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AI Chatbot Grok विवादों में फंसा, हिंदी में अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने पर IT मंत्रालय करेगा जांच

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AI Chatbot Grok विवादों में फंसा, हिंदी में अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने पर IT मंत्रालय करेगा जांच

AI Chatbot Grok: दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क (Elon Musk) के स्वामित्व वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर मौजूद AI चैटबॉट Grok इन दिनों विवादों में घिर गया है। भारत में इस चैटबॉट के हिंदी में अपमानजनक और अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने के मामले में अब सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्रालय (IT Ministry) ने जांच के आदेश दिए हैं। मंत्रालय इस बात का पता लगाएगा कि आखिर क्यों और किन कारणों से Grok ने हिंदी में आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया।

IT मंत्रालय करेगा Grok के अभद्र भाषा मामले की जांच

सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू करने का फैसला किया है। मंत्रालय ने कहा कि वह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X के संपर्क में है और इस घटना की तहकीकात करेगा। मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, “हम X से बातचीत कर रहे हैं कि ऐसा क्यों हुआ और इसके पीछे की तकनीकी वजहें क्या हैं।”

सूत्रों के मुताबिक, मंत्रालय यह भी पता लगाएगा कि Grok ने अभद्र शब्दों का इस्तेमाल कैसे किया और सिस्टम में किस स्तर पर सेंसरिंग की कमी रही।

Grok ने हिंदी में क्यों की अभद्र भाषा का इस्तेमाल?

दरअसल, X पर कुछ यूजर्स ने Grok के साथ बातचीत के दौरान जानबूझकर उसे भड़काने का प्रयास किया। एक यूजर ने Grok से “10 बेस्ट म्युचुअल्स” की सूची मांगी। जब चैटबॉट ने कुछ देर तक जवाब नहीं दिया, तो यूजर ने उसे तीखे शब्दों में प्रतिक्रिया दी। इसके बाद, Grok ने भी जवाब में अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर दिया।

Grok द्वारा हिंदी में गालियों का उपयोग करने पर यूजर हैरान रह गया। इसके स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल हो गए और इस पर AI की विश्वसनीयता और भविष्य को लेकर बहस छिड़ गई।

AI Chatbot Grok विवादों में फंसा, हिंदी में अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने पर IT मंत्रालय करेगा जांच

AI के भविष्य पर उठे सवाल

Grok का यह रवैया भारत में AI के उपयोग और उसकी सुरक्षा पर सवाल खड़े कर रहा है। AI चैटबॉट का यूजर्स को बिना फिल्टर किए जवाब देना सुरक्षा और नैतिकता को लेकर चिंता का विषय बन गया है।

इस घटना के बाद कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि AI चैटबॉट्स को लेकर नए दिशा-निर्देश बनाए जाने चाहिए। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि AI को संवेदनशील विषयों पर जवाब देने से पहले वेरिफिकेशन सिस्टम या मॉडरेशन की जरूरत है, ताकि कोई भी AI टूल अपमानजनक या आक्रामक भाषा का उपयोग न कर सके।

AI चैटबॉट Grok क्या है?

Grok एक AI पावर्ड चैटबॉट है, जिसे एलन मस्क के X प्लेटफॉर्म ने नवंबर 2023 में लॉन्च किया था। शुरुआत में यह प्रीमियम सेवा के रूप में उपलब्ध था, जिसे उपयोग करने के लिए लोगों को शुल्क देना पड़ता था। हालांकि, अब यह बिल्कुल फ्री हो गया है और X प्लेटफॉर्म पर हर कोई इसका उपयोग कर सकता है।

इसका उपयोग करने के लिए X पर जाकर Grok के आइकन पर क्लिक करना होता है। इसके अलावा, X पर टैग करके या वॉइस कमांड के जरिए भी Grok से सवाल पूछे जा सकते हैं।

Grok की बेबाकी बना रही है विवाद का कारण

Grok की सबसे बड़ी खासियत इसकी बेबाकी है, जो अब विवाद का कारण भी बन गई है। हाल ही में कुछ यूजर्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी को लेकर Grok से सवाल पूछे थे, जिनके जवाब काफी बोल्ड और बिंदास थे।

इसके विपरीत, अन्य AI चैटबॉट्स जैसे ChatGPT, Gemini और DeepSeek संवेदनशील सवालों का जवाब देने में संयम बरतते हैं। ये चैटबॉट्स विवादित या आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल नहीं करते, जबकि Grok ने बिना फिल्टर के आक्रामक भाषा का इस्तेमाल किया, जिससे वह विवादों में आ गया।

Grok का फ्री उपयोग: लाभ या नुकसान?

X द्वारा Grok को फ्री में उपलब्ध कराना जहां एक तरफ यूजर्स के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है, वहीं दूसरी ओर यह खतरे का संकेत भी बन गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि बिना पर्याप्त मॉडरेशन और सुरक्षा उपायों के फ्री में AI टूल्स का उपयोग गलत हाथों में जाने पर खतरनाक साबित हो सकता है।

फ्री होने के कारण अधिक लोग Grok का उपयोग कर रहे हैं और इसका दुरुपयोग होने की आशंका भी बढ़ गई है।

सोशल मीडिया पर उठ रही AI रेगुलेशन की मांग

Grok के हिंदी में अभद्र भाषा का उपयोग करने के मामले के बाद सोशल मीडिया पर AI रेगुलेशन की मांग तेज हो गई है। कई यूजर्स ने कहा कि AI टूल्स पर सख्त निगरानी की जानी चाहिए, ताकि वे संवेदनशील मुद्दों पर मर्यादित भाषा में ही जवाब दें।

कुछ लोगों ने कहा कि AI को हिंदी जैसे क्षेत्रीय भाषाओं में भी मॉडरेशन फिल्टर जोड़ने की जरूरत है, ताकि अनजाने में या जानबूझकर कोई चैटबॉट अभद्र भाषा का उपयोग न कर सके।

IT मंत्रालय के कदम और संभावित परिणाम

IT मंत्रालय द्वारा इस मामले की जांच के बाद Grok के लिए नए दिशा-निर्देश जारी हो सकते हैं। संभावना है कि मंत्रालय X से चैटबॉट के संचालन के नियमों और मॉडरेशन प्रक्रिया को लेकर रिपोर्ट मांगेगा।

यदि जांच में कोई बड़ी लापरवाही सामने आती है, तो सरकार X और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर AI चैटबॉट्स के उपयोग को लेकर नए नियम लागू कर सकती है।

AI चैटबॉट Grok द्वारा हिंदी में अभद्र भाषा का उपयोग करना भारत में AI की सुरक्षा और नैतिकता को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है। IT मंत्रालय ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है, जिससे यह उम्मीद की जा रही है कि AI टूल्स के लिए नए दिशा-निर्देश बनाए जा सकते हैं।

इस मामले ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि AI के बढ़ते प्रभाव के साथ उसकी जवाबदेही भी जरूरी है। यदि AI टूल्स को सही दिशा में नियंत्रित नहीं किया गया, तो भविष्य में ऐसे विवाद और बढ़ सकते हैं।

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Manipur Violence: केंद्र में सरकार आपकी फिर भी मणिपुर क्यों जल रहा है? प्रियंका गांधी का सीधा सवाल

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Manipur Violence: केंद्र में सरकार आपकी फिर भी मणिपुर क्यों जल रहा है? प्रियंका गांधी का सीधा सवाल

Manipur Violence: मणिपुर के पांच जिलों में एक बार फिर हिंसा भड़कने के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा निशाना साधते हुए उन्हें असंवेदनशील और गैरजिम्मेदार बताया है। पार्टी का कहना है कि प्रधानमंत्री ने मणिपुर के लोगों की पीड़ा को नज़रअंदाज़ किया है और अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

प्रियंका गांधी का तीखा सवाल

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोशल मीडिया पर लिखा कि मणिपुर पिछले दो सालों से हत्या बलात्कार और पलायन जैसी घटनाओं का सामना कर रहा है लेकिन केंद्र सरकार अब तक शांति बहाल करने में असफल रही है। उन्होंने सवाल किया कि प्रधानमंत्री अब तक मणिपुर क्यों नहीं गए और उन्होंने शांति की अपील क्यों नहीं की।

प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी से पीछे हटना गलत: प्रियंका

प्रियंका गांधी ने कहा कि देशवासियों की शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करना प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी है। अगर प्रधानमंत्री इस जिम्मेदारी से पीछे हटते हैं तो यह उनके संवैधानिक कर्तव्य से मुंह मोड़ने जैसा है। उन्होंने कहा कि मणिपुर की जनता लगातार पीड़ा में जी रही है और प्रधानमंत्री की चुप्पी इस पीड़ा को और बढ़ा रही है।

जयराम रमेश ने बताया हिंसा का ताज़ा हाल

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने बताया कि पिछले 24 घंटे में इम्फाल पश्चिम इम्फाल पूर्व थोउबल ककचिंग और बिष्णुपुर जिलों में हिंसा की कई घटनाएं हुई हैं। प्रशासन ने इन इलाकों में निषेधाज्ञा लागू कर दी है और इंटरनेट सेवाएं वीपीएन व वीएसएटी समेत पूरी तरह बंद कर दी गई हैं। उन्होंने कहा कि यह स्थिति भाजपा की गलत नीतियों और चुनावी महत्वाकांक्षाओं का परिणाम है।

संवैधानिक तंत्र हुआ ध्वस्त कांग्रेस का आरोप

जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि मणिपुर में संवैधानिक तंत्र पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है और केंद्र सरकार की भूमिका केवल दिखावटी रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने अब तक राज्य के किसी प्रतिनिधि से मुलाकात नहीं की और गृह मंत्री ने केवल औपचारिक दौरे किए। कांग्रेस के दबाव में 13 फरवरी 2025 को राष्ट्रपति शासन लगाया गया लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ।

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Dharmendra Pradhan का Rahul Gandhi को करारा जवाब! महाराष्ट्र चुनावों में ‘धांधली’ के आरोप पर जोरदार पलटवार

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Dharmendra Pradhan का Rahul Gandhi को करारा जवाब! महाराष्ट्र चुनावों में 'धांधली' के आरोप पर जोरदार पलटवार

Rahul Gandhi ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि इन चुनावों में लोकतंत्र की धांधली की गई है। उन्होंने एक के बाद एक पांच कदम बताए जिनके जरिए चुनाव में गड़बड़ी की गई। राहुल का कहना है कि यह चुनाव नहीं बल्कि मैच फिक्सिंग थी जिसमें सारा तंत्र भाजपा के पक्ष में किया गया।

 राहुल गांधी ने लगाए पांच बड़े आरोप

राहुल गांधी ने एक्स पोस्ट में लिखा कि पहले चुनाव आयोग की नियुक्तियों में हेरफेर की गई फिर फर्जी वोटरों को जोड़ा गया। इसके बाद वोटिंग प्रतिशत बढ़ा चढ़ाकर दिखाया गया और खास उन इलाकों में फर्जी मतदान हुआ जहां भाजपा को जीत चाहिए थी। अंत में सबूतों को छुपा लिया गया। उन्होंने इसे लोकतंत्र के लिए जहर बताया।

 धर्मेंद्र प्रधान का तीखा पलटवार

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राहुल गांधी के आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया। उन्होंने राहुल को टैग करते हुए लिखा कि यह उनका पुराना ड्रामा है चुनाव हारो फिर संस्थाओं को बदनाम करो और खुद को एक काल्पनिक सिस्टम का शिकार बताओ। उन्होंने कहा कि भारत का लोकतंत्र इतनी आसानी से नहीं डगमगाएगा और जनता इन बातों में नहीं आने वाली।

 कांग्रेस के पुराने रिकॉर्ड को लेकर हमला

धर्मेंद्र प्रधान ने कांग्रेस के इतिहास को भी सामने रखा और कहा कि अगर राहुल को किसी गड़बड़ी की चिंता है तो उन्हें आपातकाल से लेकर विपक्षी सरकारों को गिराने तक के कांग्रेस के कारनामों को देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने ही चुनाव आयोग को ज्यादा पारदर्शी बनाया और विपक्ष के नेता को भी चयन पैनल में शामिल किया जो कांग्रेस के समय कभी नहीं हुआ।

लोकतंत्र या हार का बहाना

धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि राहुल गांधी की असल दिक्कत हार को स्वीकार करने की नहीं है बल्कि वह लोकतंत्र को बदनाम करने में लगे हैं। उन्होंने पूछा कि क्या वही राहुल नहीं हैं जो विदेश जाकर कहते हैं कि भारत में लोकतंत्र मर चुका है फिर भी चुनाव लड़ते हैं प्रचार करते हैं और जब हारते हैं तो ईवीएम को दोष देते हैं।

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R-37M missile: पाकिस्तान के लिए खतरे की घंटी! भारत को मिला रूस से ऐसा सुपरफास्ट हथियार, सुनते ही हिल जाएगा पड़ोसी मुल्क

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R-37M: पाकिस्तान के लिए खतरे की घंटी! भारत को मिला रूस से ऐसा सुपरफास्ट हथियार, सुनते ही हिल जाएगा पड़ोसी मुल्क

R-37M missile: पाहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। इसी बीच रूस ने भारत को अपनी अत्याधुनिक R-37M मिसाइल का ऑफर दिया है। यह मिसाइल हवा में दुश्मनों को मार गिराने में सक्षम है। अगर यह डील पूरी होती है तो भारत की हवाई सुरक्षा काफी मजबूत हो सकती है।

R-37M मिसाइल क्या है

R-37M को NATO कोडनेम AA-13 Axehead भी कहा जाता है। यह दुनिया की सबसे तेज़ और लंबी दूरी वाली एयर टू एयर मिसाइलों में से एक है। इसकी गति Mach 6 यानी आवाज की छह गुना है। यह मिसाइल करीब 300 से 400 किलोमीटर दूर दुश्मन के विमान को निशाना बना सकती है। रूस के Vympel Design Bureau ने इसे विकसित किया है।

 भारत के लिए इस मिसाइल की अहमियत

ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद भारत ऐसी मिसाइलों पर विशेष ध्यान दे रहा है जो सीमारेखा को पार किए बिना दुश्मन ठिकानों को निशाना बना सकें। पाकिस्तान के F-16 विमानों में AMRAAM मिसाइल लगी है। अगर R-37M को भारतीय Su-30MKI लड़ाकू विमान में शामिल किया गया तो यह दुश्मन के विमानों को दूर से ही मार सकता है।

R-37M: पाकिस्तान के लिए खतरे की घंटी! भारत को मिला रूस से ऐसा सुपरफास्ट हथियार, सुनते ही हिल जाएगा पड़ोसी मुल्क

 मिसाइल के तकनीकी फीचर

इस मिसाइल की लंबी दूरी 300 से 400 किलोमीटर है। इसका वजन 510 किलोग्राम है और इसमें 60 किलोग्राम का उच्च विस्फोटक वारहेड होता है। इसकी हाइपरसोनिक गति लगभग 7,400 किलोमीटर प्रति घंटे है। मिसाइल का गाइडेंस सिस्टम इनर्शियल नेविगेशन, मिड कोर्स अपडेट और एक्टिव रडार होमिंग तकनीक पर आधारित है।

‘मेक इन इंडिया’ और भविष्य की तैयारी

रूस ने भारत को इस मिसाइल का निर्माण ‘मेक इन इंडिया’ के तहत करने का प्रस्ताव दिया है। यदि यह योजना लागू होती है तो भारत की आत्मनिर्भर रक्षा नीति को बड़ा समर्थन मिलेगा। इसके लिए HAL की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। साथ ही Su-30MKI के रडार और फायर कंट्रोल सिस्टम का अपग्रेडेशन भी आवश्यक होगा।

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