टेक्नॉलॉजी
Vivo X300 सीरीज पहली होगी Origin OS 6 के साथ, भारत में भी मिलने वाला है नया UI अनुभव
चीन में Vivo अपने यूज़र्स के लिए नया Origin OS लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है। वर्तमान में, अधिकांश Vivo और iQOO स्मार्टफोन Android 15 बेस्ड Origin OS 5 पर चलते हैं। अब Android 16 बेस्ड Origin OS 6 अगले महीने पेश किया जाएगा। आने वाली Vivo X300 सीरीज़ सबसे पहले इस OS पर काम करेगी। वहीं, भारत में भी Vivo Funtouch OS को धीरे-धीरे Origin OS से बदलने की तैयारी कर रहा है।
Tipster ने किया खुलासा
टिप्स्टर अभिषेक यादव (@yabhishekhd) ने X पर जानकारी दी कि भारत में जल्द ही Vivo और iQOO स्मार्टफोन Origin OS इंटरफ़ेस पर काम करेंगे। उन्होंने इसे “कन्फ़र्म” बताया है, लेकिन आधिकारिक पुष्टि कंपनी से आने तक इसे पूरी तरह सटीक नहीं माना जा सकता। यदि यह सच साबित होता है, तो भारतीय यूज़र्स को चीन जैसा यूनीफाइड अनुभव मिलेगा।
Confirmed ✅
Vivo and iQOO smartphones will get Origin OS in India. 🇮🇳 pic.twitter.com/YhHwB0s0F8
— Abhishek Yadav (@yabhishekhd) September 19, 2025
Funtouch OS की जगह Origin OS
वर्तमान में भारत में Vivo और iQOO स्मार्टफोन Funtouch OS पर चलते हैं। Origin OS के आने के बाद, कंपनी Funtouch OS को धीरे-धीरे बंद करके Origin OS को सभी स्मार्टफोन में रोल आउट करेगी। यह बदलाव पहले हाई-एंड मॉडल्स में होगा और बाद में मिड-रेंज और एंट्री-लेवल फोन तक पहुंचेगा। इससे यूज़र्स को नया, बेहतर और स्मूद इंटरफ़ेस अनुभव मिलेगा।
पहले भी उठी थी चर्चा
इससे पहले भी Reddit के r/Vivo थ्रेड पर एक यूज़र ने दावा किया था कि Android 16 बेस्ड Origin OS 6 भारत में रोल आउट होगा। हालांकि, उन्होंने टाइमलाइन नहीं बताई थी। अब Tipster के खुलासे के बाद यह चर्चा फिर से जोर पकड़ रही है। यह बदलाव Vivo के यूज़र्स के लिए काफी रोमांचक साबित होगा और कंपनी को एक समान यूज़र इंटरफ़ेस देने में मदद करेगा।
लॉन्च डेट और Vivo X300 सीरीज़
Vivo ने चीन में Android 16 बेस्ड Origin OS 6 को 10 अक्टूबर को लॉन्च करने की पुष्टि कर दी है। Vivo X300 और Vivo X300 Pro इस नवीनतम OS के साथ सबसे पहले बाजार में आएंगे। भारतीय यूज़र्स के लिए यह संकेत है कि आने वाले महीनों में उन्हें भी Origin OS का अनुभव मिलेगा। यह बदलाव स्मार्टफोन इंटरफ़ेस को और यूज़र-फ्रेंडली और आधुनिक बनाने में मदद करेगा।
टेक्नॉलॉजी
अब देर रात ईमेल भेजने की टेंशन खत्म! Gmail के Schedule Send फीचर से करें स्मार्ट सेंडिंग
कई बार ऐसा होता है कि हम रात में कोई जरूरी Gmail तैयार कर लेते हैं लेकिन देर रात होने के कारण उसे भेज नहीं पाते। सुबह या अगले दिन याद भी नहीं रहता कि वह मेल भेजना था। कभी-कभी अलग-अलग टाइम जोन में रहने वाले लोगों को समय पर मेल भेजना भी मुश्किल हो जाता है। यह समस्या हर किसी के साथ कभी न कभी जरूर होती है।
जीमेल का शानदार समाधान
अब इस परेशानी का हल जीमेल के पास है। गूगल ने अपने यूजर्स के लिए “Schedule Send” नाम की एक बेहतरीन सुविधा दी है। इस फीचर की मदद से आप यह तय कर सकते हैं कि आपका ईमेल कब और किस समय किसी के इनबॉक्स में पहुंचेगा। इसके लिए आपको ऑनलाइन रहने की भी जरूरत नहीं होती। यानी आप रात में मेल टाइप करें और सुबह के लिए उसे शेड्यूल कर दें।

कंप्यूटर से ईमेल शेड्यूल करने का तरीका
अगर आप कंप्यूटर पर जीमेल का इस्तेमाल करते हैं तो प्रक्रिया बेहद आसान है। सबसे पहले Gmail खोलें और “Compose” पर क्लिक कर नया ईमेल लिखें। रिसीवर का ईमेल एड्रेस डालें और सब्जेक्ट लिखें। अब “Send” बटन के पास बने नीचे की ओर तीर पर क्लिक करें। यहां “Schedule Send” का विकल्प मिलेगा। इसे चुनने पर जीमेल आपको कुछ सुझाव देगा जैसे “Tomorrow morning” या “Monday 8 AM”। अगर आप चाहें तो खुद की पसंद की तारीख और समय भी डाल सकते हैं। इसके बाद मेल “Scheduled” फोल्डर में सेव हो जाएगा और तय समय पर अपने आप भेज दिया जाएगा।
मोबाइल पर ईमेल शेड्यूल करना भी आसान
अगर आप अपने फोन पर Gmail ऐप का इस्तेमाल करते हैं तो प्रक्रिया थोड़ी अलग लेकिन आसान है। सबसे पहले ऐप खोलें और “Compose” पर टैप करें। ईमेल टाइप करें और रिसीवर जोड़ें। अब ऊपर दाईं ओर बने तीन डॉट्स (⋮) पर टैप करें। यहां “Schedule send” का विकल्प मिलेगा। इसे चुनें और अपनी पसंद की तारीख और समय सेट करें। जीमेल बाकी काम खुद कर देगा, चाहे फोन बंद हो या इंटरनेट बंद हो।
जरूरत पड़े तो शेड्यूल कैंसल भी कर सकते हैं
अगर आपने मेल शेड्यूल करने के बाद मन बदल लिया है या कोई गलती दिख गई है तो चिंता की बात नहीं। जीमेल में “Scheduled” फोल्डर में जाएं और उस मेल को खोलें। “Cancel send” पर क्लिक करें। अब मेल वापस “Drafts” में चला जाएगा। आप उसे एडिट कर सकते हैं या दोबारा नया समय तय कर सकते हैं।
टेक्नॉलॉजी
अब WhatsApp प्रोफाइल बनेगी स्टाइलिश, जल्द मिलेगा Facebook जैसा Cover Photo फीचर!
WhatsApp अपने यूज़र्स के लिए लगातार नए फीचर्स ला रहा है ताकि चैटिंग का अनुभव और भी मज़ेदार और पर्सनल हो सके। इस बार कंपनी एक ऐसा फीचर लेकर आ रही है जो अब तक सिर्फ WhatsApp Business अकाउंट्स तक सीमित था। इसका नाम है Cover Photo फीचर। जैसे आप फेसबुक पर अपनी प्रोफाइल के ऊपर एक कवर फोटो लगाते हैं, अब वैसे ही व्हाट्सऐप पर भी आप अपनी प्रोफाइल को नया लुक दे पाएंगे।
कैसे काम करेगा नया फीचर
WhatsApp की जानकारी देने वाली वेबसाइट WABetaInfo के मुताबिक, कंपनी अब इस फीचर पर तेजी से काम कर रही है। जल्द ही यूज़र्स अपने फोन की गैलरी से कोई भी पसंदीदा तस्वीर चुनकर उसे कवर फोटो के रूप में अपलोड कर सकेंगे। यह फोटो आपके प्रोफाइल के ऊपरी हिस्से में दिखाई देगी, ठीक वैसे ही जैसे फेसबुक पर दिखाई देती है। इस फीचर के आने से WhatsApp प्रोफाइल को और ज्यादा पर्सनल और आकर्षक बनाया जा सकेगा।

कस्टमाइजेशन में मिलेगा नया अनुभव
यह फीचर WhatsApp के प्रोफाइल कस्टमाइजेशन को एक नए स्तर पर ले जाएगा। अब तक यूज़र्स केवल डीपी (Display Picture) ही बदल सकते थे, लेकिन अब वे अपने मूड या स्टाइल के अनुसार कवर फोटो लगाकर अपनी प्रोफाइल को अलग पहचान दे सकेंगे। कंपनी चाहती है कि यूज़र्स WhatsApp को सिर्फ चैटिंग ऐप नहीं बल्कि अपनी पर्सनैलिटी दिखाने का भी एक माध्यम समझें।
प्राइवेसी पर भी रहेगा पूरा नियंत्रण
WhatsApp ने हमेशा की तरह इस फीचर के साथ भी प्राइवेसी सेटिंग्स को प्राथमिकता दी है। यूज़र्स यह तय कर सकेंगे कि उनकी कवर फोटो कौन देख सकता है। इसके लिए तीन विकल्प होंगे – Everyone (सभी), My Contacts (मेरे संपर्क) और Nobody (कोई नहीं)। अगर आप Everyone चुनते हैं तो आपकी कवर फोटो हर किसी को दिखाई देगी। My Contacts चुनने पर केवल आपके सेव्ड कॉन्टैक्ट्स ही इसे देख पाएंगे। और Nobody चुनने पर कोई भी आपकी कवर फोटो नहीं देख सकेगा।
जल्द होगा लॉन्च, बढ़ेगा यूज़र अनुभव
यह फीचर फिलहाल डेवलपमेंट स्टेज में है और आने वाले अपडेट्स में रोलआउट किया जा सकता है। कंपनी का मकसद यूज़र्स को और बेहतर व पर्सनलाइज़्ड एक्सपीरियंस देना है। जैसे-जैसे WhatsApp सोशल कनेक्टिविटी को बढ़ा रहा है, यह कवर फोटो फीचर उसे फेसबुक जैसी विजुअल अपील देगा। यूज़र्स अब अपने प्रोफाइल को अपने मूड और पहचान के हिसाब से सजा सकेंगे।
टेक्नॉलॉजी
Gmail Data Leak: Gmail पर मंडरा रहा खतरा! 183 मिलियन ईमेल पासवर्ड लीक, आपका अकाउंट तो नहीं हुआ हैक?
Gmail Data Leak: हाल ही में साइबर सुरक्षा प्लेटफॉर्म Have I Been Pwned (HIBP) ने एक ऐसा खुलासा किया जिसने दुनियाभर के इंटरनेट यूजर्स को हिला कर रख दिया। रिपोर्ट के अनुसार करीब 18.3 करोड़ यानी 183 मिलियन ईमेल अकाउंट्स और उनके पासवर्ड ऑनलाइन लीक हो गए हैं। खास बात यह है कि इस बार मामला सीधे गूगल सर्वर हैक का नहीं बल्कि एक infostealer malware हमले का है, जिसने यह डेटा चोरी किया।
मालवेयर ने चुराए लॉगिन क्रेडेंशियल्स और कुकीज
रिपोर्ट के मुताबिक HIBP ने 21 अक्टूबर 2025 को Synthient Stealer Log Threat Data नाम का नया डेटासेट जोड़ा। इस डेटासेट में 183 मिलियन यूनिक ईमेल एड्रेस और पासवर्ड शामिल हैं, जिनमें ज्यादातर Gmail यूजर्स हैं। यह डेटा Synthient LLC द्वारा इकट्ठा किया गया था। HIBP के संस्थापक के अनुसार, यह डेटा infostealer malware के जरिए चुराया गया है, जो डिवाइस में घुसकर पासवर्ड, ब्राउज़र कुकीज और ऑथेंटिकेशन टोकन तक चुरा सकता है। इसका मतलब यह है कि हैकर्स बिना पासवर्ड डाले भी किसी यूजर का अकाउंट खोल सकते हैं।

कैसे पता करें आपका अकाउंट लीक हुआ या नहीं?
अगर आप यह जानना चाहते हैं कि आपका ईमेल भी इस लीक का हिस्सा है या नहीं, तो यह बहुत आसान है। बस https://haveibeenpwned.com/ पर जाएं और वहां अपना Gmail ID डालें। अगर आपकी डिटेल्स लीक हुई हैं तो वेबसाइट तुरंत आपको इसकी जानकारी देगी। यह प्लेटफॉर्म दुनिया के सबसे विश्वसनीय साइबर सुरक्षा स्रोतों में से एक माना जाता है, जो डेटा ब्रीच की जानकारी मुफ्त में देता है।
अपने Gmail अकाउंट को कैसे बनाएं सुरक्षित
सबसे पहले अपने Gmail का पासवर्ड बदलें और एक मजबूत पासवर्ड सेट करें जिसमें बड़े अक्षर, छोटे अक्षर, नंबर और स्पेशल कैरेक्टर शामिल हों। इसके बाद Google की Security Checkup सर्विस में जाकर अपने अकाउंट में जुड़े सभी डिवाइस और थर्ड पार्टी ऐप्स की जांच करें। अनजान डिवाइस या ऐप्स को तुरंत हटा दें। अगर संभव हो तो 2-Step Verification के साथ हार्डवेयर सिक्योरिटी की या passkey का उपयोग करें ताकि कोई अनजान व्यक्ति आपके अकाउंट में लॉगिन न कर सके।
डेटा लीक से सीखें साइबर सावधानी की अहमियत
यह घटना एक बार फिर दिखाती है कि डिजिटल दुनिया में सुरक्षा कितनी जरूरी है। आज के समय में सिर्फ पासवर्ड ही नहीं बल्कि multi-layer protection अपनाना जरूरी हो गया है। हर कुछ महीनों में पासवर्ड बदलना, संदिग्ध ईमेल या लिंक से बचना और अपने डेटा की निगरानी रखना आपकी डिजिटल सुरक्षा को मजबूत बनाता है। गूगल समेत कई कंपनियां अब AI आधारित सिक्योरिटी फीचर भी ला रही हैं ताकि यूजर्स के अकाउंट पहले से ज्यादा सुरक्षित रहें।
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