टेक्नॉलॉजी
आपकी ChatGPT चैट दिख रही थी गूगल पर? जानिए कैसे हुई गलती और किसने किया खुलासा
हाल ही में कई यूजर्स ने देखा कि ChatGPT पर की गई उनकी बातचीत गूगल सर्च में दिख रही थी। यानी अगर आपने किसी टॉपिक पर इस AI टूल से बात की थी और आपने उस चैट को शेयर किया था तो वह इंटरनेट पर सर्च करने पर सामने आ रही थी। यह देखकर कई लोग चौंक गए और डेटा प्राइवेसी को लेकर सवाल उठने लगे।
OpenAI ने दी सफाई और लिया बड़ा फैसला
OpenAI के चीफ इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी ऑफिसर डैन स्टकी ने इस मुद्दे पर X (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट साझा कर जानकारी दी कि यह फीचर एक एक्सपेरिमेंट था और अब इसे पूरी तरह हटा दिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि इस फीचर के तहत यूजर को खुद से ‘शेयर चैट’ ऑप्शन चुनना होता था और फिर एक चेकबॉक्स पर क्लिक कर यह तय करना होता था कि चैट सर्च इंजन में दिखेगी या नहीं।
We just removed a feature from @ChatGPTapp that allowed users to make their conversations discoverable by search engines, such as Google. This was a short-lived experiment to help people discover useful conversations. This feature required users to opt-in, first by picking a chat… pic.twitter.com/mGI3lF05Ua
— DANΞ (@cryps1s) July 31, 2025
जानबूझकर नहीं हुआ डेटा लीक
OpenAI ने यह भी साफ किया कि यह डेटा लीक जानबूझकर नहीं किया गया था। केवल उन्हीं यूजर्स की चैट्स सर्च में दिखाई दे रही थीं जिन्होंने इस ऑप्शन को चुनकर चैट को पब्लिक लिंक में बदला था। ऐसे लिंक आसानी से गूगल में इंडेक्स हो जाते हैं और फिर किसी भी व्यक्ति द्वारा खोजे जा सकते हैं। हालांकि कई यूजर्स को यह जानकारी नहीं थी कि ऐसा होने वाला है।
अब हटाई जा रही हैं सभी चैट्स
OpenAI ने यह फीचर अब पूरी तरह हटा दिया है और सर्च इंजन कंपनियों के साथ मिलकर उन चैट्स को इंटरनेट से हटाने का काम भी शुरू कर दिया है। यह एक बड़ा कदम है ताकि भविष्य में किसी की प्राइवेट बातचीत पब्लिक न हो सके। यूजर्स की गोपनीयता को सुरक्षित रखने के लिए कंपनी अब ज्यादा सख्त प्रोटोकॉल पर काम कर रही है।
यूजर्स को सतर्क रहने की जरूरत
इस मामले से एक बात साफ हो गई है कि कोई भी नया फीचर अपनाने से पहले उसकी सेटिंग्स और परिणामों को समझना बेहद जरूरी है। ChatGPT या किसी भी AI टूल से बातचीत करते समय अगर आप जानकारी साझा करते हैं तो उसे प्राइवेट रखना आपकी जिम्मेदारी भी है। डिजिटल दुनिया में सतर्कता ही सुरक्षा है।
टेक्नॉलॉजी
PM Kisan की 21वीं किस्त 19 नवंबर को खातों में, मोबाइल नंबर अपडेट नहीं तो मिस होगा अलर्ट
PM Kisan Yojana: देशभर के करोड़ों किसान लंबे समय से पीएम किसान सम्मान निधि की 21वीं किस्त का इंतजार कर रहे थे और आखिरकार उनकी प्रतीक्षा अब समाप्त होने वाली है। केंद्र सरकार ने आधिकारिक रूप से घोषणा कर दी है कि 19 नवंबर को किसानों के बैंक खातों में दो हजार रुपये की अगली किस्त सीधे ट्रांसफर कर दी जाएगी। पीएम किसान के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर भी इसकी पुष्टि की गई है जिससे किसानों में काफी उत्साह है।
मोबाइल नंबर अपडेट न किया तो नहीं मिलेगा अलर्ट
सरकार भले ही सीधे किस्त किसानों के खाते में भेज देगी लेकिन अगर आप किस्त से जुड़ा अलर्ट अपने मोबाइल पर पाना चाहते हैं तो इसके लिए जरूरी है कि आपका मोबाइल नंबर पोर्टल पर अपडेट हो। यदि आपने अभी तक अपना मोबाइल नंबर अपडेट नहीं किया है तो आपको किस्त से जुड़े महत्वपूर्ण संदेश नहीं मिल पाएंगे। ऐसे में तुरंत अपना रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर सुधारना बेहद ज़रूरी हो जाता है।
मोबाइल फोन से घर बैठे करें नंबर अपडेट
अगर आपका मोबाइल नंबर बदल गया है या पोर्टल पर गलत दर्ज है तो उसे घर बैठे आसानी से ठीक किया जा सकता है। इसके लिए आपको सबसे पहले pmkisan.gov.in वेबसाइट पर जाना होगा। इसके बाद होमपेज को नीचे स्क्रॉल करें और ‘Update Mobile Number’ विकल्प को चुनें। यहां आपको अपना रजिस्ट्रेशन नंबर या आधार नंबर दर्ज करना होगा। कैप्चा डालकर Search पर क्लिक करें। इसके बाद आपकी प्रोफाइल खुलेगी जिसमें आप नया मोबाइल नंबर दर्ज करके Submit पर क्लिक करें। ओटीपी वेरिफिकेशन पूरा होने पर आपका नया मोबाइल नंबर अपडेट हो जाएगा।
ऑफलाइन भी बदल सकते हैं अपना मोबाइल नंबर
अगर आप इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं करना चाहते या ऑनलाइन प्रक्रिया में कोई दिक्कत आती है तो आप अपना मोबाइल नंबर ऑफलाइन भी बदल सकते हैं। इसके लिए आपको अपने नजदीकी CSC सेंटर या कृषि विभाग के कार्यालय में जाना होगा। वहां आपको अपना आधार कार्ड और पीएम किसान का रजिस्ट्रेशन नंबर देना होगा। अधिकारी आपकी जानकारी की पुष्टि करने के बाद आपका नंबर आसानी से अपडेट कर देंगे।
किसानों की उम्मीदों को नई उड़ान
पीएम किसान सम्मान निधि योजना किसानों के लिए आर्थिक सहारा साबित हुई है। लगातार आती किस्तें छोटे और सीमांत किसानों को खेती के खर्चों में मदद करती हैं। इसी वजह से किसान हर किस्त का बेसब्री से इंतजार करते हैं। 21वीं किस्त की तारीख तय होने से किसानों में राहत और भरोसा दोनों बढ़ा है। सरकार भी समय पर किस्त देने के लिए पोर्टल अपडेट और सत्यापन जैसी सुविधाओं को सरल बना रही है।
टेक्नॉलॉजी
दिल्ली मेट्रो का डिजिटल क्रांति QR टिकट, अब Uber PhonePe और Telegram ऐप से कहीं भी करें खरीद
दिल्ली मेट्रो में टिकट के लिए लंबी कतारों का जमाना अब खत्म हो गया है। दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) ने यात्रियों की सुविधा के लिए Open Network for Digital Commerce (ONDC) के साथ साझेदारी की है। अब लाखों यात्रियों के लिए मेट्रो टिकट मोबाइल ऐप्स के जरिए ऑनलाइन बुक करना बेहद आसान हो गया है। इससे टिकट खरीदने के लिए अलग-अलग ऐप डाउनलोड करने की जरूरत खत्म हो गई है।
एक से ज्यादा ऐप्स में उपलब्ध QR कोड टिकट सुविधा
अब दिल्ली मेट्रो और नोएडा मेट्रो के टिकट कई लोकप्रिय ऐप्स में मिलेंगे। Google Maps, EaseMyTrip, PhonePe, Uber, Rapido, RedBus, NammaYatri, Yatri Railways, Chartr, Tummoc और Telegram जैसे 10 से अधिक ऐप्स के जरिए QR आधारित टिकट खरीदे जा सकते हैं। इसका मतलब यह है कि मेट्रो की टिकटिंग प्रक्रिया बेहद सहज हो गई है। यात्रियों को अब टिकट खरीदने के लिए अलग से मेट्रो ऐप इंस्टॉल करने की जरूरत नहीं है।
WhatsApp से दिल्ली मेट्रो टिकट बुक करने का आसान तरीका
WhatsApp के जरिए भी दिल्ली मेट्रो टिकट खरीदना बहुत आसान हो गया है। बस DMRC का आधिकारिक नंबर +91 9650855800 सेव करें और ‘Hi’ भेजें। इसके बाद भाषा चुनें, टिकट खरीदने का विकल्प चुनें, अपनी यात्रा की शुरुआत और अंत की स्टेशन डालें। आप एक बार में छह तक टिकट खरीद सकते हैं। भुगतान करने के बाद तुरंत QR कोड मिल जाएगा जिसे मेट्रो स्टेशन पर स्कैन कर यात्रा शुरू करें। यह तरीका बहुत ही सरल और सुविधाजनक है।
PhonePe ऐप से मेट्रो टिकट बुकिंग और स्मार्ट कार्ड रिचार्ज
PhonePe ऐप में ‘Commute’ सेक्शन में जाकर आप मेट्रो के लिए QR टिकट बुक कर सकते हैं। दिल्ली मेट्रो चुनकर अपनी यात्रा के स्टेशनों को भरें और भुगतान करें। भुगतान के बाद QR टिकट स्क्रीन पर तुरंत दिखेगा। इसके अलावा PhonePe उपयोगकर्ता अपने मेट्रो स्मार्ट कार्ड को भी ऐप से रिचार्ज कर सकते हैं। इसके लिए कार्ड नंबर और रिचार्ज राशि डालनी होती है। यह तरीका समय और मेहनत दोनों बचाता है।
Uber ऐप में भी अब मेट्रो टिकट की सुविधा
Uber ऐप में ‘Metro Tickets’ विकल्प के जरिए आप आसानी से दिल्ली मेट्रो के टिकट खरीद सकते हैं। बस अपनी यात्रा की शुरुआत और अंत की स्टेशन चुनें, टिकट का चयन करें और UPI के जरिए भुगतान करें। टिकट तुरंत ऐप में आ जाएगा जिसका QR कोड मेट्रो गेट पर स्कैन किया जा सकता है। इससे Uber उपयोगकर्ताओं को भी एक ही ऐप से मेट्रो यात्रा की पूरी सुविधा मिल गई है।
टेक्नॉलॉजी
Artificial Intelligence: विशेषज्ञों ने चेताया है, एआई चैटबॉट्स को व्यक्तिगत जानकारी साझा करना हो सकता है खतरनाक
आज के समय में Artificial Intelligence यानी एआई ने लोगों के काम को बहुत आसान बना दिया है। लेकिन इसके साथ ही इसके खतरों का भी उदय हो रहा है। एआई के कारण हैकर्स अब बहुत ही आसानी से निजी जानकारियों तक पहुंच बना सकते हैं, जिससे लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। हाल ही में कई साइबर विशेषज्ञों ने यूजर्स को चेतावनी दी है कि वे चैटजीपीटी, गूगल जेमिनी, परप्लेक्सिटीएआई जैसे एआई चैटबॉट्स के साथ अपनी व्यक्तिगत जानकारियां साझा करने से बचें। साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने एआई टूल्स के माध्यम से डेटा लीक और बड़े साइबर हमलों के खतरे को लेकर आगाह किया है।
साइबर अपराधी एआई का बना रहे हैं गलत इस्तेमाल
साइबर अपराधी अब एआई का इस्तेमाल कर लोगों को निशाना बना रहे हैं। वे एआई टूल्स से निजी जानकारियां चुराकर डार्क वेब पर बेच रहे हैं। बहुत से लोग जानते-समझते या अनजाने में अपनी जन्म तिथि, पैन कार्ड, आधार कार्ड, पता जैसी महत्वपूर्ण जानकारियां जनरेटिव एआई टूल्स के साथ साझा कर देते हैं। यह बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। जैसे-जैसे हम अपने दैनिक जीवन में एआई का इस्तेमाल बढ़ा रहे हैं, वैसे-वैसे इसके नए खतरे भी उभर रहे हैं। हैकर्स एआई एल्गोरिदम की कमजोरियों का फायदा उठाकर व्यक्तिगत डेटा इकट्ठा कर सकते हैं और साइबर हमले कर सकते हैं।

कैसे होती है आपकी व्यक्तिगत जानकारी लीक
अधिकांश उपयोगकर्ता एआई टूल्स का इस्तेमाल करते वक्त अपनी निजी जानकारी जानबूझकर या अनजाने में शेयर कर देते हैं। उदाहरण के लिए, अक्सर लोग अपनी जन्म तिथि किसी सवाल में शामिल कर देते हैं ताकि एआई उनके लिए सही परिणाम दे सके। कुछ लोग अपना पता भी एआई टूल्स के साथ साझा करते हैं। कई बार माता-पिता अपने बच्चों का नाम, स्कूल का नाम और रोजाना की दिनचर्या जैसी संवेदनशील जानकारियां भी एआई से साझा कर देते हैं। यह जानकारी गलत हाथों में पड़ने पर बहुत खतरनाक साबित हो सकती है।
अपनी जानकारियां सुरक्षित रखने के उपाय
एआई से सवाल पूछते समय आपको अपने नाम, जन्म तिथि, कार्यस्थल जैसी निजी जानकारियों को साझा करने से बचना चाहिए।
एआई टूल्स में वह फीचर सक्षम करें जो आपके पूछे गए सवालों को सेव नहीं करता हो। इससे आपकी क्वेरी का डेटा चैटबॉट के सर्वर पर स्टोर नहीं होगा।
आप ‘HaveIBeenPwned’ जैसे टूल का उपयोग कर सकते हैं। यह टूल आपको बताएगा कि कहीं आपकी व्यक्तिगत जानकारी का दुरुपयोग तो नहीं हुआ है।
इन सावधानियों को अपनाकर आप एआई का सुरक्षित तरीके से उपयोग कर सकते हैं और अपनी निजी जानकारी की सुरक्षा कर सकते हैं।
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