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Stock market में तेज़ी, सेंसेक्स और निफ्टी में जबरदस्त उछाल, वैश्विक बाज़ार में भी सुधार

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Stock market में तेज़ी, सेंसेक्स और निफ्टी में जबरदस्त उछाल, वैश्विक बाज़ार में भी सुधार

 सोमवार को भारी गिरावट के बाद भारतीय Stock market ने मंगलवार को ज़बरदस्त वापसी की। बीएसई सेंसेक्स 396.61 अंकों की बढ़त के साथ 77,583.35 पर खुला, जबकि निफ्टी 139.95 अंकों की मजबूती के साथ 23,501.00 पर पहुंच गया। इस तेज़ी की मुख्य वजह अमेरिका और कनाडा के बीच व्यापार युद्ध टलने की खबरें मानी जा रही हैं।

व्यापार युद्ध टलने से बाज़ार में सुधार

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहले मैक्सिको और अब कनाडा को भी टैरिफ से राहत दे दी है। ट्रंप ने दोनों देशों पर 30 दिनों तक टैरिफ नहीं लगाने का फैसला किया है, जिससे वैश्विक बाज़ारों में भी सुधार देखने को मिल रहा है। इसका असर भारतीय बाज़ार पर भी पड़ा और निवेशकों का विश्वास लौटा है।

बाज़ार में रिकवरी: कौन-कौन से शेयर चमके?

आज के बाज़ार में कुछ शेयरों ने शानदार प्रदर्शन किया, जिसमें मुख्य रूप से जोमैटो, टाटा मोटर्स, इंफोसिस, आईसीआईसीआई बैंक, मारुति, आईटीसी और इंडसइंड बैंक के शेयरों में अच्छा उछाल देखने को मिला।

Stock market में तेज़ी, सेंसेक्स और निफ्टी में जबरदस्त उछाल, वैश्विक बाज़ार में भी सुधार

सेंसेक्स में टॉप गेनर स्टॉक्स:

  • इंफोसिस
  • टाटा मोटर्स
  • लार्सन एंड टूब्रो (L&T)
  • महिंद्रा एंड महिंद्रा
  • अदानी पोर्ट्स
  • स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI)
  • आईसीआईसीआई बैंक
  • टाटा स्टील

कौन-कौन से शेयर घाटे में रहे?

हालांकि, कुछ कंपनियों के शेयरों में गिरावट भी दर्ज की गई। इनमें पावर ग्रिड, हिंदुस्तान यूनिलीवर, नेस्ले और एशियन पेंट्स शामिल हैं।

विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी

शेयर बाज़ार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने सोमवार को 3,958.37 करोड़ रुपये की बिकवाली की। लगातार हो रही इस बिकवाली के बावजूद घरेलू निवेशकों की मजबूत स्थिति और वैश्विक बाजारों में स्थिरता ने भारतीय बाजार को सहारा दिया है।

ब्रेंट क्रूड में गिरावट का असर

अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की कीमतों में भी गिरावट देखी गई। ब्रेंट क्रूड 0.50% गिरकर $75.58 प्रति बैरल पर पहुंच गया है, जिससे भारत में तेल कंपनियों और अर्थव्यवस्था को राहत मिली है।

एशियाई बाज़ारों में भी सुधार

भारतीय बाजार की तरह एशियाई बाजारों में भी मजबूती देखने को मिली। जापान का निक्केई, दक्षिण कोरिया का कोस्पी और हांगकांग का हैंग सेंग में अच्छी बढ़त दर्ज की गई। हालांकि, अमेरिकी बाज़ार सोमवार को नकारात्मक रुख के साथ बंद हुए थे।

व्यापार युद्ध और बाज़ार पर असर

गौरतलब है कि शनिवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मैक्सिको, कनाडा और चीन से आयात होने वाले सामानों पर सख्त टैरिफ लगाने का आदेश दिया था। ट्रंप ने कहा था कि ये शुल्क “अमेरिकी नागरिकों की सुरक्षा” के लिए ज़रूरी हैं। हालांकि, कैनेडियन प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और मैक्सिको की राष्ट्रपति क्लॉडिया शेनबाम से बातचीत के बाद ट्रंप ने इन टैरिफ को एक महीने के लिए टालने का फैसला किया।

इस फैसले के बाद वैश्विक निवेशकों को राहत मिली और बाजार में रिकवरी देखने को मिल रही है। निवेशकों को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में व्यापार समझौतों को लेकर और भी सकारात्मक फैसले लिए जा सकते हैं।

क्या आगे भी जारी रहेगी यह मजबूती?

बाजार के जानकारों के मुताबिक, यह तेजी अभी जारी रह सकती है, लेकिन निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत है। अगर अमेरिका और कनाडा के बीच व्यापार युद्ध दोबारा भड़कता है या विदेशी निवेशक बिकवाली जारी रखते हैं, तो बाजार में अस्थिरता देखने को मिल सकती है।

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Petrol-Diesel Price: डीजल में 60 पैसे की गिरावट सिर्फ पटना में, बाकी राज्यों में क्यों स्थिरता?

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Petrol-Diesel Price: डीजल में 60 पैसे की गिरावट सिर्फ पटना में, बाकी राज्यों में क्यों स्थिरता?

Petrol-Diesel Price: कोलकाता में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में हल्की बढ़ोतरी हुई है। ऑयल मार्केटिंग कंपनियों द्वारा फ्यूल के बेसिक प्राइस को फिर से एडजस्ट करने के बाद यह बदलाव सामने आया है। अब कोलकाता में पेट्रोल की कीमत ₹105.41 प्रति लीटर हो गई है जबकि डीजल की कीमत ₹92.02 प्रति लीटर पहुंच गई है। एक प्रमुख ऑयल कंपनी के अधिकारी ने बताया कि पेट्रोल की कीमत में 40 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है जबकि डीजल की कीमत में 20 पैसे प्रति लीटर का इजाफा हुआ है। हालांकि इसके उलट बिहार की राजधानी पटना में डीजल के दाम में 60 पैसे प्रति लीटर की गिरावट दर्ज की गई है। वहीं अन्य पूर्वी राज्यों में ईंधन की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं।

क्यों होता है ईंधन की कीमतों में बदलाव

ईंधन की कीमतें तय करने का आधार उसका बेसिक प्राइस होता है जिसे ऑयल मार्केटिंग कंपनियां समय-समय पर रिव्यू करती हैं। इसमें ऑपरेशनल खर्च और लॉजिस्टिक्स जैसे कई फैक्टरों को ध्यान में रखते हुए एडजस्टमेंट किया जाता है। इस बेसिक प्राइस में केंद्र और राज्य सरकारों के टैक्स जुड़ने के बाद रिटेल प्राइस बनता है जो आम उपभोक्ता को चुकाना पड़ता है। हाल ही में हुए इस मामूली बदलाव ने सीधे तौर पर पेट्रोल-डीजल की कीमतों को प्रभावित किया है। इन बदलावों का असर चाहे कम हो लेकिन जब हर लीटर पर कुछ पैसे बढ़ते हैं तो उसका असर लाखों लोगों की जेब पर पड़ता है।

Petrol-Diesel Price: डीजल में 60 पैसे की गिरावट सिर्फ पटना में, बाकी राज्यों में क्यों स्थिरता?

पटना में राहत, बाकी राज्यों में स्थिरता

जहां एक तरफ कोलकाता में पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़े हैं वहीं पटना के लोगों को थोड़ी राहत मिली है। वहां डीजल के दाम में 60 पैसे प्रति लीटर की गिरावट आई है। हालांकि पेट्रोल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। इसके अलावा झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल के अन्य हिस्सों और असम जैसे पूर्वी राज्यों में कीमतें जस की तस बनी हुई हैं। इससे साफ है कि कंपनियां केवल उन्हीं शहरों में दाम बदल रही हैं जहां लॉजिस्टिक्स या वितरण से जुड़ी लागत में बदलाव हुआ है।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव स्थिर

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें बीते कुछ समय से स्थिर बनी हुई हैं। इसी वजह से भारत में तेल कंपनियों को कीमतों में बड़ी बढ़ोतरी करने की ज़रूरत नहीं पड़ी। मंगलवार दोपहर को डब्ल्यूटीआई क्रूड ऑयल की कीमत $62.05 प्रति बैरल रही जिसमें 0.15 प्रतिशत या $0.11 की मामूली बढ़त देखी गई। वहीं ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमत $65.02 प्रति बैरल रही जिसमें 0.09 प्रतिशत या $0.06 की बढ़त हुई। इन स्थिर कीमतों से संकेत मिलता है कि अभी पेट्रोल-डीजल की दरों में बड़ा उछाल आने की संभावना कम है। हालांकि लोकल लेवल पर बेस प्राइस के रीएडजस्टमेंट से छोटे-मोटे उतार-चढ़ाव होते रहेंगे।

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वंदे भारत या शताब्दी ट्रेन से सरकार की कितनी होती है कमाई? जानिए पूरी सच्चाई

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वंदे भारत या शताब्दी ट्रेन से सरकार की कितनी होती है कमाई? जानिए पूरी सच्चाई

भारतीय रेलवे की सबसे प्रीमियम और आधुनिक ट्रेनों में शामिल वंदे भारत एक्सप्रेस और शताब्दी एक्सप्रेस को लेकर आम लोगों के मन में यह सवाल जरूर आता है कि इन ट्रेनों से सरकार को कितनी कमाई होती है। खासकर वंदे भारत ट्रेनों की बढ़ती संख्या और लोकप्रियता के बीच यह जानना दिलचस्प हो जाता है कि क्या सरकार इनसे मुनाफे में है या नहीं।

RTI में क्या मिला जवाब?

हाल ही में मध्यप्रदेश के आरटीआई एक्टिविस्ट चंद्रशेखर गौड़ द्वारा दायर एक आरटीआई के जवाब में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। उन्होंने रेलवे मंत्रालय से पूछा था कि वंदे भारत ट्रेनों से पिछले दो वर्षों में कितनी कमाई हुई और क्या रेलवे को मुनाफा हुआ या नुकसान। जवाब में मंत्रालय ने कहा कि “ट्रेन के अनुसार राजस्व का अलग से रिकॉर्ड नहीं रखा जाता।” यानी सरकार के पास यह डेटा ही नहीं है कि वंदे भारत ट्रेनों से कुल कितनी कमाई हो रही है।

वंदे भारत ट्रेनें कहां-कहां चल रही हैं?

वर्तमान में देशभर में 102 वंदे भारत ट्रेनें 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 284 जिलों को कवर कर रही हैं। ये ट्रेनें 100 से ज्यादा रूट्स पर दौड़ रही हैं और अब तक 2 करोड़ से अधिक यात्री इनका सफर कर चुके हैं। रेलवे ने बताया कि वित्त वर्ष 2023-24 में इन ट्रेनों ने इतनी दूरी तय की है जो पृथ्वी के 310 चक्कर लगाने के बराबर है।

बुकिंग में है जबरदस्त रिस्पॉन्स

रेलवे द्वारा पहले दी गई एक RTI जानकारी के अनुसार, वंदे भारत ट्रेनों में औसतन 92% सीटें बुक रहती हैं, जो कि किसी भी ट्रेन के लिए काफी उत्साहजनक आंकड़ा है। इसका मतलब है कि ये ट्रेनें यात्रियों के बीच बेहद लोकप्रिय हैं।

रेलवे की कमाई का बड़ा हिस्सा

रेलवे ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए यात्री राजस्व (Passenger Revenue) को 92,800 करोड़ रुपये तक पहुंचाने का अनुमान जताया है, जिसमें वंदे भारत और अन्य एसी ट्रेनों की भूमिका काफी अहम मानी जा रही है। रेलवे को उम्मीद है कि प्रीमियम ट्रेनों की मांग बढ़ने से इनकम में 16% की ग्रोथ होगी।

जहां एक ओर वंदे भारत और शताब्दी जैसी ट्रेनों की लोकप्रियता और यात्री संख्या लगातार बढ़ रही है, वहीं यह हैरानी की बात है कि रेलवे इनके जरिए होने वाली सीधी कमाई का रिकॉर्ड नहीं रखता। इससे पारदर्शिता पर सवाल उठते हैं और यह समझना मुश्किल हो जाता है कि क्या वाकई ये ट्रेनें फायदे का सौदा हैं या सिर्फ एक इमेज प्रोजेक्शन?

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CNG गाड़ियाँ अब और भी स्मार्ट! दो सिलेंडर के साथ मिलेगा फुल बूट स्पेस और शानदार माइलेज

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CNG गाड़ियाँ अब और भी स्मार्ट! दो सिलेंडर के साथ मिलेगा फुल बूट स्पेस और शानदार माइलेज

सीएनजी गाड़ियों की डिमांड अब बढ़ती जा रही है, और इसके साथ ही एक समस्या भी सामने आती है: सीएनजी सिलेंडर के कारण बूट स्पेस की कमी। लेकिन अब आपके लिए खुशखबरी है, क्योंकि कुछ ऐसी गाड़ियाँ बाजार में आई हैं जिनमें दो सीएनजी सिलेंडर लगे होते हैं, और फिर भी आपको फुल बूट स्पेस मिलता है। तो अगर आप भी सीएनजी गाड़ी खरीदने का मन बना रहे हैं, तो आइए जानिए उन गाड़ियों के बारे में जो आपको ये दोनों फायदे देती हैं, साथ ही जानिए इनकी कीमत और माइलेज।

1. टाटा Tiago CNG

कीमत: ₹5,99,990 (एक्स-शोरूम) से शुरू
टाटा की इस शानदार हैचबैक में आपको दो सीएनजी सिलेंडर मिलते हैं, और साथ ही बूट स्पेस भी भरपूर मिलता है। इसकी माइलेज है 26.49 किमी/किलोग्राम। यदि आप टॉप वेरिएंट को चुनते हैं तो कीमत ₹8,74,990 (एक्स-शोरूम) तक जा सकती है।

2. हुंडई Grand i10 Nios CNG

कीमत: ₹7,83,500 (एक्स-शोरूम) से ₹8,38,200 (एक्स-शोरूम) तक
हुंडई की इस गाड़ी का डुअल CNG वेरिएंट भी ग्राहकों के बीच काफी पॉपुलर है। इसमें आपको 27 किमी/किलोग्राम का बेहतरीन माइलेज मिलता है। बूट स्पेस भी काफी अच्छा है, जो आपके ट्रिप्स को और भी आरामदायक बना देता है।

3. हुंडई Aura CNG

कीमत: ₹8,37,000 (एक्स-शोरूम) से ₹9,11,000 (एक्स-शोरूम) तक
हुंडई Aura CNG में आपको दो सीएनजी सिलेंडर और 28 किमी/किलोग्राम तक का माइलेज मिलता है। इस कार का डिजाइन आकर्षक है और बूट स्पेस भी पूरा मिलता है। इसका सीएनजी वेरिएंट आपकी लंबी यात्राओं को सुविधाजनक बना सकता है।

4. टाटा Altroz CNG

कीमत: ₹7,59,990 (एक्स-शोरूम) से शुरू
टाटा Altroz CNG में दो सीएनजी सिलेंडर दिए गए हैं, और इस कार का माइलेज 26.2 किमी/किलोग्राम है। अगर आप एक स्पेशियस हैचबैक चाहते हैं, तो Altroz CNG एक बेहतरीन ऑप्शन साबित हो सकती है।

5. टाटा Tigor CNG

कीमत: ₹7,69,990 (एक्स-शोरूम) से ₹9,44,990 (एक्स-शोरूम) तक
टाटा Tigor CNG का डुअल सिलेंडर वेरिएंट आपको 26.49 किमी/किलोग्राम का माइलेज देता है। यह सिडान का डिजाइन और सीएनजी के साथ जबरदस्त माइलेज, दोनों को शानदार तरीके से पेश करता है।

6. हुंडई Exter CNG

कीमत: ₹8,64,300 (एक्स-शोरूम) से ₹9,24,900 (एक्स-शोरूम) तक
हुंडई की Exter CNG आपको 2 सीएनजी सिलेंडर के साथ 27.1 किमी/किलोग्राम का माइलेज देती है। यह सस्ती एसयूवी उन लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प है जो माइलेज और स्पेस दोनों चाहते हैं।

इन गाड़ियों में डुअल सीएनजी सिलेंडर और बूट स्पेस दोनों का संयोजन आपको न सिर्फ बेहतरीन माइलेज देता है, बल्कि लंबी यात्राओं के लिए भी एक आदर्श विकल्प बनाता है। अगर आप सीएनजी गाड़ी खरीदने का विचार कर रहे हैं, तो ये 6 मॉडल आपके लिए सबसे बेहतर हो सकते हैं।

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