देश
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का बयान- ऑपरेशन सिंदूर रुका है लेकिन खत्म नहीं, PoK मुद्दे पर संसद में सवाल
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पहलगाम आतंकी हमले के दौरान प्रधानमंत्री बनने की अटकलों पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “भाई, मैं ऐसे सपने देखने में विश्वास नहीं करता। मैं यथार्थवादी हूं और अपनी पहुंच की सीमाओं को जानता हूं। हमारा लक्ष्य केवल सत्ता में होना या मंत्री बनना नहीं है। लेकिन एक भारतीय नागरिक के रूप में कहना चाहूंगा कि पहलगाम के बाद हमारे पास पाकिस्तान को जवाब देने का वास्तविक अवसर था।”
ऑपरेशन पर सवाल
ओवैसी ने सवाल किया, “यह क्यों रुका? मुझे सच में नहीं पता क्यों रुका। यह युद्ध जैसी स्थिति थी। ऑपरेशन अचानक रोक दिया गया।” उन्होंने आगे कहा, “भाई, जब पूरा देश निर्णायक जवाब देने के लिए तैयार था, तो आपने इसे क्यों रोका? अब आप संसद में बैठकर PoK पर कब्जा करने की बातें कर रहे हैं।” उनके इस बयान से सुरक्षा और कूटनीति पर गंभीर चर्चा शुरू हो गई है।
VIDEO | Pune: During a press conference, AIMIM Chief Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) says, “One progressive step Muslims can take is to remove from their hearts and minds the notion that the party they consider secular is not communal, while the BJP is. Both can be equally… pic.twitter.com/8QGvh2PAhC
— Press Trust of India (@PTI_News) September 30, 2025
ऑपरेशन सिंदूर पर स्थिति
AIMIM प्रमुख ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर रोका गया है, खत्म नहीं हुआ है।” 22 अप्रैल को भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों द्वारा 26 लोगों की हत्या के बाद सैन्य हमले किए थे। ओवैसी ने केंद्र सरकार की पाकिस्तान के प्रति एशिया कप क्रिकेट टूर्नामेंट के दौरान की नीति की आलोचना भी की। उन्होंने यह भी घोषणा की कि AIMIM आगामी महाराष्ट्र नगर पालिका चुनावों में भाग लेगी।
“आई लव मुहम्मद” विवाद पर ओवैसी की राय
ओवैसी ने “आई लव मुहम्मद” विवाद पर कहा कि भारत एक ऐसा देश है जहां हर समुदाय अपने धार्मिक मूल्यों पर गर्व करता है। मुसलमानों के लिए पैगंबर मुहम्मद बहुत महत्वपूर्ण हैं। अनुच्छेद 25 हमें धर्म की स्वतंत्रता देता है। अगर कोई हिंसा की सोचता या करता है, यह गलत है। लेकिन अगर कोई अपने धर्म के प्रति प्रेम व्यक्त करता है, तो इसमें कोई गलत नहीं है।
भारत की धर्मनिरपेक्ष पहचान
ओवैसी ने कहा कि भारत किसी एक धर्म का देश नहीं है। बीजेपी और RSS ऐसा मानते हैं कि केवल एक धर्म को ही स्वीकार किया जाता है। संविधान स्पष्ट रूप से कहता है कि यह देश किसी धर्म का नहीं है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सभी धर्मों का सम्मान करना और संविधान के आदर्शों का पालन करना हर नागरिक का कर्तव्य है।
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Illegal liquor case: पुणे पुलिस ने ड्रग्स और नशे के खिलाफ तेज़ कार्रवाई, अवैध नेटवर्क का पता लगाने में जुटी
Illegal liquor case: पुलिस ने अवैध शराब के कारोबार से जुड़े एक गंभीर मामले में तीन लोगों के खिलाफ नामजद शिकायत दर्ज की है। भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत दर्ज की गई इस FIR में आरोपियों की पहचान अमर कौर, दिलदार सिंह और देवश्री जुन्नी सिंह के रूप में की गई है। यह मामला तब सामने आया जब स्थानीय प्रशासन को अवैध शराब के वितरण और बिक्री के बारे में सूचना मिली। पुलिस का कहना है कि ये तीनों आरोपी इस अवैध कारोबार के मुख्य कड़ी के रूप में शामिल हैं।
आरोपियों की जांच और नेटवर्क का खुलासा
पुलिस ने बताया कि यह सिर्फ एक मामूली अवैध बिक्री का मामला नहीं है। शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि अमर कौर, दिलदार सिंह और देवश्री जुन्नी सिंह का एक बड़ा नेटवर्क काम कर रहा था, जिसमें अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं। अब पुलिस इस पूरे नेटवर्क का पता लगाने की कोशिश कर रही है, ताकि न केवल आरोपियों को पकड़ा जा सके, बल्कि अवैध शराब की सप्लाई चेन को पूरी तरह से समाप्त किया जा सके। जांच के दौरान पुलिस ने कई दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य भी जब्त किए हैं, जो इस काले धंधे को उजागर करने में मदद करेंगे।
महाराष्ट्र के पुणे के कोंढवा इलाके में अवैध शराब व्यापार के ख़िलाफ़ पुलिस ने बड़ा अभियान चलाया। इस दौरान एक करोड़ से ज्यादा की नकदी जब्त की गई। साथ ही 3 लोग भी गिरफ्तार हुए हैं। #Pune #रेड #Maharashtra #maharashtranews pic.twitter.com/8Onr3hiJYq
— SANJAY TRIPATHI (@sanjayjourno) December 26, 2025
‘ऑपरेशन क्लीन’ का असर
पुलिस ने बताया कि इस कार्रवाई का हिस्सा ‘ऑपरेशन क्लीन’ है, जो ड्रग्स और नशे के खिलाफ शुरू किया गया है। इस ऑपरेशन का मकसद केवल अवैध शराब ही नहीं बल्कि पूरे नशे और मादक पदार्थों के कारोबार को रोकना है। इससे पहले पुणे पुलिस ने इसी अभियान के तहत 3.45 करोड़ रुपये मूल्य के ड्रग्स बरामद किए थे। ऑपरेशन क्लीन के तहत पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है और अपराधियों की गिरफ्तारी में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
कानून व्यवस्था मजबूत करने की पहल
पुलिस का कहना है कि इस तरह की कार्रवाई राज्य में कानून और व्यवस्था बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अवैध शराब और ड्रग्स की बिक्री न केवल समाज में अपराध को बढ़ाती है, बल्कि युवाओं और कमजोर वर्ग के लोगों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए भी खतरा बनती है। पुलिस अधिकारियों ने जनता से अपील की है कि वे ऐसे अवैध कारोबार की सूचना तुरंत दें, ताकि इसे जल्द से जल्द खत्म किया जा सके। ऑपरेशन क्लीन और FIR दर्ज करने जैसी कार्रवाईयों से यह संदेश भी जाता है कि कानून को हाथ में लेने वाले किसी को भी माफ नहीं किया जाएगा।
देश
Veer Bal Diwas: PM मोदी बोले, उम्र नहीं बल्कि साहस और प्रतिभा तय करती है देश की महानता
Veer Bal Diwas: 26 दिसंबर 2025 को नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में वीर बाल दिवस का भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री ने इस कार्यक्रम में उस वर्ष बहादुरी पुरस्कार प्राप्त करने वाले बच्चों से बातचीत की और उनके अनुभवों को जाना। बच्चों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “सभी को साहिबजादों के बलिदान को याद रखना चाहिए। साहिबजादों ने मुगलों के सामने कभी झुकाव नहीं दिखाया।” कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों में देशभक्ति और साहस की भावना को बढ़ावा देना था।
साहिबजादों का अदम्य साहस
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हम वीर बाल दिवस मना रहे हैं और साहिबजादों की वीरता को याद कर रहे हैं, जो भारत के गौरव हैं। साहिबजादों का बलिदान हर भारतीय के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने बताया कि हमारे देश का गौरवशाली इतिहास है और ऐसा इतिहास रखने वाला देश किसी भी कठिनाई को पार कर सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा, “वे साहसी साहिबजादे, जिन्होंने उम्र और परिस्थितियों की सभी सीमाओं को तोड़ा, क्रूर मुगल साम्राज्य के सामने चट्टान की तरह खड़े रहे। उन्होंने धार्मिक उन्माद और आतंक के ठोस आधार को हिला दिया। यह संघर्ष भारत के मूल आदर्शों और धार्मिक कट्टरता के बीच था। उस समय हमारे साहिबजादे बहुत छोटे थे, लेकिन औरंगजेब को उनकी उम्र की परवाह नहीं थी।”
नई पीढ़ी में विश्वास
प्रधानमंत्री मोदी ने युवाओं के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, “आज की पीढ़ी, यानी Gen Z, देश को आगे ले जाएगी। मुझे उनकी प्रतिभा पर पूरा विश्वास है। उम्र महानता तय नहीं करती। युवा भी बड़ी उपलब्धियां हासिल कर सकते हैं। आज का युवा बड़े सपने देखता है और उन्हें पूरा करता है। मुझे विश्वास है कि 2035 तक देश दासता की मानसिकता से मुक्त होगा।” इस अवसर पर उन्होंने बच्चों को प्रेरित किया कि वे साहस, कर्तव्य और देशभक्ति के मूल्य को हमेशा बनाए रखें।
वीर बाल पुरस्कार से सम्मानित बच्चे
भारत मंडपम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 20 बच्चों को ‘प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार’ से सम्मानित किया। इनमें चौदह वर्षीय क्रिकेटर वैभव सूर्यवंशी भी शामिल हैं, जो आज विजय हजारे ट्रॉफी के मनिपुर के खिलाफ मैच में हिस्सा नहीं ले रहे थे। फीरोजपुर के श्रवण सिंह को भी पुरस्कार मिला, जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सीमा पर सैनिकों को चाय और स्नैक्स प्रदान किए। दो बच्चों को यह पुरस्कार मृत्यु के बाद दिया गया: तमिलनाडु की व्योमा और बिहार के कमलेश कुमार। इनके माता-पिता ने उनकी ओर से पुरस्कार ग्रहण किए।
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