देश
Rajasthan Heavy Rain: राजस्थान में भारी बारिश और बाढ़ जलवायु परिवर्तन ने शुष्क प्रदेश को डुबो दिया
Rajasthan Heavy Rain: राजस्थान अपने शुष्क और गर्म मौसम के लिए जाना जाता है, लेकिन इस साल राज्य में मानसून ने एक नया रिकॉर्ड बना दिया है। जुलाई 2025 तक यहां औसत से 177 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। यह पिछले साल 2024 में दर्ज 156 प्रतिशत अधिक बारिश से भी कहीं अधिक है। लगातार हो रही मूसलधार बारिश ने राज्य के जनजीवन, किसानों और प्रशासन को बुरी तरह प्रभावित किया है।
बाढ़ और प्रभावित जिले
राजस्थान के 18 बांध ओवरफ्लो हो चुके हैं और 30 जिलों में से 22 जिले सीधे मॉनसून से प्रभावित हैं। तेज बारिश के कारण कई शहरों, कस्बों और गांवों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। उदयपुर में सोमवार को बारिश से एक मकान ढह गया, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई। इसके अलावा सीकर, झुंझुनूं, डूंगरपुर, हनुमानगढ़, चित्तौड़गढ़ और दौसा समेत कई जिलों में भी बारिश जारी रही। कुछ जिलों में मौसम खुला और धूप निकली, जिससे तापमान में बढ़ोतरी हुई।
हालात को देखते हुए कोटा विश्वविद्यालय ने 26 अगस्त को होने वाली परीक्षाओं को स्थगित कर दिया। इसके अलावा आठ जिलों में स्कूल बंद रखने के आदेश भी जारी किए गए हैं। मौसम विभाग के अनुसार, पिछले 24 घंटे में सीकर के नीमकाथाना में 54 मिलीमीटर, रींगस-पलसाना में 31-31, श्रीमाधोपुर में 32 और श्रीगंगानगर के सूरतगढ़ में 25 मिलीमीटर बारिश हुई।

Rajasthan Heavy Rain: राजस्थान में भारी बारिश और बाढ़ जलवायु परिवर्तन ने शुष्क प्रदेश को डुबो दिया
माउंट आबू और अन्य जिलों की स्थिति
सिरोही के माउंट आबू में 45 मिलीमीटर, पाली में 24, झुंझुनूं के बिसाऊ में 45, हनुमानगढ़ के रावतसर में 28, डूंगरपुर के देवल में 50 और डूंगरपुर शहर में 42 मिलीमीटर बारिश हुई। इसके अलावा दौसा के महुवा में 25, चूरू के राजगढ़ में 45, चित्तौड़गढ़ के डूंगला में 48, ब्यावर में 30 और बालोतरा के कल्याणपुर में 25 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। इन सभी आंकड़ों से साफ है कि राजस्थान के अधिकांश जिलों में लगातार बारिश का दबाव बना हुआ है।
जनजीवन और राहत कार्य
बारिश के चलते जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। कई गांव पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं और कई जगहों का संपर्क कट गया। मदद और राहत कार्यों में सेना को मोर्चा संभालना पड़ा। आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए वायु सेना ने अपने विमान तक तैनात किए। कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर और झालावाड़ जिलों में हालात सबसे ज्यादा गंभीर हैं।
हाड़ौती क्षेत्र में मूसलधार बारिश के चलते जन-धन की भारी क्षति हुई है। कई गांव जलमग्न हैं और ग्रामीण लोग सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किए जा रहे हैं। प्रशासन ने राहत कार्यों को तेज कर दिया है, लेकिन लगातार हो रही बारिश से स्थिति नियंत्रण से बाहर होती जा रही है।
मानसून जनित हादसे और मौतें
राजस्थान में मानसून सीजन में वर्षा जनित हादसों में अब तक 91 लोगों की जान जा चुकी है। पानी भरने और बाढ़ के कारण सड़कें बंद हो गई हैं और यातायात प्रभावित है। प्रशासन लगातार चेतावनी जारी कर रहा है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी जा रही है।
राजस्थान में इस साल बारिश का रिकॉर्ड 69 साल के पुराने रिकॉर्ड को तोड़ चुका है। 177 प्रतिशत ज्यादा बारिश ने राज्य के जनजीवन, किसानों और प्रशासन को बुरी तरह प्रभावित किया है। बाढ़, मकान ढहने और जन-धन की क्षति ने राज्य में आपातकालीन हालात पैदा कर दिए हैं। सेना और वायु सेना को राहत कार्यों में तैनात किया गया है, लेकिन लगातार बारिश के कारण स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है। राज्यवासियों को सतर्क रहने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की सलाह दी जा रही है।
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Nitish Kumar की अगुवाई में NDA का भव्य विजय जश्न, बिहार राजनीति में बदलाव और जातिवाद की हार
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के परिणाम इतिहास में एक नया मोड़ लेकर आए हैं। Nitish Kumar के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को प्रचंड बहुमत मिला, जबकि परंपरागत जातिवाद की राजनीति को करारी हार का सामना करना पड़ा। 243 सीटों वाली विधानसभा में NDA ने 200 से अधिक सीटें जीतकर दो-तिहाई बहुमत हासिल किया, जिससे विपक्ष को धराशायी होना पड़ा। इस चुनाव में मतदाताओं ने यह संदेश स्पष्ट कर दिया कि अब बिहार में विकास और सुशासन ही प्रमुख मुद्दा हैं, न कि केवल जाति।
महिला और युवा वोटर ने बदल दी तस्वीर
इस चुनाव में महिला और युवा मतदाताओं ने निर्णायक भूमिका निभाई। उनके मतों ने ग्रैंड अलायंस को सिर्फ 35 सीटों तक सीमित कर दिया। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, ग्रैंड अलायंस को केवल 38 प्रतिशत वोट ही मिले। यह जीत यह दर्शाती है कि बिहार में जातिगत समीकरण अब कमजोर पड़ गए हैं और विकास आधारित राजनीति को जनता ने सर्वोपरि रखा। विशेषज्ञों के अनुसार, अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC), दलित और गैर-यादव वोटरों का व्यापक गठबंधन NDA की सफलता की मुख्य वजह रहा। रिकॉर्ड महिला भागीदारी ने भी ग्रैंड अलायंस की स्थिति को प्रभावित किया। पहले चरण में 69 प्रतिशत और दूसरे चरण में 74 प्रतिशत मतदान हुआ।
विकास और सुशासन के लिए निर्णायक वोट
बिहार के मतदाताओं ने इस बार ‘जंगल राज’ के खिलाफ एकजुट होकर वोट दिया। महिलाओं और युवाओं ने विकास और सुशासन को प्राथमिकता दी। सभी जातियों के लोगों ने अपने भविष्य की उम्मीद NDA के विकास मॉडल में देखी। परिणामस्वरूप, लंबे समय के बाद बिहार में जातिगत समीकरण टूट गए और NDA ने प्रचंड जीत दर्ज की। ग्रैंड अलायंस केवल 35 सीटों पर सिमट गया। यह स्पष्ट संदेश है कि बिहार की जनता अब जातिवाद से ऊपर उठकर विकास, कानून-व्यवस्था और सुशासन के लिए मतदान कर रही है।
NDA की जीत का मुख्य कारण: सुशासन और व्यापक विकास
NDA ने चुनाव में ‘जंगल राज’ के खिलाफ अपने मुख्य अभियान के तहत कानून-व्यवस्था, शराब बंदी और महिलाओं के सशक्तिकरण को प्रमुखता दी। इसके साथ ही ग्रामीण संपर्क, सामाजिक कल्याण योजनाओं, सड़क निर्माण, हवाई अड्डों का विस्तार, नई ट्रेन सेवाएं, बिजली पहुंच और शिक्षा में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने जैसे विकास कार्यों को भी जोर दिया। इन सब कारकों के चलते NDA ने सभी जातियों के मतदाताओं का विश्वास जीता और बिहार में प्रचंड बहुमत से जीत दर्ज की। यह जीत स्पष्ट रूप से बताती है कि अब बिहार में जनता का प्राथमिक एजेंडा केवल जातिवाद नहीं बल्कि विकास और सुशासन है।
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Delhi Blast: DNA रिपोर्ट ने खोला राज! लाल किला ब्लास्ट की कार में कौन था ड्राइवर?”
Delhi Blast: दिल्ली के लाल किले के पास सोमवार को हुए भीषण कार धमाके की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। जांच एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक, जिस i20 कार में धमाका हुआ था, उसे डॉ. उमर चला रहे थे। इस बात की पुष्टि डीएनए टेस्ट के बाद हुई है। सूत्रों का कहना है कि जिस शव के अवशेष कार से बरामद हुए थे, वह किसी और के नहीं बल्कि डॉ. उमर के ही थे। इस विस्फोट के बाद से ही पुलिस और एनआईए की टीमें लगातार मामले की तहकीकात में जुटी हुई हैं।
डीएनए टेस्ट ने खोला राज — हड्डियों और दाँतों के नमूने से हुई पहचान
पुलिस सूत्रों के अनुसार, जांच एजेंसियों ने कार से मिले हड्डियों और दाँतों के नमूने डॉ. उमर की माँ के डीएनए सैंपल से मिलाए। जब दोनों नमूनों की तुलना की गई, तो रिपोर्ट ने 100 प्रतिशत मैच की पुष्टि की। यह टेस्ट रोहिणी एफएसएल लैब में किया गया था। अधिकारियों ने बताया कि इस डीएनए मैच के बाद यह पूरी तरह स्पष्ट हो गया है कि धमाके के समय कार चला रहे व्यक्ति की पहचान डॉ. उमर के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि डॉ. उमर ही वह व्यक्ति थे जो 10 नवंबर की शाम लाल किले के पास सुभाष मार्ग सिग्नल पर विस्फोटक से भरी i20 चला रहे थे।

धमाके की तीव्रता ने मचाया हाहाकार, उमर की मौत मौके पर ही
रिपोर्ट्स के मुताबिक, धमाका इतना शक्तिशाली था कि आसपास खड़ी कई गाड़ियों में आग लग गई और पूरा इलाका दहशत में आ गया। पुलिस को कार के अंदर से डॉ. उमर की टांग एक्सिलरेटर में फंसी हुई मिली, जिससे अंदाज़ा लगाया गया कि वह विस्फोट के समय वाहन चला रहे थे। कार पूरी तरह जलकर खाक हो चुकी थी और अंदर मौजूद व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई। यह घटना इतनी भयावह थी कि कई मीटर दूर तक धमाके की गूंज सुनाई दी। जांच एजेंसियां अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि विस्फोटक कैसे और कहाँ से लाया गया तथा इसमें और कौन-कौन शामिल हो सकता है।
अब तक 12 की मौत, प्रधानमंत्री मोदी ने घायलों से की मुलाकात
इस दिल्ली ब्लास्ट में अब तक 12 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 29 लोग घायल हुए हैं। इनमें से पाँच की हालत अभी भी नाज़ुक बताई जा रही है। घायलों का इलाज लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल में जारी है। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अस्पताल जाकर घायलों से मुलाकात की और अधिकारियों को हर संभव मदद देने के निर्देश दिए। राजधानी के कई इलाकों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, जबकि एनआईए और दिल्ली पुलिस की टीमें मिलकर मामले की हर कड़ी को जोड़ने में लगी हैं। फिलहाल, यह साफ है कि धमाके में मारे गए व्यक्ति की पहचान अब पूरी तरह से डॉ. उमर के रूप में हो चुकी है, जिससे जांच का एक महत्वपूर्ण चरण पूरा हो गया है।
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ED Raids: ED की बड़ी कार्रवाई! मुंबई और ठाणे में 13 जगहों पर छापेमारी, ₹85 करोड़ के फ्रॉड का खुलासा
ED Raids: बुधवार, 12 नवंबर 2025 को Enforcement Directorate (ईडी) ने महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई और ठाणे जिले में 13 स्थानों पर छापेमारी की। ये छापे मुंबई के विभिन्न क्षेत्रों में, जैसे वर्ली और डोंबिवली, के अलावा ठाणे जिले में भी किए गए। यह कार्रवाई Lodha Developers Limited (अब Macrotech Developers Limited) के पूर्व निदेशक राजेंद्र लोढ़ा से जुड़ी कथित मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में की गई।
ईडी जांच में क्या सामने आया
सूत्रों के अनुसार, ये छापेमारी Lodha Developers द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर की गई। एफआईआर में आरोप है कि राजेंद्र लोढ़ा ने 2013 से 2025 के बीच अपने पद का दुरुपयोग कर कंपनी को लगभग ₹85 करोड़ का नुकसान पहुँचाया। इस नुकसान का कारण कथित तौर पर अनधिकृत जमीन के सौदे, कम कीमत पर प्लॉट बेचना और धोखाधड़ीपूर्ण खरीदारी बताई गई है।
कुल 10 व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज
ईडी अधिकारियों ने बताया कि इस कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य अवैध धन के स्रोत और उसके उपयोग को ट्रैक करना है। इस मामले में कुल 10 आरोपियों पर केस दर्ज किया गया है, जिनमें राजेंद्र लोढ़ा भी शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि राजेंद्र लोढ़ा को पहले इसी मामले में सितंबर 2025 में मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया था।
जांच जारी, अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय
ईडी की टीमें मंगलवार की देर रात (11 नवंबर 2025) तक वर्ली, डोंबिवली और ठाणे के आवासीय और व्यावसायिक ठिकानों पर छापेमारी करती रहीं। एजेंसी अधिकारियों के अनुसार, इस जांच में अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय किया जा रहा है ताकि मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत और अवैध धन से खरीदी गई संपत्तियों की पहचान स्पष्ट रूप से की जा सके।
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