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Tamil Nadu: हिंदू मुन्नानी का थिरुपुरनकुंद्रम  में विरोध, मदुरै प्रशासन ने लगाई निषेधाज्ञा

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Tamil Nadu: हिंदू मुन्नानी का थिरुपुरनकुंद्रम  में विरोध, मदुरै प्रशासन ने लगाई निषेधाज्ञा

Tamil Nadu: मदुरै जिले में एक ताजा विवाद ने धार्मिक तनाव को जन्म दिया है, जब कुछ मुस्लिम समूहों ने सिकंदर दरगाह पर जानवरों की कुर्बानी की अनुमति देने की मांग की। हिंदू मुन्नानी ने इस मांग के विरोध में विशाल प्रदर्शन की घोषणा की है। इसके बाद, मदुरै जिला प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के तहत निषेधाज्ञा (Section 144 CrPC) लागू कर दी है, ताकि कोई भी सार्वजनिक विरोध प्रदर्शन न हो सके।

मदुरै प्रशासन ने 2 दिन के लिए निषेधाज्ञा लागू की

मदुरै जिले के कलेक्टर एम. एस. संगीता ने 3 फरवरी को आदेश जारी करते हुए कहा कि 3 फरवरी की सुबह 6 बजे से लेकर 5 फरवरी की मध्यरात्रि तक, थिरुपुरनकुंद्रम  और जिले के अन्य हिस्सों में निषेधाज्ञा लागू रहेगी। इसका उद्देश्य होने वाले विरोध प्रदर्शन और जनसभा को रोकना था, जिसमें हिंदू मुन्नानी ने इस विवादित मुद्दे पर प्रदर्शन करने का ऐलान किया था।

थिरुपुरनकुंद्रम  विवाद: धर्म और परंपरा का टकराव

थिरुपुरनकुंद्रम  की पहाड़ी तमिलनाडु में भगवान मुरुगन के छह पवित्र स्थानों में से एक है। यहां भगवान सुब्रह्मण्या स्वामी का प्रसिद्ध मंदिर स्थित है, जहां लाखों श्रद्धालु पूजा-अर्चना करने आते हैं। हिंदू धर्म के अनुयायी इसे अत्यंत पवित्र स्थान मानते हैं और विश्वास करते हैं कि इस पहाड़ी पर एक भी बूँद रक्त की नहीं गिरनी चाहिए। इसी पवित्रता को बनाए रखने के लिए कुछ लोग जानवरों की कुर्बानी को मंदिर और आसपास के क्षेत्र में अस्वीकार करते हैं।

वहीं दूसरी ओर, मुस्लिम समुदाय का एक वर्ग थिरुपुरनकुंद्रम  की सिकंदर दरगाह को एक वक्फ संपत्ति मानता है, जहां इस प्रकार की धार्मिक प्रथाएँ जारी रखने का अधिकार उन्हें है। यह स्थिति उस समय और भी गंभीर हो गई जब नवाज कनी, भारतीय यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) के सांसद, ने इस मुद्दे पर सार्वजनिक बयान दिया। सांसद ने कहा कि दरगाह पर कोई भी नियम नहीं है जो पके हुए मांसाहारी भोजन के सेवन को रोकता हो। उन्होंने यह भी कहा कि थिरुपुरनकुंद्रम  में पके हुए मांसाहारी भोजन के सेवन पर कोई पुलिस प्रतिबंध नहीं है।

Tamil Nadu: हिंदू मुन्नानी का थिरुपुरनकुंद्रम  में विरोध, मदुरै प्रशासन ने लगाई निषेधाज्ञा

हिंदू मुन्नानी का विरोध प्रदर्शन

हिंदू मुन्नानी ने इस विवादित मुद्दे पर जोरदार विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई थी, जिसमें उनके समर्थक थिरुपुरनकुंद्रम  में एक विशाल सभा आयोजित करने वाले थे। इस प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य हिंदू धर्म की पवित्रता की रक्षा करना और यह सुनिश्चित करना था कि थिरुपुरनकुंद्रम  की पहाड़ी पर किसी प्रकार की धार्मिक गतिविधियों का उल्लंघन न हो।

हालांकि, मदुरै प्रशासन ने इस प्रदर्शन को अनुमति नहीं दी और इसे रोकने के लिए पुलिस को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था करने का निर्देश दिया। पुलिस ने पूरे इलाके को सील कर दिया है और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है।

सुरक्षा व्यवस्था और पुलिस बल की तैनाती

मदुरै प्रशासन ने इस मुद्दे की गंभीरता को देखते हुए थिरुपुरनकुंद्रम  में सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत किया है। पुलिस द्वारा 300 से अधिक सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की गई है, और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि कानून-व्यवस्था बनाए रखी जाए। थिरुपुरनकुंद्रम  में किसी भी प्रकार के धार्मिक या राजनीतिक विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए सुरक्षा कड़ी की गई है।

पुलिस ने यह भी सुनिश्चित किया है कि प्रदर्शनकारियों द्वारा मंदिर और दरगाह के आसपास कोई भी विरोध प्रदर्शन न हो। खासतौर पर, मंदिर के पास स्थित स्थानों को सुरक्षित किया गया है और पुलिस द्वारा यह कहा गया है कि किसी भी प्रकार के धार्मिक उल्लंघन की अनुमति नहीं दी जाएगी।

विवाद की जड़ और राजनीति

इस विवाद का राजनीतिक और धार्मिक दृष्टिकोण से बहुत महत्व है। थिरुपुरनकुंद्रम  के बारे में जारी इस विवाद ने न केवल स्थानीय समुदायों को बल्कि राज्य सरकार और पुलिस विभाग को भी परेशानी में डाल दिया है। यह मामला स्पष्ट रूप से हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच धार्मिक अधिकारों की सीमा पर खड़ा है।

हिंदू मुन्नानी और कुछ अन्य हिंदू संगठनों का तर्क है कि थिरुपुरनकुंद्रम  की पहाड़ी की धार्मिक पवित्रता को बचाना आवश्यक है, जबकि मुस्लिम समुदाय के कुछ सदस्य इसे अपनी धार्मिक स्वतंत्रता का हिस्सा मानते हैं।

हालांकि, यह मामला केवल धार्मिक ही नहीं है, बल्कि इसमें राजनीति भी घुसी हुई है। कांग्रेस पार्टी और भारतीय यूनियन मुस्लिम लीग ने इस मुद्दे पर अपनी आवाज उठाई है, जबकि भाजपा और हिंदू संगठनों ने इसे अपने धर्म और संस्कृति की रक्षा के रूप में देखा है।

मदुरै जिले में थिरुपुरनकुंद्रम  को लेकर जो विवाद उत्पन्न हुआ है, वह भारतीय समाज में धर्म, परंपरा और धार्मिक स्वतंत्रता के बीच संघर्ष का प्रतीक बन गया है। जहां एक ओर हिंदू संगठनों का तर्क है कि पहाड़ी की पवित्रता की रक्षा करना आवश्यक है, वहीं दूसरी ओर मुस्लिम समुदाय इसे अपनी धार्मिक स्वतंत्रता का हिस्सा मानते हुए आपत्ति जताता है।

मदुरै प्रशासन ने इस मुद्दे की गंभीरता को समझते हुए सुरक्षा इंतजाम किए हैं और किसी भी तरह के विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई का वादा किया है। यह देखा जाएगा कि आने वाले दिनों में इस विवाद का समाधान कैसे निकलता है और क्या धार्मिक सहिष्णुता के तहत दोनों समुदायों के बीच एक समझौता हो पाता है।

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Shashi Tharoor: शशि थरूर ने की मोदी की प्रशंसा, कांग्रेस में उठे सवाल!

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Shashi Tharoor: शशि थरूर ने की मोदी की प्रशंसा, कांग्रेस में उठे सवाल!

Shashi Tharoor:  15 फरवरी को वरिष्ठ कांग्रेस नेता और लोकसभा सांसद शशि थरूर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी दौरे और केरल की लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF) सरकार की तारीफ करने पर उठी आलोचनाओं का जवाब दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह हमेशा सरकार के अच्छे कार्यों की सराहना करते हैं, चाहे वह उनकी पार्टी की सरकार हो या किसी अन्य पार्टी की। साथ ही, गलत निर्णयों की आलोचना करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।

थरूर ने कहा, “मैं पिछले 16 साल से राजनीति में हूं। जब कोई सरकार अच्छा काम करती है, तो उसकी सराहना करनी चाहिए और जब कोई गलती होती है, तो आलोचना भी जरूरी है। अगर मैं हमेशा सिर्फ तारीफ करूंगा, तो लोग मुझे गंभीरता से नहीं लेंगे और अगर मैं हमेशा आलोचना करूंगा, तो मेरी विश्वसनीयता भी खत्म हो जाएगी। लोकतंत्र में संतुलन बनाए रखना बहुत जरूरी है।”

पीएम मोदी के अमेरिकी दौरे पर उठाए सवाल

शशि थरूर ने प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिकी दौरे पर भी कुछ सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि इस दौरे में भारतीयों के पक्ष में कई सकारात्मक निर्णय लिए गए, लेकिन कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे अभी भी अनसुलझे हैं। थरूर ने कहा, “क्या मोदी सरकार ने भारतीयों के अवैध अप्रवासियों को वापस भेजने का मुद्दा उठाया था? क्या पीएम मोदी ने यह मुद्दा बंद कमरे में चर्चा की थी? यह बड़ा सवाल है।”

उन्होंने आगे कहा, “भारत और अमेरिका के बीच व्यापार और शुल्क पर बातचीत शुरू करने का निर्णय लिया गया है, जो एक अच्छा कदम है।”

पार्टी हितों से ऊपर उठकर सोचने की बात कही

थरूर ने यह भी कहा कि उन्हें खुशी है कि भारत को कुछ अच्छे परिणाम मिले हैं और उन्होंने इसे एक भारतीय के तौर पर सराहा। उनका कहना था, “हमें हमेशा पार्टी हितों के दृष्टिकोण से नहीं सोचना चाहिए। जब कुछ अच्छा होता है, तो उसकी सराहना करना महत्वपूर्ण है।”

केरल सरकार की स्टार्टअप नीति पर भी की तारीफ

पीएम मोदी के अमेरिकी दौरे की तारीफ के साथ-साथ शशि थरूर ने केरल सरकार की स्टार्टअप नीति की भी सराहना की। उन्होंने एक अखबार में एक लेख लिखकर केरल सरकार की नीतियों को प्रोत्साहन देने के लिए उनकी तारीफ की। हालांकि, यह बात केरल कांग्रेस नेताओं को पसंद नहीं आई।

Shashi Tharoor: शशि थरूर ने की मोदी की प्रशंसा, कांग्रेस में उठे सवाल!

केरल कांग्रेस ने शशि थरूर की बयानबाजी पर सवाल उठाए

केरल प्रदेश कांग्रेस समिति (KPCC) के नेताओं ने शशि थरूर के बयान पर आपत्ति जताई और आल इंडिया कांग्रेस कमिटी (AICC) के उच्च पदाधिकारियों को एक पत्र भेजा, जिसमें थरूर की स्थिति पर सवाल उठाए गए। वरिष्ठ कांग्रेस नेता VD Satishan ने थरूर द्वारा दिए गए आंकड़ों की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि शशि थरूर के आंकड़े सही नहीं हो सकते, क्योंकि उनकी जानकारी गलत हो सकती है।

कांग्रेस में गहरी असहमति का माहौल

शशि थरूर के इस बयान ने कांग्रेस में गहरी असहमति को जन्म दिया है। उनकी पार्टी के अंदर के कई नेता उनकी नीतियों और विचारों से असहमत हैं। केरल कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि थरूर को पार्टी के हितों को ध्यान में रखते हुए बयानबाजी करनी चाहिए, न कि व्यक्तिगत विचारों के आधार पर। इस विवाद ने पार्टी के भीतर आंतरिक मतभेदों को उजागर कर दिया है, जो आगामी चुनावों में एक चुनौती बन सकते हैं।

शशि थरूर का पक्ष: लोकतंत्र में संतुलन की आवश्यकता

थरूर ने इस विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि उनका उद्देश्य हमेशा लोकतंत्र में संतुलन बनाए रखना है। उनका मानना है कि किसी भी सरकार की सराहना करना जरूरी है, बशर्ते वह अच्छा काम कर रही हो, और जब कोई सरकार गलत निर्णय लेती है, तो उसे आलोचना का भी सामना करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि वह केवल अपने पार्टी के हितों को ध्यान में रखते हुए काम करेंगे, तो उनकी विश्वसनीयता समाप्त हो जाएगी।

केरल सरकार के प्रयासों को लेकर राजनीति

केरल की स्टार्टअप नीति पर शशि थरूर के विचार भी पार्टी के अंदर विवाद का कारण बने। कांग्रेस के कुछ नेताओं का कहना है कि थरूर को केरल सरकार की नीतियों की तारीफ करने के बजाय अपनी पार्टी की स्थिति को प्राथमिकता देनी चाहिए थी। वहीं, थरूर ने इस मुद्दे पर अपने बयान को स्पष्ट किया और कहा कि यह कोई राजनीति का विषय नहीं है, बल्कि यह एक भारतीय नागरिक के तौर पर उनके विचार हैं। उन्होंने कहा कि जब केरल सरकार स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए अच्छा काम कर रही है, तो उसे सराहा जाना चाहिए।

आखिरकार, राजनीति में संतुलन और स्पष्टता की आवश्यकता

शशि थरूर का यह बयान कांग्रेस में पार्टी हितों और व्यक्तिगत विचारों के बीच संतुलन बनाए रखने के महत्व को रेखांकित करता है। उनका कहना है कि राजनीति में संतुलन बनाए रखना जरूरी है और कभी भी केवल आलोचना या केवल सराहना करने से विश्वसनीयता नहीं बनती। इसके साथ ही, पार्टी के अंदर के नेताओं के बीच यह विवाद यह दर्शाता है कि राजनीति में निर्णय लेने से पहले विभिन्न दृष्टिकोणों का मूल्यांकन करना कितना महत्वपूर्ण है।

यह घटनाक्रम कांग्रेस पार्टी के अंदर होने वाले राजनीतिक बदलावों और आंतरिक मतभेदों को भी उजागर करता है। हालांकि, शशि थरूर के विचारों से पार्टी के भीतर एक बहस शुरू हो गई है, लेकिन यह भी स्पष्ट है कि उन्हें अपने विचारों में संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता है, ताकि पार्टी के हितों को नुकसान न हो।

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Crypto fraud case में CBI की बड़ी कार्रवाई, दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा में 11 ठिकानों पर छापेमारी

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Crypto fraud case में CBI की बड़ी कार्रवाई, दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा में 11 ठिकानों पर छापेमारी

Crypto fraud case के एक बड़े मामले में सीबीआई (CBI) ने दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा में 11 स्थानों पर छापेमारी कर बड़ी मात्रा में नकदी, विदेशी मुद्रा और सोना बरामद किया है। अधिकारियों के अनुसार, यह छापेमारी कथित साइबर अपराधियों के खिलाफ की गई, जो खुद को सरकारी अधिकारी बताकर लोगों से ठगी कर रहे थे।

इस दौरान सीबीआई ने 1.08 करोड़ रुपये नकद, 1000 अमेरिकी डॉलर और 252 ग्राम सोना जब्त किया। इसके अलावा, जांच एजेंसी को कई महत्वपूर्ण डिजिटल सबूत भी मिले हैं, जिनसे यह खुलासा हुआ है कि आरोपी VoIP आधारित कॉलिंग, डार्कनेट और क्रिप्टो वॉलेट्स का इस्तेमाल कर रहे थे।

साइबर ठगों पर शिकंजा, दो साल पुराने मामले में कार्रवाई

सीबीआई ने बताया कि यह मामला दो साल पुराना है, जिसमें अब जाकर बड़ी कार्रवाई की गई है। जांच एजेंसी ने दिल्ली में 9 और हरियाणा के हिसार में 2 स्थानों पर छापेमारी की। सीबीआई के प्रवक्ता ने कहा कि आरोपी गैरकानूनी गतिविधियों और क्रिप्टो फ्रॉड में लिप्त थे और वे खुद को सरकारी अधिकारी बताकर लोगों को ठगते थे।

सीबीआई की जांच के अनुसार, आरोपी तकनीकी सहायता के नाम पर लोगों से ठगी करते थे और उन्हें क्रिप्टोकरेंसी के रूप में पैसे ट्रांसफर करने के लिए प्रेरित करते थे। इसके बाद, यह पैसा कई क्रिप्टो वॉलेट्स के माध्यम से नकदी में बदला जाता था और फिर अलग-अलग खातों में भेजा जाता था।

Crypto fraud case में CBI की बड़ी कार्रवाई, दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा में 11 ठिकानों पर छापेमारी

कैसे देते थे ठगी को अंजाम?

सीबीआई द्वारा जब्त किए गए छह लैपटॉप, आठ मोबाइल फोन और एक आईपैड की जांच से यह पता चला है कि ठग एक सुनियोजित नेटवर्क के जरिए अपनी ठगी को अंजाम दे रहे थे।

ठगी का तरीका:

  1. फर्जी टेक्निकल सपोर्ट कॉल: आरोपी फर्जी तकनीकी सहायता देने के बहाने लोगों से संपर्क करते थे।
  2. सरकारी अधिकारी बनकर लोगों को डराना: ठग खुद को सरकारी अधिकारी बताते थे और लोगों को सरकारी कार्रवाई का डर दिखाकर उनसे पैसे वसूलते थे।
  3. क्रिप्टोकरेंसी के जरिए ट्रांजेक्शन: लोगों को यह कहकर क्रिप्टोकरेंसी में पैसे ट्रांसफर करने के लिए प्रेरित किया जाता था कि यह एक सुरक्षित और गुप्त लेनदेन होगा।
  4. फर्जी क्रिप्टो वॉलेट का इस्तेमाल: पैसे को कई क्रिप्टो वॉलेट्स में ट्रांसफर किया जाता था ताकि असली ट्रांजेक्शन का पता न लगाया जा सके।
  5. डार्कनेट और VoIP कॉलिंग का सहारा: आरोपी डार्कनेट और VoIP कॉलिंग तकनीक का उपयोग करते थे ताकि उनकी असली पहचान छुपी रहे।

सीबीआई की छापेमारी में क्या-क्या बरामद हुआ?

सीबीआई द्वारा की गई छापेमारी में महत्वपूर्ण डिजिटल और भौतिक सबूत जब्त किए गए हैं। इनमें शामिल हैं:

  • 1.08 करोड़ रुपये नकद
  • 1000 अमेरिकी डॉलर की विदेशी मुद्रा
  • 252 ग्राम सोना
  • 6 लैपटॉप, 8 मोबाइल फोन और 1 आईपैड
  • VoIP आधारित कॉलिंग के लिए इस्तेमाल किए गए कंप्यूटर प्रोग्राम्स
  • डार्कनेट से जुड़े डिजिटल दस्तावेज

तीन आरोपियों के खिलाफ पहले ही दायर हो चुकी है चार्जशीट

सीबीआई ने इस मामले में पहले ही तीन आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी थी। अब इस छापेमारी के बाद, जांच एजेंसी को अन्य आरोपियों के खिलाफ भी नए सबूत मिले हैं। अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में और भी कई बड़े नाम सामने आ सकते हैं।

सीबीआई की जांच यह भी संकेत देती है कि इस पूरे नेटवर्क में देश-विदेश के कई अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं। जांच एजेंसी अब इस मामले में और गहराई से जांच कर रही है ताकि सभी दोषियों को पकड़ा जा सके।

क्रिप्टो फ्रॉड से बचने के लिए सावधानियां

क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े ठगी के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। ऐसे में, साइबर अपराधियों से बचने के लिए आम लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। कुछ महत्वपूर्ण सावधानियां इस प्रकार हैं:

  1. सरकारी अधिकारी बनकर कॉल करने वालों से सावधान रहें।
  2. कोई भी व्यक्तिगत जानकारी या बैंकिंग डिटेल अज्ञात लोगों के साथ साझा न करें।
  3. फर्जी तकनीकी सहायता या निवेश योजनाओं से बचें।
  4. क्रिप्टोकरेंसी में कोई भी लेनदेन करने से पहले सही स्रोत की जांच करें।
  5. अविश्वसनीय लिंक, ईमेल और अनजान कॉल्स से बचें।

सीबीआई द्वारा दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा में की गई छापेमारी से क्रिप्टो फ्रॉड से जुड़े बड़े रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। इस दौरान 1.08 करोड़ रुपये नकद, अमेरिकी डॉलर और सोना जब्त किया गया। आरोपियों ने सरकारी अधिकारी बनकर लोगों से ठगी की और क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से पैसे का हेरफेर किया

जांच एजेंसी अब अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है और जल्द ही इस मामले में नए खुलासे हो सकते हैं। यह छापेमारी साइबर अपराध और डिजिटल ठगी के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है, जिससे आने वाले समय में इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाने में मदद मिलेगी।

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पुलवामा शहीदों को PM Modi और अमित शाह की श्रद्धांजलि, कहा- आतंकियों का सफाया करेंगे

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पुलवामा शहीदों को PM Modi और अमित शाह की श्रद्धांजलि, कहा- आतंकियों का सफाया करेंगे

PM Modi: आज से 6 साल पहले, यानी 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में एक बड़ा आतंकी हमला हुआ था, जिसमें हमारे 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे। यह हमला पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने किया था। इस हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया और आतंकवाद के खिलाफ एक ठोस कदम उठाने की आवश्यकता को और भी महत्वपूर्ण बना दिया। पुलवामा हमले की छठी बरसी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और आतंकवाद के खिलाफ अपनी कड़ी नीति को दोहराया।

PM Modi का श्रद्धांजलि संदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुलवामा हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, “मैं पुलवामा हमले में शहीद हुए हमारे वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ। आने वाली पीढ़ी कभी भी इन शहीदों के बलिदान और उनके साहस को नहीं भूलेगी।” पीएम मोदी ने कहा कि इन शहीदों ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी, और उनका बलिदान हमेशा याद रहेगा।

पीएम मोदी ने यह भी कहा कि आतंकवाद के खिलाफ हमारी सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और हम किसी भी प्रकार की आतंकवादी गतिविधियों को पूरी तरह से नष्ट करने के लिए दृढ़संकल्पित हैं। मोदी सरकार आतंकवाद के खिलाफ अपनी “शून्य सहिष्णुता” नीति के तहत काम कर रही है, जिससे किसी भी आतंकवादी संगठन को बचने का कोई मौका नहीं मिलेगा।

अमित शाह का बयान

गृह मंत्री अमित शाह ने भी पुलवामा हमले में शहीद हुए 40 सीआरपीएफ जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की और इस हमले को एक कायरतापूर्ण आतंकवादी हमला बताया। उन्होंने अपने एक पोस्ट में लिखा, “इस दिन 2019 में पुलवामा में हुए कायरतापूर्ण आतंकवादी हमले में शहीद हुए हमारे वीर जवानों को मैं अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ। आतंकवाद मानवता का सबसे बड़ा दुश्मन है, और पूरी दुनिया इससे लड़ने में एकजुट है।”

अमित शाह ने आगे कहा कि चाहे वह सर्जिकल स्ट्राइक हो या वायु सेना द्वारा की गई एयर स्ट्राइक, मोदी सरकार पूरी तरह से आतंकवादियों को नष्ट करने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए “शून्य सहिष्णुता” की नीति के तहत कार्रवाई की जा रही है।

पुलवामा हमले के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य

पुलवामा हमला 14 फरवरी 2019 को हुआ था, जब पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने एक सीआरपीएफ बस को निशाना बनाया। इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। हमलावर ने एक बम से लदी हुई कार को सीआरपीएफ बस से टकरा दिया, जिससे जबरदस्त धमाका हुआ और कई जवान शहीद हो गए।

हमले के कुछ दिन बाद, भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान के बालकोट में आतंकवादी कैंपों पर एयर स्ट्राइक की थी, जिसमें कई आतंकी मारे गए थे। भारतीय वायु सेना की इस कार्रवाई को सर्जिकल स्ट्राइक के बाद दूसरी बड़ी और प्रभावी कार्रवाई माना गया।

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव

पुलवामा हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था। भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा संदेश भेजा और उसकी धरती पर आतंकी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं करने की अपनी नीति को और सख्त किया। भारतीय सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को घेरने की कोशिश की, और उसकी आतंकवादी गतिविधियों को उजागर किया।

इस हमले ने यह साफ कर दिया कि भारत अपने जवानों की सुरक्षा को लेकर बिल्कुल भी समझौता नहीं करेगा और आतंकवादियों के खिलाफ किसी भी कड़ी कार्रवाई से नहीं हिचकेगा।

मोदी सरकार की आतंकवाद के खिलाफ नीति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की सरकार ने हमेशा आतंकवाद के खिलाफ कड़ी नीति अपनाई है। मोदी सरकार ने सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक जैसी कार्रवाइयों के जरिए यह साबित किया कि वह आतंकवादियों के खिलाफ कोई भी कड़ी कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने हमेशा यह कहा है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ शून्य सहिष्णुता की नीति अपनाएगा और किसी भी आतंकवादी संगठन को भारत की धरती पर पनपने नहीं दिया जाएगा। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि हमारी सेना पूरी तरह से आतंकवादियों से निपटने के लिए तैयार है।

पुलवामा हमले के शहीदों को न भूलने का संकल्प

पुलवामा हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह ने यह संकल्प लिया कि उनके बलिदान को कभी नहीं भुलाया जाएगा। इन वीर जवानों ने देश की सुरक्षा के लिए अपनी जान की आहुति दी, और उनका बलिदान हमेशा देशवासियों के दिलों में जिंदा रहेगा।

यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी और हम किसी भी कीमत पर आतंकवाद को अपनी जमीन पर पनपने नहीं देंगे।

पुलवामा आतंकी हमला भारतीय सुरक्षा बलों और पूरे देश के लिए एक कड़ा संदेश था कि आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के शब्द यह दिखाते हैं कि भारत आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत और कड़ी नीति के साथ खड़ा है। पुलवामा के शहीदों का बलिदान हमारे दिलों में हमेशा रहेगा और हम उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।

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