। जब साहू ने इनकार किया तो उन लोगों ने उनके साथ मारपीट शुरू कर दी। उन्होंने साहू को कॉलर पकड़ कर चेंबर से बाहर घसीटा और गाड़ी में जबरन बैठाने की कोशिश की।
सरकारी कर्मचारियों का काम बंद, ओएएस अधिकारियों का सामूहिक अवकाश
घटना के बाद भुवनेश्वर नगर निगम के कर्मचारियों ने काम रोक दिया और ऑफिस परिसर में धरने पर बैठ गए। ओडिशा प्रशासनिक सेवा (OAS) के सभी अधिकारियों ने सामूहिक अवकाश की घोषणा की। ओएएस एसोसिएशन ने इसे “प्रशासनिक तंत्र पर हमला” बताया और कहा कि यह घटना न केवल अस्वीकार्य है बल्कि अत्यंत चिंताजनक भी है। उनका कहना है कि अधिकारियों को कार्यस्थल पर सुरक्षा देने में सरकार विफल हो रही है।
राजनीतिक घमासान और गिरफ्तारी की कार्रवाई
बीजेडी कार्यकर्ताओं ने इस हमले के लिए बीजेपी नेताओं को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं पुलिस ने इस मामले में अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है और अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। वायरल वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि हमलावर गाली-गलौज कर रहे हैं और अधिकारी को लात-घूंसों से मार रहे हैं। इस घटना से न केवल सरकारी कर्मचारियों में डर का माहौल है बल्कि जनता में भी प्रशासन की गरिमा को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
प्रशासनिक प्रतिष्ठा पर सवाल: क्या सरकार दे पाएगी जवाब?
ओएएस एसोसिएशन ने साफ तौर पर कहा है कि पिछले एक साल से सरकारी अधिकारियों को योजनाबद्ध तरीके से बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है। उनका कहना है कि यह घटना अकेली नहीं है बल्कि प्रशासनिक सेवाओं की गरिमा पर सीधा हमला है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द कठोर कार्रवाई हो और अधिकारियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। यह देखना अब जरूरी है कि राज्य सरकार इस घटना को कितनी गंभीरता से लेती है और क्या वह भविष्य में ऐसे हमलों को रोक पाएगी।
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MT Yi Cheng 6: जलते जहाज को समुद्र में मिला ‘भारत का तारणहार’, INS टबर की रेस्क्यू कार्रवाई बनी मिसाल

MT Yi Cheng 6: 29 जून की रात अरब सागर में एक बड़ी समुद्री आपदा टल गई जब भारतीय नौसेना के युद्धपोत INS Tabar ने समय रहते कार्रवाई कर एक जलते हुए जहाज़ को बचाया। यह जहाज़ MT Yi Cheng 6 नामक मालवाहक पोत था जो गुजरात के कांडला बंदरगाह से ओमान के शिनास की ओर जा रहा था। इस पोत पर 14 भारतीय क्रू सदस्य सवार थे। अचानक जहाज़ के इंजन रूम में भीषण आग लग गई और पूरा सिस्टम ठप हो गया। उसी समय जहाज़ से एक आपातकालीन संदेश (Distress Call) भेजा गया जिसे भारतीय नौसेना के INS Tabar ने तुरंत पकड़ा और मदद के लिए रवाना हो गया।
नौसेना की तेज़ कार्रवाई से बची जानें
INS Tabar, जो उस समय गल्फ ऑफ ओमान में तैनात था, तुरंत हरकत में आया और बचाव कार्य शुरू किया। नौसेना की ओर से 13 जवानों की एक टीम और अत्याधुनिक अग्निशमन उपकरण जलते हुए पोत पर भेजे गए। कुछ उपकरण नौसेना के जहाज़ से छोटी नाव के जरिए भेजे गए जबकि कुछ को हेलीकॉप्टर के माध्यम से जहाज़ तक पहुंचाया गया। आग की लपटें इतनी तेज़ थीं कि पूरा इंजन रूम धुएं से भर गया था लेकिन भारतीय नौसेना के जवानों ने जान की परवाह किए बिना मोर्चा संभाला।
Spokesperson of the Indian Navy tweets, "Indian Navy's stealth frigate INS Tabar, mission deployed in the Gulf of Oman, responded to a distress call from Pulau-flagged MT Yi Cheng 6, on 29 June. The vessel with 14 crew members of Indian origin, transiting from Kandla, India, to… pic.twitter.com/edRyP4LsVb
— ANI (@ANI) June 30, 2025
जवानों और क्रू की बहादुरी से कम हुई आग की तीव्रता
जब नौसेना के जवानों ने जहाज़ पर पहुंचकर फायर फाइटिंग शुरू की तब तक आग ने गंभीर रूप ले लिया था। लेकिन जवानों और क्रू के संयुक्त प्रयासों से आग की तीव्रता को काफी हद तक काबू में कर लिया गया है। भारतीय नौसेना ने बताया कि वर्तमान में 13 जवान और 5 क्रू सदस्य मिलकर आग बुझाने में लगे हैं और स्थिति नियंत्रण में है। यदि समय रहते INS Tabar मदद नहीं पहुंचाता तो यह हादसा और भी बड़ा हो सकता था।
INS Tabar बनी समुद्र की सुरक्षा ढाल
INS Tabar भारतीय नौसेना का एक स्टील्थ फ्रिगेट है जो आधुनिक तकनीकों से लैस है। इस जहाज़ की तैनाती का मुख्य उद्देश्य गल्फ ऑफ ओमान जैसे संवेदनशील इलाकों में भारतीय समुद्री हितों की सुरक्षा करना है। इस घटना ने फिर साबित कर दिया कि भारतीय नौसेना न सिर्फ युद्ध के समय बल्कि संकट के समय भी मानवता के लिए तत्पर रहती है। इस ऑपरेशन ने भारत की अंतरराष्ट्रीय समुद्री प्रतिष्ठा को और भी मजबूत किया है।
आभार और सराहना, भारतीय नौसेना को मिला वैश्विक सम्मान
MT Yi Cheng 6 के सभी 14 भारतीय क्रू सदस्य सुरक्षित हैं और आग की स्थिति लगभग काबू में है। भारतीय नौसेना की तत्परता और बहादुरी की अब हर ओर सराहना हो रही है। सोशल मीडिया पर भी INS Tabar की टीम को ढेरों बधाइयां और सम्मान मिल रहा है। यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि भारतीय नौसेना संकट के समय में भी विश्वास और सुरक्षा की प्रतीक बनी हुई है।
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TMC का बड़ा कदम, अपने ही नेताओं के खिलाफ जारी की निंदा… महुआ ने कहा- यही है हमारी पहचान

कोलकाता के एक लॉ कॉलेज की छात्रा के साथ गैंगरेप के मामले में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के कुछ नेताओं के विवादित बयान सामने आए हैं। इन बयानों को लेकर पूरे राज्य में लोगों में गुस्सा है। वहीं पार्टी ने खुद को इन बयानों से अलग कर लिया है। इस फैसले की तारीफ टीएमसी की सांसद महुआ मोइत्रा ने भी की। उन्होंने कहा कि भारत की हर पार्टी में महिलाओं के प्रति नफरत छिपी होती है लेकिन टीएमसी की खासियत ये है कि वो अपने नेताओं की गलत बातों की भी आलोचना करने से पीछे नहीं हटती।
महुआ मोइत्रा का बयान और पार्टी की सोच
महुआ मोइत्रा ने सोशल मीडिया पर TMC के आधिकारिक बयान को रीपोस्ट करते हुए लिखा कि भारत में महिलाओं के प्रति नफरत किसी एक पार्टी तक सीमित नहीं है बल्कि यह सोच सभी दलों में मौजूद है। लेकिन TMC बाकियों से अलग है क्योंकि वो किसी भी नेता की गलत टिप्पणी को लेकर चुप नहीं बैठती। पार्टी चाहे किसी बड़े नेता ने कुछ भी कहा हो, अगर बात गलत है तो पार्टी खुलकर उसकी निंदा करती है। यही बात हमारी पार्टी को औरों से अलग बनाती है।
Misogyny in India cuts across party lines. What differentiates @AITCofficial is that we condemn these disgusting comments no matter who makes them. https://t.co/2AQ59fQK4w
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) June 28, 2025
कौन-कौन से बयान बने विवाद की वजह
TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने शुक्रवार को एक विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा कि किसी महिला को यह जानना चाहिए कि वह किन लोगों के साथ बाहर जा रही है और उन पुरुषों की सोच कैसी है। वहीं पार्टी के विधायक मदन मित्रा ने तो हद ही कर दी। उन्होंने कहा कि अगर वह छात्रा कॉलेज अकेली न गई होती तो शायद ये घटना टल जाती। इन बयानों के बाद TMC पर सवाल उठने लगे कि क्या पार्टी भी इन्हीं विचारों से सहमत है।
पार्टी ने सार्वजनिक रूप से झाड़ा पल्ला
इन बयानों के आते ही TMC ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और अपने दोनों नेताओं की बातों से खुद को अलग कर लिया। पार्टी की ओर से कहा गया कि दक्षिण कोलकाता लॉ कॉलेज में घटी इस भयानक घटना पर कल्याण बनर्जी और मदन मित्रा के बयान उनके निजी विचार हैं। TMC इन बयानों से पूरी तरह असहमत है और उनकी कड़ी निंदा करती है। पार्टी ने साफ कहा कि उसका रुख महिलाओं के खिलाफ अपराधों को लेकर बिल्कुल स्पष्ट है और हम चाहते हैं कि इस अपराध में शामिल हर आरोपी को सबसे सख्त सज़ा मिले।
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