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भारत के विनिर्माण क्षेत्र में बढ़ोतरी के बीच नया Mutual Fund ऑफर, निवेशकों के लिए सुनहरा अवसर

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भारत के विनिर्माण क्षेत्र में बढ़ोतरी के बीच नया Mutual Fund ऑफर, निवेशकों के लिए सुनहरा अवसर

Mutual Fund: भारतीय स्टॉक मार्केट में उतार-चढ़ाव जारी है, जिसका प्रभाव अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ युद्ध के कारण देखने को मिल रहा है। हालांकि, दीर्घकालिक निवेशकों पर इसका ज्यादा असर नहीं पड़ता। वे मासिक आधार पर म्यूचुअल फंड के माध्यम से बड़ी रकम निवेश कर रहे हैं। इस बदलती आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए, निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड ने नया म्यूचुअल फंड ऑफर (NFO) लॉन्च किया है। यह नया फंड ‘Make in India’ के तहत भारतीय विनिर्माण क्षेत्र के विकास का लाभ उठाने के लिए है। निप्पॉन इंडिया निफ्टी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग ETF और निफ्टी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग इंडेक्स फंड 20 अगस्त 2025 तक निवेश के लिए खुले हैं।

विनिर्माण क्षेत्र में तेजी से बढ़ रहा है भारत

यह नया फंड तब लॉन्च किया गया है जब भारत का विनिर्माण क्षेत्र फिर से तेजी पकड़ रहा है। सरकार ‘Make in India’ योजना के तहत विनिर्माण को बढ़ावा दे रही है। इसी के तहत बड़ी कंपनियां जैसे एपल भी अपना उत्पादन भारत में शिफ्ट कर रही हैं। भारत जल्द ही विश्व का एक बड़ा विनिर्माण केंद्र बनने की ओर बढ़ रहा है। अनुमान है कि अगले साल भारत का विनिर्माण क्षेत्र 1 ट्रिलियन डॉलर के स्तर को पार कर जाएगा। फिलहाल विनिर्माण क्षेत्र भारत की GDP का 17 प्रतिशत हिस्सा है और आने वाले वर्षों में यह और बढ़ने की संभावना है। निप्पॉन इंडिया का यह नया फंड निफ्टी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग इंडेक्स की जगह लेगा।

भारत के विनिर्माण क्षेत्र में बढ़ोतरी के बीच नया Mutual Fund ऑफर, निवेशकों के लिए सुनहरा अवसर

किस प्रकार की कंपनियों में होगा निवेश?

यह फंड मुख्य रूप से पूंजीगत वस्तुएं, ऑटोमोबाइल, धातु, हेल्थकेयर, रसायन आदि जैसे विनिर्माण से जुड़े क्षेत्रों की कंपनियों में निवेश करेगा। AMFI फ्रेमवर्क के तहत चुनी गई शीर्ष 300 कंपनियों में से यह निवेश करेगा, जिसमें निफ्टी 100, निफ्टी मिडकैप 150 और निफ्टी स्मॉलकैप 50 शामिल हैं। इस फंड का उद्देश्य भारत की मजबूत आर्थिक स्थिति का फायदा उठाते हुए निवेशकों को लाभ पहुंचाना है। भारत की अर्थव्यवस्था 7 प्रतिशत से अधिक की दर से बढ़ने की उम्मीद है, जो युवाओं की अधिक संख्या और कामकाजी उम्र के लोगों के आधार पर संभव हो रहा है।

निर्माण क्षेत्र में विदेशी निवेश में बड़ी बढ़ोतरी

भारत में सस्ते वेतन स्तर, प्रतिस्पर्धात्मक कॉर्पोरेट टैक्स दर और ‘PLI’, ‘गति शक्ति’ तथा ‘Make in India’ जैसी सरकारी योजनाओं के कारण विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) विनिर्माण क्षेत्र में तेजी से बढ़ा है। पिछले दस वर्षों में FDI में 69 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वैश्विक निर्माता चीन-प्लस-वन रणनीति अपना रहे हैं और भारत इस स्थिति का पूरा फायदा उठा रहा है। इससे घरेलू मांग, सप्लाई चेन में बदलाव और उपभोक्ता क्षेत्र में प्रीमियम उत्पादों की मांग जैसी लंबी अवधि की संभावनाएं बन रही हैं।

कम लागत और अधिक पारदर्शिता के साथ निवेश का मौका

यह नया फंड ETF और इंडेक्स फंड दोनों रूपों में उपलब्ध है। निवेशकों को कम लागत में विनिर्माण क्षेत्र की विविध कंपनियों में निवेश करने का अवसर मिलता है। ETF में इंट्राडे लिक्विडिटी होती है, यानी दिन में किसी भी समय खरीद-फरोख्त की सुविधा। वहीं इंडेक्स फंड के माध्यम से SIP करके नियमित निवेश भी किया जा सकता है। इस फंड का ट्रैकिंग एरर बहुत कम है और यह पूरी तरह पारदर्शी है। ऐसे में निवेशकों के लिए यह नया फंड एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकता है।

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Bharti Airtel और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में जोरदार तेजी, निवेशकों के चेहरे खिल उठे

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Bharti Airtel और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में जोरदार तेजी, निवेशकों के चेहरे खिल उठे

Bharti Airtel: पिछले सप्ताह भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्त उछाल देखने को मिला। देश के 10 सबसे बड़ी कंपनियों में से आठ कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में कुल मिलाकर ₹2,05,185.08 करोड़ की वृद्धि हुई, जबकि दो कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में ₹39,414.06 करोड़ की गिरावट आई। इस दौरान निवेशकों को भारती एयरटेल और रिलायंस इंडस्ट्रीज से सबसे अधिक लाभ हुआ। बीएसई सेंसेक्स ने इस सप्ताह 1,346.5 अंकों यानी 1.62 प्रतिशत की तेजी के साथ बंद हुआ। लंबे समय की कमजोरी के बाद बाजार ने मजबूत वापसी की है।

भारती एयरटेल और रिलायंस इंडस्ट्रीज ने लगाया बाज़ार में दबदबा

भारती एयरटेल का बाजार पूंजीकरण पिछले सप्ताह ₹55,652.54 करोड़ बढ़कर ₹11,96,700.84 करोड़ तक पहुंच गया। वहीं, रिलायंस इंडस्ट्रीज का बाजार पूंजीकरण ₹54,941.84 करोड़ की वृद्धि के साथ ₹20,55,379.61 करोड़ हो गया। दोनों कंपनियों ने अपने निवेशकों को खासा मुनाफा दिया। इसके अलावा, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) का बाजार पूंजीकरण ₹40,757.75 करोड़ बढ़कर ₹11,23,416.17 करोड़ और ICICI बैंक का ₹20,834.35 करोड़ बढ़कर ₹9,80,374.43 करोड़ रहा।

एसबीआई, इन्फोसिस और एचडीएफसी बैंक ने भी दिखाया मजबूती

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) का बाजार पूंजीकरण ₹10,522.9 करोड़ बढ़कर ₹8,92,923.79 करोड़ और इन्फोसिस का ₹10,448.32 करोड़ बढ़कर ₹6,24,198.80 करोड़ पहुंच गया। इसके साथ ही, HDFC बैंक का मूल्यांकन ₹9,149.13 करोड़ की वृद्धि के साथ ₹15,20,524.34 करोड़ रहा। हिंदुस्तान यूनिलीवर का बाजार पूंजीकरण भी ₹2,878.25 करोड़ बढ़कर ₹5,70,187.06 करोड़ पहुंच गया। इन कंपनियों के प्रदर्शन से बाजार में स्थिरता का संकेत मिला है।

बजाज फाइनेंस और LIC को झटका

वहीं, पिछले सप्ताह दो कंपनियों को बाजार में नुकसान हुआ। बजाज फाइनेंस का बाजार पूंजीकरण ₹30,147.94 करोड़ घटकर ₹6,33,573.38 करोड़ और जीवन बीमा निगम (LIC) का ₹9,266.12 करोड़ घटकर ₹5,75,100.42 करोड़ रह गया। हालांकि, इन कंपनियों की बाजार में स्थिति मजबूत बनी हुई है, लेकिन इस गिरावट ने निवेशकों को थोड़ा सतर्क किया है।

रिलायंस इंडस्ट्रीज बनी देश की सबसे बड़ी कंपनी

रिलायंस इंडस्ट्रीज देश की सबसे बड़ी कंपनी बनी हुई है। इसके बाद HDFC बैंक, भारती एयरटेल, TCS, ICICI बैंक, SBI, बजाज फाइनेंस, इन्फोसिस, LIC और हिंदुस्तान यूनिलीवर का स्थान है। बाजार की इस तेजी से यह साफ हो गया है कि निवेशकों का भरोसा बड़ी कंपनियों में बरकरार है। आगामी हफ्तों में भी यह कंपनियां निवेशकों को आकर्षित करती रहेंगी।

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Groww IPO ने निवेशकों को बना दिया अमीर तीन दिन में 50% रिटर्न क्या अब खरीदें या बेचें विशेषज्ञ चेतावनी

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Groww IPO ने निवेशकों को बना दिया अमीर तीन दिन में 50% रिटर्न क्या अब खरीदें या बेचें विशेषज्ञ चेतावनी

Groww की पैरेंट कंपनी Billionbrains Garage Ventures ने अपने आईपीओ के महज तीन दिनों में ही निवेशकों को जोरदार मुनाफा दे दिया है। शेयर 13 नवंबर को 14 प्रतिशत प्रीमियम पर लिस्ट हुआ और पहले ही दिन 130.94 रुपये पर बंद हुआ। इसके बाद शेयर तेजी से भागा और 153.50 रुपये के स्तर तक पहुंच गया। तीन दिनों में ही 50 प्रतिशत से ज्यादा की छलांग ने निवेशकों को खुश कर दिया है। जिन्होंने नहीं खरीदा उन्हें अब थोड़ी निराशा हो रही है।

शेयर क्यों दौड़ रहे हैं Groww की मजबूती की असली वजहें

विशेषज्ञों के अनुसार Groww का बिजनेस मॉडल बेहद मजबूत है। भारत के सक्रिय रिटेल क्लाइंट बेस में इसका हिस्सा सितंबर 2025 तक 26.3 प्रतिशत है। इसके अलावा कंपनी ने वित्त वर्ष 2021 से 2025 तक 101.7 प्रतिशत की वार्षिक ग्रोथ दर्ज की है जो पूरे उद्योग की 27 प्रतिशत वृद्धि के मुकाबले कई गुना ज्यादा है। युवा ग्राहक बेस ब्रांड की ताकत और डिजिटल प्लेटफॉर्म की सुविधा ने कंपनी को तेजी से आगे बढ़ाया है। यही वजह है कि शेयर में तेजी देखने को मिल रही है।

Groww IPO ने निवेशकों को बना दिया अमीर तीन दिन में 50% रिटर्न क्या अब खरीदें या बेचें विशेषज्ञ चेतावनी

लेकिन कीमतों की रफ्तार ने बढ़ा दी वैल्यूएशन की गर्मी

हालांकि विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि शेयर की तेज रैली ने Groww को महंगी वैल्यूएशन पर पहुंचा दिया है। Bonanza Research के अभिषेक तिवारी का कहना है कि बिजनेस मजबूत है लेकिन इतनी ऊंची कीमत पर बिना बड़े ट्रिगर के नई तेजी की उम्मीद कम है। Ventura Research के प्रमुख विवेक बोलिंजकर भी मानते हैं कि नए निवेशकों के लिए अभी इंतजार करना बेहतर होगा। वे कहते हैं कि बिजनेस अच्छा है लेकिन इतनी ऊंची कीमत पर छोटी सी गलती भी भारी पड़ सकती है।

भविष्य की कमाई Groww के विस्तार और नवाचार पर निर्भर करेगी

विशेषज्ञों का कहना है कि कंपनी की मौजूदा कीमत में काफी हद तक भविष्य की ग्रोथ शामिल हो चुकी है। इसलिए आगे रिटर्न तभी आएंगे जब Groww नए प्रोडक्ट लाएगा और नए सेक्टर में विस्तार करेगा। अभी कंपनी की मुख्य कमाई ब्रोकरेज से आती है जो समय के साथ बदलती रहती है। इसलिए वेल्थ मैनेजमेंट कमोडिटी मार्जिन ट्रेडिंग और अन्य फाइनेंशियल सर्विसेज में विस्तार जरूरी होगा।

अब निवेशकों को क्या करना चाहिए विशेषज्ञों की सलाह

विश्लेषकों की राय है कि जिन्होंने आईपीओ में निवेश करके अच्छा लाभ कमाया है उन्हें अब कुछ मुनाफा बुक कर लेना चाहिए। बोलिंजकर कहते हैं कि थोड़ी होल्डिंग बेचकर निवेशक इस तेज रैली का फायदा उठा सकते हैं और बाकी निवेश लंबी अवधि के लिए रख सकते हैं। Groww का आईपीओ 17.60 गुना सब्सक्राइब हुआ था और एंकर निवेशकों से कंपनी ने करीब 2984 करोड़ रुपये जुटाए थे। इसलिए आगे की रणनीति में मुनाफा सुरक्षित करना और सही मौके पर दोबारा खरीदारी करना समझदारी होगी।

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Share Market: सुबह गिरावट के बावजूद दोपहर तक शेयर बाजार ने सुधार दिखाकर हरियाली में कारोबार किया

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Share Market: सुबह गिरावट के बावजूद दोपहर तक शेयर बाजार ने सुधार दिखाकर हरियाली में कारोबार किया

Share Market: मंगलवार, 11 नवंबर को भारतीय शेयर बाजार में बड़ी उतार-चढ़ाव देखने को मिला। दिन की शुरुआत दोनों प्रमुख सूचकांकों बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी 50 के साथ हरे निशान में हुई। शुरुआती दौर में बाजार में मजबूती दिखी लेकिन यह तेजी ज्यादा देर तक टिक नहीं सकी। सुबह के सत्र में बाजार लाल निशान में आ गया और कारोबार दबाव में रहा।

सुबह लगभग 10:45 बजे सेंसेक्स 83,136.74 के स्तर पर था जो 398.61 अंक या 0.48 प्रतिशत नीचे था। वहीं निफ्टी 50 भी 119.65 अंक यानी 0.47 प्रतिशत गिरकर 25,454.70 पर आ गया था। इस दौरान बाजार में गिरावट का प्रमुख कारण विदेशी निवेशकों की बिकवाली, बाजार में नकदी की कमी और वैश्विक कमजोर संकेत माने जा रहे थे।

दिन के अंत में बाजार में हुई सुधार की लहर

हालांकि, दिन के अंत तक बाजार में सुधार देखने को मिला। लगभग 3 बजे के आस-पास दोनों सूचकांक फिर से हरे निशान में कारोबार कर रहे थे। बीएसई सेंसेक्स 83,852.54 के स्तर पर पहुंच गया जो 317.19 अंक या 0.38 प्रतिशत की बढ़त दर्शाता है। वहीं एनएसई निफ्टी 50 भी 25,689.85 के स्तर पर था जो 115.50 अंक यानी 0.45 प्रतिशत की तेजी थी।

बीएसई की कुल 30 कंपनियों में से 25 कंपनियों के शेयर हरे निशान में थे जबकि 5 कंपनियों के शेयरों में गिरावट रही। सबसे ज्यादा लाभ कमाने वाली कंपनियों में महिंद्रा एंड महिंद्रा, अदानी पोर्ट्स, एटरनल और सन फार्मा शामिल थीं। वहीं बाजाज फिनसर्व और पावरग्रिड जैसे शेयर बाजार में नुकसान में रहे।

Share Market: सुबह गिरावट के बावजूद दोपहर तक शेयर बाजार ने सुधार दिखाकर हरियाली में कारोबार किया

बाजार में गिरावट के पीछे के कारण

विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार में गिरावट के पीछे सबसे बड़ा कारण विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) द्वारा लगातार बिकवाली थी। इसके अलावा बाजार में नकदी की कमी, बढ़ती अस्थिरता और कमजोर वैश्विक संकेत भी बाजार के दबाव में रहने के प्रमुख कारण थे। सोमवार को विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार से कुल ₹4,114.85 करोड़ की निकासी की।

मंगलवार को भारत विक्स (India VIX) सूचकांक में भी लगभग 5 प्रतिशत की तेजी आई और यह 12.90 अंक तक पहुंच गया। भारत विक्स बाजार की अस्थिरता को दर्शाता है और इसकी बढ़ोतरी से पता चलता है कि निवेशकों के बीच अनिश्चितता बढ़ी है। साथ ही वैश्विक स्तर पर बनी राजनीतिक-आर्थिक अस्थिरता भी भारतीय बाजार को प्रभावित कर रही है।

भविष्य के लिए क्या संकेत दे रहा है बाजार

हालांकि मंगलवार को दिन के अंत में बाजार में सुधार देखने को मिला, लेकिन विदेशी निवेशकों की बिकवाली और वैश्विक अनिश्चितताएं अभी भी बाजार के लिए चुनौती बनी हुई हैं। निवेशकों को बाजार के उतार-चढ़ाव के लिए सतर्क रहने और अपनी निवेश रणनीति में समझदारी से फैसले लेने की जरूरत है।

विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि मौजूदा वैश्विक और घरेलू आर्थिक हालात को ध्यान में रखते हुए निवेश करना चाहिए। साथ ही बाजार में आने वाले अपडेट्स और आर्थिक संकेतकों पर नजर रखनी चाहिए ताकि बेहतर निवेश निर्णय लिए जा सकें।

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