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Budget 2025: भारत के बजट में आयात शुल्क में कटौती, अमेरिका के निर्यात को मिलेगा लाभ

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Budget 2025: भारत के बजट में आयात शुल्क में कटौती, अमेरिका के निर्यात को मिलेगा लाभ

Budget 2025: भारत ने 1 फरवरी को अपने आम बजट में कुछ उत्पादों पर कस्टम ड्यूटी में कटौती की घोषणा की है, जो अमेरिका के लिए राहत का संकेत हो सकता है। इस निर्णय से अमेरिकी उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि मोटरसाइकिलों और कृत्रिम फ्लेवर एन्हांसर जैसे उत्पादों पर कस्टम ड्यूटी में कमी आई है, जिससे अमेरिकी निर्यातकों को फायदा होगा।

अमेरिका ने भारत को ‘टैरिफ किंग’ करार दिया था

GTRI के अनुसार, डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन द्वारा भारत को ‘टैरिफ किंग’ कहे जाने के बाद, भारत ने अपने बजट में कई उत्पादों पर कस्टम ड्यूटी में महत्वपूर्ण कटौती की है। इन उत्पादों में से कई अमेरिका से होने वाले निर्यात पर लाभकारी प्रभाव डाल सकते हैं। GTRI ने एक बयान में कहा, “भारत ने प्रौद्योगिकी, वाहनों, औद्योगिक कच्चे माल और स्क्रैप के आयात पर शुल्क में कटौती की है। यह वैश्विक व्यापार के तनावपूर्ण माहौल के बावजूद व्यापार को सुगम बनाने की दिशा में भारत द्वारा उठाया गया कदम है।”

Budget 2025: भारत के बजट में आयात शुल्क में कटौती, अमेरिका के निर्यात को मिलेगा लाभ

क्या अमेरिका का नजरिया बदलेगा?

हालांकि, GTRI को इस बात की आशंका है कि क्या इस कस्टम ड्यूटी में कटौती से अमेरिका का नजरिया भारत के व्यापार संबंधों के बारे में बदल पाएगा। GTRI के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा, “अमेरिका से भारत में मोटरसाइकिलों का निर्यात FY 2023-24 में $3 मिलियन था और यह शुल्क कटौती अमेरिकी निर्माताओं के लिए बाजार पहुंच को बढ़ावा दे सकती है।” श्रीवास्तव का मानना ​​है कि यह नीति में बदलाव का संकेत है, जो कई क्षेत्रों में अमेरिकी निर्यात को बढ़ावा दे सकता है।

नीति में बदलाव का संकेत

श्रीवास्तव ने कहा कि ट्रंप ने लंबे समय तक भारत की कस्टम संरचना की आलोचना की थी, लेकिन इस नवीनतम कटौती से यह स्पष्ट होता है कि भारत अब नीति में बदलाव की ओर अग्रसर है, जो अमेरिकी निर्यात को कई क्षेत्रों में बढ़ावा दे सकता है। यह कदम भारत और अमेरिका के बीच व्यापार संबंधों को और मजबूत करने का एक अवसर हो सकता है।

भारत-अमेरिका व्यापार संबंध

2024-25 के दौरान अप्रैल से नवंबर तक, अमेरिका भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापार साझीदार था, जिसका व्यापार $82.52 बिलियन था। इससे पहले 2021-24 में, अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापार साझीदार था। भारत और अमेरिका के बीच व्यापार संबंधों में तेजी से वृद्धि हुई है और इस नई नीति से और भी प्रगति हो सकती है।

भारत का उद्देश्य और वैश्विक व्यापार

भारत का यह कदम वैश्विक व्यापार को सुगम बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है। कस्टम ड्यूटी में कटौती से न केवल अमेरिका, बल्कि अन्य देशों के उत्पादकों को भी फायदा हो सकता है। वैश्विक व्यापार पर्यावरण में उथल-पुथल के बावजूद, भारत के इस कदम से व्यापारिक संबंधों में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद जताई जा रही है।

भारत ने अपने बजट में कस्टम ड्यूटी में कटौती कर यह संकेत दिया है कि वह वैश्विक व्यापार को सरल और सुविधाजनक बनाने के लिए कदम उठा रहा है। इससे भारतीय उद्योगों को भी लाभ हो सकता है, क्योंकि यह कदम व्यापारिक गतिविधियों को गति देगा और भारत के बाजार में विदेशी निवेश को आकर्षित करेगा।

अमेरिकी निर्यातकों के लिए अवसर

अमेरिका के निर्यातकों के लिए यह एक बड़ा अवसर हो सकता है। मोटरसाइकिल उद्योग जैसे क्षेत्रों में कस्टम ड्यूटी में कटौती से अमेरिकी निर्माताओं को भारतीय बाजार में अपनी उपस्थिति बढ़ाने में मदद मिल सकती है। इसके अतिरिक्त, कृत्रिम फ्लेवर एन्हांसर और अन्य उपभोक्ता उत्पादों की आयात पर शुल्क में कटौती से अमेरिका को अपने निर्यात को बढ़ावा देने का अवसर मिलेगा।

निर्यातकों का स्वागत

अमेरिका के निर्यातक इस कदम का स्वागत कर रहे हैं। उनका मानना ​​है कि यह कस्टम ड्यूटी में कटौती उनके लिए भारत में व्यापार के अवसरों को बढ़ाने का मौका देगी। विशेष रूप से मोटरसाइकिल निर्माताओं को इस बदलाव से लाभ हो सकता है, क्योंकि भारत में मोटरसाइकिलों की भारी मांग है और अब अमेरिकी निर्माताओं को इस बाजार में अधिक अवसर मिल सकते हैं।

निर्यात के क्षेत्र में वृद्धि

भारत ने कस्टम ड्यूटी में कटौती कर यह सुनिश्चित किया है कि अमेरिकी उत्पादों को भारत में अधिक सुलभ बनाया जा सके। इसके अलावा, यह भारत के उद्योगों के लिए भी फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि विदेशी उत्पादों की अधिक उपलब्धता से प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, जो भारतीय उद्योगों को भी अधिक सुधार और नवाचार की दिशा में प्रेरित कर सकती है।

भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों का भविष्य

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार संबंधों में इस नई नीति के बाद और भी मजबूती आ सकती है। हालांकि, यह देखना होगा कि अमेरिका का प्रशासन इस कदम को कितने सकारात्मक दृष्टिकोण से देखता है और क्या यह कस्टम ड्यूटी में कटौती से अमेरिका का व्यापारिक दृष्टिकोण पूरी तरह बदल जाएगा।

भारत का यह कदम अमेरिकी निर्यातकों के लिए एक नए अवसर के रूप में सामने आया है। मोटरसाइकिल और कृत्रिम फ्लेवर एन्हांसर जैसे उत्पादों पर कस्टम ड्यूटी में कटौती से न केवल अमेरिकी निर्यातकों को फायदा होगा, बल्कि इससे वैश्विक व्यापार को भी गति मिल सकती है। भारत का यह कदम वैश्विक व्यापारिक माहौल को बेहतर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। अब यह देखना होगा कि अमेरिका का प्रशासन इस परिवर्तन को किस प्रकार स्वीकार करता है और क्या यह भारत के साथ व्यापारिक संबंधों को और प्रगति की ओर ले जाएगा।

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Dividend This Week: डिविडेंड देने को तैयार ये कंपनियां, निवेशकों की होगी बल्ले-बल्ले!

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Dividend This Week: डिविडेंड देने को तैयार ये कंपनियां, निवेशकों की होगी बल्ले-बल्ले!

Dividend This Week: इस हफ्ते शेयर बाजार में निवेशकों के लिए जबरदस्त मौका आने वाला है। कंपनियों ने अपनी तीसरी तिमाही के नतीजे घोषित करने के बाद अब अपने मुनाफे को निवेशकों के साथ बांटने का फैसला किया है। डिविडेंड और बोनस का दौर अब शुरू हो रहा है, जिससे निवेशकों को तगड़ा फायदा हो सकता है।

जो निवेशक इन कंपनियों के शेयर तय समय तक अपने डीमैट अकाउंट में रखेंगे, उन्हें डिविडेंड और बोनस के रूप में अच्छा खासा पैसा मिल सकता है। इसलिए, अगर आप शेयर बाजार में निवेश कर रहे हैं, तो उन कंपनियों पर जरूर ध्यान दें जो डिविडेंड और बोनस देने जा रही हैं।

50 कंपनियों के डिविडेंड की रिकॉर्ड डेट अगले हफ्ते

डिविडेंड को लेकर बाजार में काफी उम्मीदें हैं। अगले हफ्ते 50 कंपनियों के डिविडेंड की रिकॉर्ड डेट तय की गई है। इस दौरान निवेशकों को उन कंपनियों से तगड़ा मुनाफा हो सकता है, जो अपने शेयरधारकों को डिविडेंड देने जा रही हैं।

इसके अलावा, एसबीआई कार्ड्स (SBI Cards) भी अगले हफ्ते डिविडेंड की घोषणा करने जा रही है। इन 50 कंपनियों में से 10 कंपनियां अपने निवेशकों को ₹10 से ₹110 प्रति शेयर तक का डिविडेंड देने वाली हैं।

इन बड़ी कंपनियों से मिलेगा तगड़ा फायदा

अगर आपने नीचे दी गई कंपनियों में निवेश किया है, तो आप अगले हफ्ते डिविडेंड कमा सकते हैं। इन कंपनियों ने अपने डिविडेंड की घोषणा कर दी है:

  •  ऑयल इंडिया (Oil India)
  • हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (Hindustan Aeronautics)
  • भारत फोर्ज (Bharat Forge)
  • केपीआई ग्रीन एनर्जी (KPI Green Energy)
  • प्रॉक्टर एंड गैम्बल हेल्थ (Procter & Gamble Health)

इसके अलावा, कुछ अन्य कंपनियां भी डिविडेंड देने की तैयारी कर रही हैं, जिनमें अर्टेमिस इलेक्ट्रिकल्स (Artemis Electricals), वेक्टर्स फूड (Vectors Food), कैंपस एक्टिववियर (Campus Activewear), डालमिया भारत शुगर (Dalmia Bharat Sugar) और आईआईएफएल कैपिटल (IIFL Capital) शामिल हैं।

क्या होता है डिविडेंड और क्यों है यह फायदेमंद?

डिविडेंड एक ऐसी राशि होती है जो कंपनी अपने लाभ का एक हिस्सा निवेशकों को बांटने के लिए देती है। जब कोई कंपनी अच्छा मुनाफा कमाती है, तो वह अपने शेयरधारकों को लाभांश (डिविडेंड) के रूप में भुगतान करती है।

Dividend This Week: डिविडेंड देने को तैयार ये कंपनियां, निवेशकों की होगी बल्ले-बल्ले!

डिविडेंड के फायदे:

  •  नियमित आय का स्रोत: अगर आप लॉन्ग टर्म निवेशक हैं, तो डिविडेंड से आपको नियमित कमाई हो सकती है।
  • कम रिस्क वाला निवेश: शेयर बाजार में डिविडेंड देने वाली कंपनियां आमतौर पर स्थिर मुनाफा कमाती हैं, जिससे निवेशक का जोखिम कम हो जाता है।
  • बाजार में गिरावट के दौरान सुरक्षा: अगर बाजार में गिरावट होती है, तो भी डिविडेंड के रूप में निवेशकों को कुछ फायदा मिलता रहता है।

डिविडेंड पाने के लिए किन बातों का रखें ध्यान?

अगर आप इन कंपनियों से डिविडेंड कमाना चाहते हैं, तो कुछ महत्वपूर्ण बातों को ध्यान में रखना जरूरी है:

  •  रिकॉर्ड डेट: कंपनी द्वारा घोषित रिकॉर्ड डेट तक आपके डीमैट अकाउंट में शेयर मौजूद होने चाहिए।
  • एक्स-डिविडेंड डेट: एक्स-डिविडेंड डेट से पहले आपको शेयर खरीदने होंगे, तभी डिविडेंड मिलेगा।
  • कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन: निवेश करने से पहले कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन और पिछले डिविडेंड ट्रैक रिकॉर्ड को जरूर देखें।
  • डिविडेंड यील्ड: ज्यादा डिविडेंड देने वाली कंपनियों को प्राथमिकता दें, जिससे आपको ज्यादा रिटर्न मिल सके।

स्टॉक स्प्लिट की भी हो रही तैयारी

कुछ कंपनियां न केवल डिविडेंड दे रही हैं, बल्कि स्टॉक स्प्लिट (Stock Split) की भी योजना बना रही हैं। स्टॉक स्प्लिट का मतलब है कि कंपनी अपने शेयरों को छोटे हिस्सों में बांट देती है, जिससे शेयर की कीमत कम हो जाती है और छोटे निवेशकों के लिए खरीदना आसान हो जाता है।

इस हफ्ते जिन कंपनियों के स्टॉक स्प्लिट की खबरें हैं, वे इस प्रकार हैं:

  •  अर्टेमिस इलेक्ट्रिकल्स (Artemis Electricals)
  • वेक्तर्स फूड (Vectors Food)
  • कैंपस एक्टिववियर (Campus Activewear)
  • डालमिया भारत शुगर (Dalmia Bharat Sugar)
  • आईआईएफएल कैपिटल (IIFL Capital)

क्या आपको डिविडेंड देने वाली कंपनियों में निवेश करना चाहिए?

अगर आप लॉन्ग टर्म निवेशक हैं और नियमित आय की तलाश में हैं, तो डिविडेंड देने वाली कंपनियों में निवेश करना आपके लिए अच्छा विकल्प हो सकता है। हालांकि, आपको निवेश करने से पहले इन बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  •  कंपनी का पिछला डिविडेंड रिकॉर्ड देखें।
  • कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन और भविष्य की संभावनाएं समझें।
  • अगर कंपनी लगातार अच्छा डिविडेंड दे रही है और उसका बिजनेस मॉडल मजबूत है, तो निवेश करें।

अगर आप शेयर बाजार से कमाई करना चाहते हैं, तो इस हफ्ते 50 कंपनियों की डिविडेंड रिकॉर्ड डेट पर नजर रखना फायदेमंद रहेगा। ऑयल इंडिया, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स, भारत फोर्ज, केपीआई ग्रीन एनर्जी, प्रॉक्टर एंड गैम्बल हेल्थ जैसी कंपनियां शानदार डिविडेंड देने वाली हैं।

इसके अलावा, स्टॉक स्प्लिट की योजना बना रही कंपनियों पर भी नजर रखनी चाहिए, क्योंकि इससे निवेशकों को लॉन्ग टर्म में फायदा हो सकता है। अगर आप स्मार्ट तरीके से निवेश करेंगे, तो डिविडेंड और स्टॉक स्प्लिट दोनों से अच्छा रिटर्न कमा सकते हैं।

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PPF Account खोलने की प्रक्रिया, सुरक्षित बचत और कर लाभ का शानदार विकल्प

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PPF Account खोलने की प्रक्रिया, सुरक्षित बचत और कर लाभ का शानदार विकल्प

PPF Account: पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) छोटे निवेशकों के लिए एक लोकप्रिय बचत योजना है। इसमें निवेशकों को कर-मुक्त जोखिम रहित रिटर्न मिलता है। यह सरकारी समर्थित बचत योजना उन निवेशकों के लिए एक आदर्श विकल्प है जो सुरक्षा, स्थिरता और वित्तीय वृद्धि की तलाश में हैं।

1968 में राष्ट्रीय बचत संगठन द्वारा शुरू की गई इस योजना के तहत आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत कर लाभ का दावा किया जा सकता है। वर्तमान में, इस पर सालाना 7.10% ब्याज दर मिल रही है। आइए जानते हैं कि आप पीपीएफ खाता खोलकर निवेश कैसे शुरू कर सकते हैं।

₹500 से शुरू करें निवेश

पीपीएफ का निवेश काल 15 वर्षों का होता है, जिसे पांच-पांच साल के ब्लॉकों में आगे बढ़ाया जा सकता है। न्यूनतम ₹500 की राशि से पीपीएफ खाता खोला जा सकता है, जबकि अधिकतम वार्षिक जमा सीमा ₹1.5 लाख है।

कोई भी भारतीय नागरिक पीपीएफ खाता खोल सकता है, वहीं अभिभावक नाबालिग के नाम पर भी खाता खोल सकते हैं। हालांकि, एनआरआई और एचयूएफ (HUF) इस खाते को खोलने के पात्र नहीं हैं।

PPF Account खोलने की प्रक्रिया, सुरक्षित बचत और कर लाभ का शानदार विकल्प

पीपीएफ खाता खोलने के लिए आवश्यक दस्तावेज

  • पीपीएफ आवेदन फॉर्म
  • पहचान प्रमाण (आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट आदि)
  • पता प्रमाण (बिजली बिल, राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस आदि)
  • पासपोर्ट साइज फोटो

पीपीएफ खाता ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से खोला जा सकता है।

ऑफलाइन तरीका:

आप नजदीकी बैंक या डाकघर जाकर ऑफलाइन तरीके से पीपीएफ खाता खोल सकते हैं।

  1. बैंक शाखा या डाकघर से पीपीएफ आवेदन फॉर्म प्राप्त करें।
  2. फॉर्म में आवश्यक जानकारी भरें।
  3. आवश्यक दस्तावेज संलग्न करें।
  4. भरे हुए फॉर्म को बैंक या डाकघर प्रतिनिधि को सौंपें।
  5. दस्तावेजों और राशि जमा करने के बाद, आपको पीपीएफ खाते की पासबुक प्रदान की जाएगी। इस तरह आपका खाता सक्रिय हो जाएगा और निवेश शुरू हो जाएगा।

ऑनलाइन तरीका:

ऑनलाइन पीपीएफ खाता खोलने के लिए आपके पास बैंक में बचत खाता और नेट बैंकिंग या मोबाइल बैंकिंग की सुविधा होनी चाहिए।

  1. अपने बैंक के इंटरनेट बैंकिंग या मोबाइल बैंकिंग प्लेटफॉर्म में लॉग इन करें।
  2. ‘ओपन पीपीएफ अकाउंट’ विकल्प पर जाएं।
  3. आवेदन फॉर्म भरें और आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।
  4. उस राशि को दर्ज करें जिसे आप हर साल जमा करना चाहते हैं और आवेदन जमा करें।
  5. पंजीकृत मोबाइल नंबर पर प्राप्त ओटीपी दर्ज करके अपनी पहचान की पुष्टि करें।
  6. खाता खुलने की पुष्टि संबंधी जानकारी आपको ईमेल द्वारा प्राप्त होगी। इसके बाद आपका खाता खुल जाएगा।

पीपीएफ निवेशकों के लिए एक शानदार कर-मुक्त और सुरक्षित बचत योजना है। यह लंबी अवधि के लिए वित्तीय स्थिरता प्रदान करता है। चाहे ऑफलाइन हो या ऑनलाइन, इसे खोलना आसान है और यह छोटे निवेशकों के लिए एक आकर्षक विकल्प साबित हो सकता है।

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Inactive Credit Card: क्रेडिट कार्ड का लम्बे समय तक उपयोग न करने के नुकसान, जानें क्या हो सकते हैं प्रभाव

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Inactive Credit Card: क्रेडिट कार्ड का लम्बे समय तक उपयोग न करने के नुकसान, जानें क्या हो सकते हैं प्रभाव

Inactive Credit Card: क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल न करने के कई नुकसान होते हैं जिन्हें हम अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं। यदि आप लंबे समय से अपने क्रेडिट कार्ड का उपयोग नहीं कर रहे हैं, तो यह आपके लिए चिंता का विषय हो सकता है, क्योंकि इससे आपके क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और आपके क्रेडिट कार्ड अकाउंट को भी बंद किया जा सकता है। इस लेख में हम क्रेडिट कार्ड के इनएक्टिव होने से जुड़े नुकसान और इससे बचने के उपायों पर चर्चा करेंगे।

1. आपका अकाउंट हो सकता है बंद

यदि आप लंबे समय तक अपने क्रेडिट कार्ड का उपयोग नहीं करते हैं, तो वह अकाउंट डॉर्मेंट (inactive) घोषित किया जा सकता है। सामान्यत: अगर आप छह महीने से एक साल तक अपने क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल नहीं करते हैं, तो क्रेडिट कार्ड कंपनी आपको सूचित करती है और आपको कार्ड को फिर से सक्रिय करने का एक मौका देती है। हालांकि, अगर आप इस समयावधि के भीतर कार्ड का उपयोग नहीं करते हैं, तो आपका अकाउंट बंद भी हो सकता है।

इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने कार्ड का नियमित उपयोग करें, ताकि यह डॉर्मेंट न हो और आपके अकाउंट को बंद करने का जोखिम न बने।

2. क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव

क्रेडिट कार्ड का अकाउंट बंद होने से आपके क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। जब आपका अकाउंट बंद हो जाता है, तो आपका कुल क्रेडिट लिमिट घट जाता है, जिससे आपकी क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो (Credit Utilization Ratio) बढ़ सकती है।

क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो आपके द्वारा उपयोग किए गए क्रेडिट की राशि को आपके कुल क्रेडिट लिमिट से तुलना करके निकाला जाता है। यह रेशियो आमतौर पर आपके क्रेडिट स्कोर का लगभग 30% हिस्सा होता है। अगर यह रेशियो बहुत अधिक हो जाता है, तो आपका क्रेडिट स्कोर घट सकता है, जो आपके भविष्य में लोन प्राप्त करने या क्रेडिट कार्ड अप्लाई करने में परेशानी का कारण बन सकता है।

3. इनाम, कैशबैक और अन्य सुविधाओं का नुकसान

यदि आप क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल नहीं करते हैं, तो इसका मतलब है कि आप विभिन्न सुविधाओं और ऑफर्स से वंचित हो सकते हैं, जैसे कि रिवॉर्ड पॉइंट्स, कैशबैक ऑफर, और लाउंज एक्सेस। इसके अलावा, यदि आपका क्रेडिट कार्ड लंबे समय तक निष्क्रिय रहता है, तो आपके द्वारा इकट्ठा किए गए रिवॉर्ड्स और पॉइंट्स भी समाप्त हो सकते हैं।

यह एक बड़ी हानि हो सकती है, क्योंकि आपने जिन रिवॉर्ड्स और पॉइंट्स को जमा किया था, वे अब बेकार हो जाएंगे। इसके अलावा, यदि आप किसी अन्य विशेष ऑफर का लाभ उठाने के लिए क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते हैं, तो इस ऑफर से भी आप चूक सकते हैं।

4. ग्राहक सेवा से बात करें

भारत में अधिकांश क्रेडिट कार्ड जारी करने वाली कंपनियां inactive fees या पेनल्टी नहीं लगाती हैं अगर कार्ड का उपयोग न किया जाए। फिर भी, यह बेहतर होगा कि आप अपनी कार्ड जारी करने वाली कंपनी के ग्राहक सेवा विभाग से संपर्क करें और इस बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करें। वे आपको इस बात की जानकारी देंगे कि क्या आपके अकाउंट में कोई शुल्क लगाया जाएगा और अगर ऐसा है, तो इसके बारे में क्या कदम उठाए जा सकते हैं।\

Inactive Credit Card: क्रेडिट कार्ड का लम्बे समय तक उपयोग न करने के नुकसान, जानें क्या हो सकते हैं प्रभाव

5. क्रेडिट कार्ड को सक्रिय रखने के उपाय

यदि आप अपने क्रेडिट कार्ड को सक्रिय रखना चाहते हैं और इसके नुकसानों से बचना चाहते हैं, तो आपको कुछ आसान उपायों को अपनाना चाहिए। यहां कुछ सुझाव दिए जा रहे हैं:

a. छोटे-छोटे लेन-देन करें

अपने क्रेडिट कार्ड को सक्रिय रखने के लिए, आपको इसे कुछ महीनों के अंतराल पर इस्तेमाल करना चाहिए। आप छोटे-छोटे लेन-देन कर सकते हैं, जैसे कि कैफे में खाना या ऑनलाइन शॉपिंग। यह न केवल आपके कार्ड को सक्रिय रखेगा, बल्कि इसके माध्यम से आपको रिवॉर्ड पॉइंट्स और कैशबैक का लाभ भी मिलेगा।

b. क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट को नियमित रूप से जांचें

आपको नियमित रूप से अपने क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट की जांच करनी चाहिए। इससे आपको यह पता चलता रहेगा कि आपका कार्ड सक्रिय है या नहीं, और यदि कार्ड में कोई अप्रत्याशित शुल्क या रिवॉर्ड पॉइंट्स हैं, तो आप उन्हें सही समय पर देख सकेंगे।

c. अगर आपको कार्ड की आवश्यकता नहीं है, तो बैंक से संपर्क करें और उसे बंद करवा दें

अगर आपको किसी कारणवश क्रेडिट कार्ड की जरूरत नहीं है, तो बेहतर होगा कि आप बैंक से संपर्क करें और उसे बंद करवा दें। इससे न केवल आपके कार्ड से जुड़ी कोई भी शुल्क खत्म हो जाएगी, बल्कि आपके क्रेडिट स्कोर पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

d. डॉर्मेंट अकाउंट को फिर से सक्रिय करें

यदि आपका अकाउंट डॉर्मेंट हो गया है, तो आप बैंक से संपर्क करके इसे फिर से सक्रिय करा सकते हैं। बैंक आपको बताएगा कि आपको क्या प्रक्रिया अपनानी होगी और इसके लिए आपको किन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी।

क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल न करने के कई नकारात्मक प्रभाव होते हैं, जिनसे आपको बचने के लिए जरूरी कदम उठाने चाहिए। अकाउंट का बंद होना, क्रेडिट स्कोर का गिरना और रिवॉर्ड्स का समाप्त होना कुछ मुख्य नुकसान हैं जो आपके क्रेडिट कार्ड के इनएक्टिव होने के कारण हो सकते हैं।

इसलिए, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि आप अपने क्रेडिट कार्ड का नियमित उपयोग करें और यदि आवश्यक हो, तो ग्राहक सेवा से संपर्क करके अधिक जानकारी प्राप्त करें। इसके अलावा, यदि आप क्रेडिट कार्ड का उपयोग नहीं करना चाहते हैं, तो आप उसे बंद भी करवा सकते हैं ताकि कोई नकारात्मक प्रभाव आपके क्रेडिट स्कोर पर न पड़े।

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